लॉटरी का टिकट फेंक कर गई महिला, भारतीय मूल ने वापस लौटाया; हुई लखपति

threw $1 million lottery ticket, but an Indian-origin family in US returned it

न्यूयॉर्क पोस्ट ने अपनी खबर में बताया कि महिला ने जल्दबाजी में टिकट पूरी तरह नहीं खुरचा था और यह टिकट बेकार टिकटों के बीच दस दिन तक रखा रहा। इसके बाद दुकान के मालिक के बेटे अभि शाह की नजर उस टिकट पर गई।

न्यूयॉर्क। अमेरिका के मेसाच्युसेट्स राज्य में भारतीय मूल के एक परिवार ने ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए एक महिला को उसका लॉटरी का टिकट वापस कर दिया, जिसे वह बेकार समझ कर फेंक गई थी और इस टिकट ने महिला को रातोंरात लखपति बना दिया। भारतीय मूल के परिवार की, ईमानदारी के लिए खूब प्रशंसा हो रही है। ली रोज़ फिएगा ने मार्च के महीने में ‘लकी स्टॉप’ नामक दुकान से लॉटरी का एक टिकट खरीदा था। यह दुकान साउथविक इलाके में रहने वाले भारतीय मूल के एक परिवार की है। महिला अक्सर इस दुकान से टिकट खरीदती थी। फिएगा ने सोमवार को बताया कि ,‘‘मेरा लंच ब्रेक था और मैं जल्दी में थी। मैंने जल्दबाजी में टिकट का नंबर खुरचा और उसे देख कर लगा कि मेरी लॉटरी नहीं निकली है तो मैंने उन्हें टिकट दे कर उसे फेंकने के लिए कहा।’’

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न्यूयॉर्क पोस्ट ने अपनी खबर में बताया कि महिला ने जल्दबाजी में टिकट पूरी तरह नहीं खुरचा था और यह टिकट बेकार टिकटों के बीच दस दिन तक रखा रहा। इसके बाद दुकान के मालिक के बेटे अभि शाह की नजर उस टिकट पर गई। खबर में अभि शाह ने कहा ,‘‘यह टिकट उसकी मां अरुणा शाह ने बेचा था और जिसे बेचा था वह महिला हमारी नियमित ग्राहक थी।’’ स्थानीय टेलीविजन स्टेशन डब्ल्यूडब्ल्यूएलपी ने अपनी खबर में अभि के हवाले से बताया,‘‘ एक शाम मैं बेकार पड़े टिकटों को देख रहा था और मैंने देखा कि उन्होंने ठीक से नंबर को खुरचा नहीं है। मैंने नंबर को खुरचा और देखा कि उसमें दस लाख डॉलर का इनाम है।’’ अभि ने मजाकिया लहजे में कहा,‘‘ मैं रातोंरात लखपति बन गया।’’ उसने कहा कि उसने इस पैसे से एक कार खरीदने की सोची पर बाद में उसने टिकट वापस करने का निर्णय किया।

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शाह परिवार ने कहा कि टिकट वापस करने का निर्णय आसान नहीं था। दुकान के मालिक मुनीश शाह ने कहा,‘‘ हम दो रात सोए नहीं। उसने भारत में मेरी मां, यानी अपनी दादी को फोन किया और उन्होंने कहा कि टिकट वापस कर दो, हमें वह पैसा नहीं चाहिए।’’ इसके बाद परिवार ने टिकट वापस करने का फैसला किया। पूरी घटना पर फिएगाा ने कहा,‘‘ शाह मुझे बुलाने आया तो मैंने कहा कि मैं काम कर रही हूं,लेकिन उसने कहा कि नहीं तुम्हें आना होगा,तो मैं वहां गई और वहां पहुंच कर मुझे पूरी बात पता चली। मुझे विश्वास ही नहीं हुआ। मैं रोई और उन्हें गले से लगाया।’’ भारतीय मूल के परिवार के इस काम के लिए उनकी खूब प्रशंसा हो रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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