श्रीलंका कर्ज राहत दिलाने की जी7 देशों की घोषणा का स्वागत करता है : विक्रमसिंघे

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श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को जी7 देशों की इस घोषणा का स्वागत किया कि वे सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहे द्वीपीय देश को कर्ज से राहत दिलाने में मदद करेंगे। श्रीलंका 1948 में अपनी आजादी के बाद के सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है।

कोलंबो। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को जी7 देशों की इस घोषणा का स्वागत किया कि वे सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहे द्वीपीय देश को कर्ज से राहत दिलाने में मदद करेंगे। श्रीलंका 1948 में अपनी आजादी के बाद के सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश में विदेशी मुद्रा की भारी किल्लत हो गई है, जिससे महंगाई बढ़ गई है और ईंधन, रसोई गैस, खाद्यान्न व बिजली का संकट पैदा हो गया है। इस चुनौतीपूर्ण दौर में सात देशों के समूह (जी7) ने घोषणा की है कि वह कर्ज राहत दिलाने में श्रीलंका की मदद करेगा। जी7 समूह में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं।

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विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘मैं जी7 देशों की इस घोषणा का स्वागत करता हूं कि वे कर्ज राहत दिलाने में श्रीलंका की मदद करेंगे। श्रीलंका के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निरंतर भागीदारी आर्थिक संकट से उबरने की दिशा में अहम है।’’ इस बीच, जापान सरकार ने शुक्रवार को श्रीलंका की मदद के लिए 15 लाख डॉलर का वित्त पोषण देने की घोषणा की।

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इस निधि का इस्तेमाल संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) करेगा, ताकि जरूरतमंद बच्चों और परिवारों की खाद्य सहायता की जा सके। श्रीलंकाई प्रधानमंत्री ने बुधवार को कहा था कि उनका देश एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के भुगतान में चूक गया है। इससे श्रीलंका को नया कोष मिलने का रास्ता बंद हो गया है। बताया जा रहा है कि विदेशी मुद्रा संकट से जूझ रहे द्वीपीय देश के लिए बहुपक्षीय संस्थान से वित्त पोषण मिलना बंद होना एक बड़ा झटका साबित होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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