Vishwakhabram: रूस ने Iran की मदद से जो Shahed Drones बनाये हैं उसने Ukraine की नाक में दम करके रख दिया है

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रूस ने शुरुआत में शाहिद ड्रोन को ईरान से खरीदा और बाद में ईरान द्वारा डिजाइन इन मानव रहित ड्रोन को अपने देश में ही असेंबल करने के लिए 2023 में कारखाने की स्थापना की। उत्पादन पर अधिक नियंत्रण ने रूस को बड़ी संख्या में शाहिद ड्रोन का उत्पादन करने का अवसर मिला।

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में शुरुआत से ड्रोनों की अहम भूमिका रही है जोकि हाल के दिनों में और बढ़ गई है। यूक्रेन के भीतर तक हमला कर रहा रूस घातक ड्रोनों का धड़ल्ले से उपयोग कर रहा है। हाल ही में यानि एक जून को एक दिन में सबसे बड़ा ड्रोन हमला करते हुए रूस ने यूक्रेन के शहरों को निशाना बनाया। यूक्रेन की वायुसेना के मुताबिक उसे एक रात में, आक्रमण कर नष्ट होने वाले 472 मानव रहित ड्रोन (ओडब्ल्यूए) के हमले का सामना करना पड़ा। वैसे यह रिकॉर्ड शायद लंबे समय तक कायम नहीं रहे क्योंकि पिछला रिकॉर्ड 26 मई को बना था जब रूस ने 355 ड्रोन हमले किए थे। इससे पहले रूस ने 298 शाहिद ड्रोन से हमला कर नया कीर्तिमान बनाया था। रूस अब लगातार ड्रोनों की संख्या बढ़ाता जा रहा है ताकि यूक्रेन चकरा जाए। वैसे रूस की ओर से बड़े पैमाने पर ओडब्ल्यूए ड्रोन से हमले भले अन्यों के लिए आश्चर्य की बात हो लेकिन यह रूसी सेना की सालों की मेहनत का नतीजा है।

हम आपको बता दें कि रूस ने शुरुआत में शाहिद ड्रोन को ईरान से खरीदा और बाद में ईरान द्वारा डिजाइन इन मानव रहित ड्रोन को अपने देश में ही असेंबल करने के लिए 2023 में कारखाने की स्थापना की। उत्पादन पर अधिक नियंत्रण ने रूस को बड़ी संख्या में शाहिद ड्रोन का उत्पादन करने का अवसर मिला। इससे उसे धीरे-धीरे अपने ड्रोन को उन्नत बनाने में भी मदद मिली। गिराए गए शाहिद ड्रोन की जांच से जानकारी मिली है कि रूस ड्रोन पर कार्बन की परत चढ़ा रहा है जिससे आने वाली तरंगों को वापस परावर्तित करने के बजाय उन्हें अवशोषित किया जा सके ताकि वे रडार की पकड़ में नहीं आएं। वे उनमें सिम भी जोड़ रहे हैं ताकि मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से ये ड्रोन आकंड़े वापस रूप को भेज सकें।

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शाहिद में लगाए जाने वाले मुखास्त्र को भी अपडेट किया गया है। यूक्रेन की मीडिया ने 20 मई को बताया था कि शाहिद में नए आग लगाने वाले और विखंडित होने वाले मुखास्त्र का इस्तेमाल किया जा रहा है जो पहले आग लगाते हैं और फिर बड़ी मात्रा में छर्रे फैलाते हैं ताकि उनकी असर बढ़ सके। ये बदलाव ड्रोन की कीमत को एक सीमा में रखने के लिए कारगर थे, जो मिसाइल की तुलना में इसका प्रमुख सकारात्मक पक्ष है। ये ड्रोन सस्ते और लंबी दूरी तक मार करने वाले दोनों हैं। इसका अभिप्राय यह है कि रूस जैसे हमलावर यूक्रेन में हर महीने सैंकड़ों हमले इस बात की चिंता किये बिना कर सकते हैं कि उसके कितने ड्रोन गिरते हैं।

