तोशाखाना भ्रष्टाचार मामला: पाकिस्तानी अदालत में दोषसिद्धि के खिलाफ इमरान की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक टली

Islamabad High Court
Creative Common

लेकिन खान ने कुछ दिनों के अंदर ही इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी और सजा को निलंबित करने तथा फैसले को पलटने का अनुरोध किया। अदालत ने 22 अगस्त को शुरुआती सुनवाई की, लेकिन ईसीपी के वकील अमजद परवेज के यह कहने के बाद सुनवाई 24 अगस्त तक टाल दी कि उन्हें मामले का रिकॉर्ड नहीं उपलब्ध कराया गया है और उनको तैयारी करने के लिए समय चाहिए। कई रिपोर्ट के अनुसार, खान को अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान विश्वभर के कई नेताओं से 14.0 करोड़ रुपये से अधिक के 58 उपहार मिले और उन सभी को उन्होंने ना के बराबर राशि का भुगतान करके या बिना किसी भुगतान के अपने पास रखा। इस मामले में इमरान पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2018 से 2022 तक प्रधानमंत्री पद पर रहने के दौरान तोशाखाना से हासिल किये गये उपहारों और उनकी बिक्री से हुई आय के ब्योरे को ‘जानबूझकर छिपाया’। तोशाखाना एक सरकारी भंडारण विभाग है जिसमें पाकिस्तानी अधिकारियों को विदेशी सरकारों से मिले उपहारों को रखा जाता है।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने बृहस्पतिवार को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में एक सत्र अदालत द्वारा सुनाई गई सजा और अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी। इमरान खान फिलहाल जेल में बंद हैं। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की पीठ ने तोशाखाना मामले में सजा के खिलाफ 70 वर्षीय खान की अपील पर सुनवाई फिर से शुरू की। सुनवाई के दौरान, खान के वकील लतीफ खोसा ने दोषसिद्धि के खिलाफ अपनी दलील पेश की और कहा कि फैसला जल्दबाजी में दिया गया था और इसमें खामियां हैं। जैसे ही बचाव दल ने दलीलें पूरी कीं, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी)के वकील अमजद परवेज ने बहस शुरू कर दी। उन्होंने अदालत से कहा कि उन्हें अपनी दलील पेश करने के लिए कम से कम तीन घंटे का समय चाहिए।

इसके बाद अदालत ने सुनवाई शुक्रवार सुबह साढ़े 11 बजे तक के लिए टाल दी। इससे अलग, उच्चतम न्यायालय ने भी संक्षिप्त सुनवाई के बाद मामले को इस टिप्प्णी के साथ स्थगित कर दिया कि वह आईएचसी की सुनवाई के परिणामों का इंतजार करेगा। मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय शीर्ष अदालत की पीठ ने तोशाखाना मामले में याचिकाओं की सुनवाई की जिसमें न्यायमूर्ति मजहर अली अकबर नकवी और न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखाइल भी शामिल हैं। इस मामले की शुरुआत पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान चुनाव आयोग की शिकायत पर हुई थी जिसने इसके पहले इसी मामले मे खान को अयोग्य ठहराया था। महीनों तक चली सुनवाई के बाद इस्लामाबाद स्थित सत्र अदालत के न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने पांच अगस्त को खान को सरकारी उपहारों की बिक्री से प्राप्त आय को छिपाने के लिए तीन साल की सजा सुनाई।

लेकिन खान ने कुछ दिनों के अंदर ही इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी और सजा को निलंबित करने तथा फैसले को पलटने का अनुरोध किया। अदालत ने 22 अगस्त को शुरुआती सुनवाई की, लेकिन ईसीपी के वकील अमजद परवेज के यह कहने के बाद सुनवाई 24 अगस्त तक टाल दी कि उन्हें मामले का रिकॉर्ड नहीं उपलब्ध कराया गया है और उनको तैयारी करने के लिए समय चाहिए। कई रिपोर्ट के अनुसार, खान को अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान विश्वभर के कई नेताओं से 14.0 करोड़ रुपये से अधिक के 58 उपहार मिले और उन सभी को उन्होंने ना के बराबर राशि का भुगतान करके या बिना किसी भुगतान के अपने पास रखा। इस मामले में इमरान पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2018 से 2022 तक प्रधानमंत्री पद पर रहने के दौरान तोशाखाना से हासिल किये गये उपहारों और उनकी बिक्री से हुई आय के ब्योरे को ‘जानबूझकर छिपाया’। तोशाखाना एक सरकारी भंडारण विभाग है जिसमें पाकिस्तानी अधिकारियों को विदेशी सरकारों से मिले उपहारों को रखा जाता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़