Trump Tariffs | ट्रम्प ने 14 देशों को भेजा टैरिफ लेटर, लिस्ट में भारत का नाम नहीं, क्या मोदी ने की कोई सीक्रेट डील?

Trump Tariffs
ANI
Neha Mehta । Jul 8 2025 4:41PM

अमेरिका के जवाबी शुल्क के निलंबन को एक अगस्त तक बढ़ाने से भारतीय निर्यातकों को राहत मिलेगी। साथ ही भारत और अमेरिका को अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए लंबित मुद्दों को सुलझाने के वास्ते अतिरिक्त समय मिलेगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स समूह की अमेरिका विरोधी नीतियों का साथ देने वाले देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है। साथ ही ट्रंप ने जापान और साउथ कोरिया को टैरिफ से जुड़ा लेटर जारी किया। उसमें दोनों देशों पर 25% टैरिफ लगा दिया। यह पहली अगस्त से लागू होगा। ट्रंप ने पहली अगस्त से लागू होने वाले टैरिफ की जानकारी ट्रुथ सोशल पर लेटर पोस्ट करके दी। इसमें जापान और साउथ कोरिया को चेतावनी भी दी कि वे अपने टैक्स बढ़ाने की जवाबी कार्रवाई न करें। ऐसा करने पर अमेरिका आयातित चीजों पर टैक्स बढ़ा देगा। इससे जापान और दक्षिण कोरिया के ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को नुकसान हो सकता है। 

अमेरिका के जवाबी शुल्क के निलंबन को एक अगस्त तक बढ़ाने से भारतीय निर्यातकों को राहत मिलेगी। साथ ही भारत और अमेरिका को अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए लंबित मुद्दों को सुलझाने के वास्ते अतिरिक्त समय मिलेगा। ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को विभिन्न देशों को ‘पत्र’ भेजे जिसमें उन देशों के उत्पादों पर अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले शुल्कों का ब्योरा है। इन देशों में हालांकि भारत को शामिल नहीं किया गया। बांग्लादेश, बोस्निया एंड हर्जेगोविना, कंबोडिया, इंडोनेशिया, जापान, कजाकिस्तान, लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, मलेशिया, सर्बिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और ट्यूनीशिया को ट्रंप द्वारा हस्ताक्षरित पत्र भेजे गए हैं।

ट्रंप ने भारत पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमने यूनाइटेड किंगडम के साथ डील की है। चीन के साथ भी डील की है। भारत के साथ डील के बेहद करीब है। संदेश एकदम सीधा है कि भारत को छोड़कर अमेरिका बाकी देशों से नाराज है। 14 देशों को अमेरिका ने टैरिफ वाला लेटर भेजा है। जिसमें साफ साफ कहा गया कि अगर बातचीत नहीं हुई तो 1 अगस्त से भारी भरकम टैक्स लागू होंगे। इन देशों में बांग्लादेश, साउथ कोरिया, थाइलैंड, जापान और 10 अन्य देश शामिल हैं जो अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदार माने जाते हैं। लेकिन भारत इस लिस्ट में नहीं है।  

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