ट्रंप के पास शुल्क लगाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है: अमेरिकी अदालत

Donald Trump
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राष्ट्रपति ने ठीक यही करने का संकल्प जताया है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच पर लिखा, “अगर इसे ऐसे ही रहने दिया गया, तो यह फैसला सचमुच अमेरिका को बर्बाद कर देगा।

अमेरिका की एक संघीय अदालत ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास लगभग सभी देशों पर भारी-भरकम शुल्क लगाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। अदालत ने हालांकि “अमेरिकी अर्थव्यवस्था के चारों ओर एक संरक्षणवादी दीवार बनाने” के उनके प्रयास को फिलहाल बरकरार रखा।

अमेरिकी फेडरल सर्किट अपीलीय अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ट्रंप को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने और लगभग सभी देशों पर आयात कर लगाने की कानूनी अनुमति नहीं है। संघीय अदालत ने न्यूयॉर्क की एक विशेष संघीय व्यापार अदालत के फैसले को मोटे तौर पर बरकरार रखा।

न्यायाधीशों ने फैसले में लिखा, “ऐसा प्रतीत नहीं होता कि राष्ट्रपति को शुल्क लगाने का असीमित अधिकार देने का संसद का कोई इरादा है।” हालांकि न्यायाधीशों ने विभिन्न देशों पर लगाए गए शुल्क तत्काल रद्द नहीं किए और ट्रंप प्रशासन को उच्चतम न्यायालय में अपील करने की अनुमति दी।

राष्ट्रपति ने ठीक यही करने का संकल्प जताया है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच पर लिखा, “अगर इसे ऐसे ही रहने दिया गया, तो यह फैसला सचमुच अमेरिका को बर्बाद कर देगा।” व्हाइट हाउस के प्रवक्ता कुश देसाई ने कहा कि ट्रंप ने कानूनी तरीके से काम किया है और “हम इस मामले में अंतिम जीत की उम्मीद करते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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