आखिरी बोडो मिलिटेंट ग्रुप ने किया सरेंडर, म्यांमार से वापस लौटा

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निधि अविनाश । Jan 14 2020 11:56AM

असम के आखिरी बो़डो मिलिटेंट संगठन नेशनल डेमोक्रैटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के सदस्यों ने म्यांमार बेस छोड़ भारत के सामने भारत-म्यांमार बॉर्डर पर शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया है। यह संगठन पहले परेश बरूआ के उल्फा के साथ काम करता था।

दिल्ली। असम के आखिरी बो़डो मिलिटेंट संगठन नेशनल डेमोक्रैटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के सदस्यों ने म्यांमार बेस छोड़ भारत के सामने भारत-म्यांमार बॉर्डर पर शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया है। जिसके बाद इस संगठन को गुवाहटी ले जाया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 50 सशस्त्र काडरों ने चेयरमैन बी. सौरईग्वरा के नेतृत्व में हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया। दरअसल यह बोडोलैंड टेरिटोरियल कांउसिल के मुख्य प्रशासक हगरमा महिलरी की पहल और भारत-म्यांमार की संयुक्त कोशिशों से मुमकिन हो पाया है।

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यह संगठन पहले परेश बरूआ के उल्फा के साथ काम करता था। सौरईग्वरा और उसके परिवार को गांव तामू से लाया गया है। दूसरे ग्रुप ने अपने महासचिव बी.आर. फरेंगा के साथ लॉन्गवा गांव में आत्मसमर्पण किया है। द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बोडो लिबरेशन टाइगर्स का नेतृत्व करने वाले महिलरी ने कहा कि बोडो समूहों को मुख्यधारा में लाने की जिम्मेदारी उन्होंने ली है और वह संविधान के शेड्यूल 6 के तहत बोडो ऑटोनॉमस काउंसिल एरिया से मिलिटेंट्स को बाहर करेंगे। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों के सभी संगठनों को केंद्र की शांतिवार्ता के लिए भी अपील किया है।

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