रिश्तों की कड़वाहट मिटाने, तुर्की पहुंचे इजराइल के राष्ट्रपति

Isaac Hergos

कदम तब तुर्की ने उठाया जब वह मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात एवं सऊदी अरब समेत कई देशों के साथ अपने तनावपूर्ण संबंधों को सामान्य बनाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने अलगाव को दूर करने की कोशिश में लगा था।

अंकारा, अपने संकटग्रस्त रिश्तों की कड़वाहट मिटाने की कोशिश के तहत इजराइल के राष्ट्रपति इसाक हर्गोज बुधवार को तुर्की की यात्रा पर पहुंचे जो 14 साल में किसी इजराइली राष्ट्रपति की इस देश की पहली यात्रा है। हर्गोज का अंकारा में तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के साथ भेंटवार्ता करने का कार्यक्रम है जिसके बाद वह तुर्की के यहूदी समुदाय से मिलने इंस्ताबुल जायेंगे। वैसे तो तुर्की एवं इजराइल कभी घनिष्ठ सहयोगी हुआ करते थे लेकिन एर्दोआन के कार्यकाल में संबंधों में तब खटास आ गयी थी जब उन्होंने फलस्तीनियों के प्रति इजराइल की नीतियों की मुखरता से आलोचना की थी। इजरायल हमास के साथ एर्दोआन की नजदीकियों से नाराज है। इजरायल हमास को आतंकवादी संगठन मानता है जिसका गाजापट्टी पर नियंत्रण है।

वर्ष 2010 में फलस्तीनियों के लिए मानवीय सहायता लेकर गाजा जा रहे नौकाओं के समूह पर इजरायली सुरक्षाबलों ने हमला किया। इस हमले मेंतुर्की के नौ कार्यकर्ता मारे गये थे। उसके बाद दोनों देशों ने एक दूसरे के यहां से अपने-अपने राजदूत बुला लिये थे। वर्ष 2018 में दोनों देशों के बीच संबंध तब और बिगड़ गये जब अमेरिका द्वारा अपना दूतावास यरूशलम ले जाने से नाराज होकर तुर्की ने एक बार फिर अपने राजदूत को वापस बुला लिया। इजरायल ने भी ऐसा ही कदम उठाया। तब से दोनों देशों ने अबतक राजदूत नहीं नियुक्त किये हैं। इजरायल के साथ सुलह का कदम तब तुर्की ने उठाया जब वह मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात एवं सऊदी अरब समेत कई देशों के साथ अपने तनावपूर्ण संबंधों को सामान्य बनाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने अलगाव को दूर करने की कोशिश में लगा था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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