त्वरित जीत हासिल करने में असफल, फिर भी रूसी सेना की स्थिति मजबूत

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जेलेंस्की ने राष्ट्र के नाम अपने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘यह पूरी तरह से सोची-समझी चाल है। बस अपने लिए सकून की बात है कि मॉस्को के उस स्टेडियम में 14,000 लाशें हैं और हजारों घायल लोग हैं।

वाशिंगटन| इस बात के काफी संकेत हैं कि यूक्रेन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की त्वरित जीत की उम्मीदों को किस कदर विफल कर दिया है और कैसे रूस की सेना लड़ाई की तैयारी से बहुत दूर साबित हुई है।

रूसी सैनिकों को ले जा रहा एक ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया, उसके दरवाजे रॉकेट से चलाये गए ग्रेनेड से उड़ गए। विदेशी आपूर्ति वाले ड्रोन रूसी कमान चौकी को निशाना बनाते हैं। रूस ने अपने सैकड़ों टैंक खो दिए हैं, कई जले हुए या सड़कों के किनारे छोड़ दिए गए हैं, और इसकी मृत्यु दर हाल के वर्षों में देश के पिछले सैन्य अभियानों की तुलना में आगे बढ़ती प्रतीत हो रही है।

युद्ध शुरू हुए तीन सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी, कीव में आसानी से सरकार बदलने के पुतिन के प्रारंभिक उद्देश्य गायब हो गया है। हालांकि रूस की सेना की स्थिति अब भी मजबूत है।

सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि मजबूत सैन्य ताकत और शहरों को तबाह करने वाले हथियारों के भंडार के साथ, रूसी सेनाएं अपने राष्ट्रपति की योजना के अनुसार लड़ सकती हैं, चाहे वह बातचीत से समझौता का हो या विनाश का।

यूक्रेन के लोगों के दृढ़ संकल्पों के बावजूद, रूस की सेना के नुकसान और क्रेमलिन नेताओं की सभी त्रुटियों के बावजूद, इस युद्ध के जल्द समाप्त होने के कोई संकेत नहीं हैं।

यदि पुतिन अपने पड़ोसी पर नियंत्रण करने में विफल भी रहते हैं, तो भी वह उसके शहरों और लोगों पर दंडात्मक हमले जारी रख सकते हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी सेनाएं बड़े शहरों को घेर रही हैं और इस तरह की दयनीय स्थिति पैदा करना चाहती हैं कि यूक्रेन के नागरिकों को उनका सहयोग करना पड़े।

हालांकि, जेलेंस्की ने शनिवार को चेताया कि ये रणनीति सफल नहीं होगी और यदि रूस युद्ध को समाप्त नहीं करता है तो उसे लंबे समय तक नुकसान उठाना पड़ेगा। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति कार्यालय) पर जानबूझकर ‘‘मानवीय संकट’’ पैदा करने का आरोप लगाया।

जेलेंस्की ने राष्ट्र के नाम अपने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘यह पूरी तरह से सोची-समझी चाल है। बस अपने लिए सकून की बात है कि मॉस्को के उस स्टेडियम में 14,000 लाशें हैं और हजारों घायल लोग हैं।

ये वो कीमत है जो रूस को अब तक युद्ध में चुकानी पड़ी है।’’ वीडियो कीव स्थित राष्ट्रपति कार्यालय के सामने रिकॉर्ड किया गया था।

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