सब चीन-ईरान-पाकिस्तान में लगे रहे, इधर मोदी ने अमेरिका से कर ली सीक्रेट डील, 14 देशों को टैरिफ वाला लेटर भेजने वाले ट्रंप ने यूं ही नहीं भारत को इससे रखा बाहर

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अभिनय आकाश । Jul 8 2025 3:19PM

जापान और साउथ कोरिया को चेतावनी भी दी कि वे अपने टैक्स बढ़ाने की जवाबी कार्रवाई न करें। ऐसा करने पर अमेरिका आयातित चीजों पर टैक्स बढ़ा देगा। इससे जापान और दक्षिण कोरिया के ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को नुकसान हो सकता है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स समूह की अमेरिका विरोधी नीतियों का साथ देने वाले देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है। साथ ही ट्रंप ने जापान और साउथ कोरिया को टैरिफ से जुड़ा लेटर जारी किया। उसमें दोनों देशों पर 25% टैरिफ लगा दिया। यह पहली अगस्त से लागू होगा। ट्रंप ने पहली अगस्त से लागू होने वाले टैरिफ की जानकारी दूध सोशल पर लेटर पोस्ट करके दी। इसमें जापान और साउथ कोरिया को चेतावनी भी दी कि वे अपने टैक्स बढ़ाने की जवाबी कार्रवाई न करें। ऐसा करने पर अमेरिका आयातित चीजों पर टैक्स बढ़ा देगा। इससे जापान और दक्षिण कोरिया के ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को नुकसान हो सकता है। 

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भारत पर क्यों नहीं लगाया टैरिफ

ट्रंप ने भारत पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमने यूनाइटेड किंगडम के साथ डील की है। चीन के साथ भी डील की है। भारत के साथ डील के बेहद करीब है। संदेश एकदम सीधा है कि भारत को छोड़कर अमेरिका बाकी देशों से नाराज है। 14 देशों को अमेरिका ने टैरिफ वाला लेटर भेजा है। जिसमें साफ साफ कहा गया कि अगर बातचीत नहीं हुई तो 1 अगस्त से भारी भरकम टैक्स लागू होंगे। इन देशों में बांग्लादेश, साउथ कोरिया, थाइलैंड, जापान और 10 अन्य देश शामिल हैं जो अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदार माने जाते हैं। लेकिन भारत इस लिस्ट में नहीं है।  

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भारत अमेरिका के बीच सीक्रेट डील 

ट्रंप ने जो कहा वो साफ करता है कि अमेरिका भारत के साथ एक पसंदीदा डील की ओर बढ़ रहा है। इसका एक बड़ा कारण भारत की जियोपॉलिटिकल अहमियत है। भारत आज न केवल बड़ा बाजार है बल्कि अमेरिका के लिए एक स्ट्रैर्जिक पार्टनर भी बन चुका है। खासकर जब चीन को काउंटर करने की बात आती है। इसके अलावा दोनों देश कई वर्षों से टैरिफ कम करने और व्यापार को आसान बनाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। लेकिन इसमें पेंच ये है कि अमेरिका चाहता है कि भारत अपने डेयरी सेक्टर को विदेशी कंपनियों के लिए खोले। कृषि उत्पादों पर लगने वाले टैक्स कम करे। अमेरिकी फूड प्रोडक्ट्स को भारत के बाजार में ज्यादा एक्सेस दे। लेकिन भारत के लिए ये सब राजनीतिक रूप से बहुत संवेदनशील है। 

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