इस बीच, इन हमलों से बचाव करने वाला इस बात पर विचार कर रहा है कि आने वाले सभी ड्रोन को उचित लागत पर कैसे मार गिराया जाए। समस्या इस तथ्य से और भी जटिल हो जाती है कि शत्रु विमानों को मार गिराने के लिए अग्रिम मोर्चे पर वायु रक्षा प्रणालियों की अत्यंत आवश्यकता होती है, जिससे इन ड्रोन को गिराना और भी कठिन चुनौती हो जाती है। हाल ही में छद्म शाहिद ड्रोन के उत्पादन ने समस्या को और भी बढ़ा दिया है क्योंकि इनमें कोई मुखास्त्र नहीं लगा होता और स्वयं ये कोई खतरा नहीं पैदा करते, लेकिन यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली अकसर इन छद्म और मुखास्त्रों से लैसे ड्रोन के बीच अंतर नहीं कर पाती और ऐसी स्थिति में सभी को मार गिराने की जरूरत होती है। साथ ही, रूस द्वारा एक दिन में 472 ड्रोन हमले रूस के अब तक के सभी नवाचारों को दर्शाता है। इससे दुश्मन के निशाने से बचने वाले ड्रोन की संख्या में वृद्धि हुई है, मारक क्षमता में सुधार हुआ है, साथ ही सशस्त्र ड्रोन के साथ-साथ छद्म ड्रोन का उपयोग करके यह सुनिश्चित किया गया है कि अधिक से अधिक ड्रोन अपने लक्ष्य तक पहुंचें।

प्रश्न उठता है कि यूक्रेन के समक्ष क्या चुनौतिया हैं?

यूक्रेन ने आने वाले अधिकतर शाहिद ड्रोन को मार गिराया है। उसने दावा किया कि हमलावर 472 ड्रोन में से उसने 382 को मार गिराया। इस प्रकार उसकी सफलता दर 81 प्रतिशत है। हालांकि, अपेक्षाकृत इन शाहिद ड्रोन को मार गिराने की दर उसकी सफलता की दर को कमतर दर्शाती है। सैन्य मापदंडों के हिसाब से शाहिद ड्रोन की लागत कम है। इसलिए लगातार हमले करने से यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणालियों पर असंगत बोझ है। कीव ने अपने शहरों की सुरक्षा के लिए भारी मात्रा में संसाधन जुटाए हैं, ट्रक पर तैनात सचल इकाइयों से लेकर शाहिद ड्रोन को गिराने के लिए अपेक्षाकृत सस्ती विमान रोधी मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। जैसा कि कहा गया है कि इन प्रणालियों की मारक क्षमता सीमित दूरी के लिए होती है। ऐसे में ड्रोन हमले रोकने के लिए यूक्रेन जैसे बड़े देश में बड़ी संख्या में ऐसी वायु रक्षा प्रणालियों की तैनाती करनी होती है; जिससे प्रत्येक ड्रोन को गिराने से होने वाली बचत तैनाती की लागत के मुकाबले न के बराबर होती है।

यूक्रेन के पास रूस की शाहिद ड्रोन उत्पादन फैक्टरियों पर हमला करने का भी विकल्प है, जिसका उसने कई बार प्रयास किया है। यूक्रेन की मजबूत होती वायु रक्षा के बावजूद, रूस को अब भी शाहिद ड्रोन हमलों में सैन्य आधार पर लाभ होता नजर आ रहा है। पिछले साल एक अध्ययन में यह तथ्य उभर कर आया था कि 2022 और 2023 में रूस की प्रारंभिक ओडब्ल्यूए ड्रोन रणनीति ने यूक्रेन को रूस के अनुकूल शर्तों पर युद्ध समाप्त करने के लिए बातचीत करने को मजबूर करने में बहुत कम मदद की। अब भी यही स्थिति हो सकती है, लेकिन ड्रोन की संख्या और हमलों की तीव्र गति का अर्थ है कि रूसी रणनीति का लक्ष्य यूक्रेन की वायु रक्षा को व्यवस्थित तरीके से कमजोर करना हो सकता है।

देखा जाये तो यूक्रेन अमेरिकी सैन्य सहायता पर मंडरा रहे संशय के बादल से जूझ रहा है। इसलिए कीव पर अपनी उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों के लिए गोला-बारूद समाप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। इसका अभिप्राय यह है कि लगातार शाहिद ड्रोन हमलों से यूक्रेन के लिए आने वाली मिसाइलों को रोकना अधिक कठिन हो जाता है, जो बहुत बड़े मुखास्त्र से लैस होती हैं। निश्चित तौर पर यूक्रेन के पास शाहिद ड्रोन का अपना संस्करण हैं, जिनका उपयोग वह नियमित रूप से रूसी सैन्य और तेल सुविधाओं पर हमले करने के लिए करता है। यूक्रेन के ओडब्ल्यूए ड्रोन के बारे में कम जानकारी है, लेकिन वे अक्सर शाहिद के समान कई विशेषताओं का उपयोग करते हैं जैसे कि उपग्रह आधारित नौसंचालन। बहरहाल, रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए शाहिद ड्रोन का इस्तेमाल केवल सैन्य लाभ के लिए नहीं है। उनके लिए इसका राजनीतिक हित भी है। पुतिन ने रूसी जनता के सामने अपनी ताकत का एहसास कराने के लिए शाहिद ड्रोन हमलों का इस्तेमाल किया है।

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