लोगों को कॉरिडोर में नहीं जाने दे रहा यूक्रेन, रूसी विदेश मंत्री का दावा- नागरिकों को बना रहा है मानव ढाल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शनिवार को कहा कि यूक्रेनी सेना ने रूस को खारकीव से विदेशी छात्रों को निकालने की अनुमति नहीं दी। जबकि बेलारूस में अंतिम दौर की वार्ता के दौरान रूस और यूक्रेन ने मानवीय गलियारों के निर्माण पर बातचीत की थी। दो यूक्रेनी शहरों में गलियारे थे।
मॉस्को। यूक्रेन और रूस के बीच दसवें दिन भी युद्ध जारी है। इसी बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन आम लोगों को निकलने नहीं दे रहा है और उनका मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की पर नाटो और रूस में युद्ध भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
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स्पुतनिक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शनिवार को कहा कि यूक्रेनी सेना ने रूस को खारकीव से विदेशी छात्रों को निकालने की अनुमति नहीं दी। जबकि बेलारूस में अंतिम दौर की वार्ता के दौरान रूस और यूक्रेन ने मानवीय गलियारों के निर्माण पर बातचीत की थी। दो यूक्रेनी शहरों में गलियारे थे।
विदेश मंत्री ने बताया कि रूस खारकीव से विदेशी छात्रों को निकालने में मदद करने के लिए तैयार था, लेकिन यूक्रेनी सेना ने ऐसा करने से रोका। उन्होंने बताया कि रूसी सेना के पास खाना, पानी के साथ लगभग 150 बसें थीं। गर्म कपड़े विदेशी छात्रों सहित बड़ी संख्या में नागरिकों को लेने और निकालने के लिए तैयार हैं। लेकिन यूक्रेनी पक्ष ने उनके लिए गलियारा खोलने से इनकार कर दिया।
इससे इतर रूसी रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि यूक्रेनी सेना शहरों में लगभग 5,000 विदेशियों को बंधक बना रही हैं और उन्हें मानवढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत के 1,500 छात्रों सहित कुछ 1,755 विदेशियों को बंधक बनाया गया है। जबकि सूमी में अतिरिक्त 1,106 विदेशियों को रखा जा रहा है।
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रूस ने किया सीजफायर का ऐलान
रूसी सेना शनिवार से यूक्रेन के दो शहरों में सीजफायर पर सहमत हो गई है, ताकि वहां फंसे नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा सके। रूस की सरकारी न्यूज एजेंसियों ने रूसी रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के हवाले से बताया कि मॉस्को यूक्रेनी बलों के साथ कुछ निकासी मार्गों पर सीजफायर के लिए सहमत हो गया है, ताकि नागरिकों को दक्षिण-पूर्व में रणनीतिक लिहाज से अहम बंदरगाह शहर मारियुपोल और पूर्वी शहर वोल्नोवाखा से सुरक्षित निकालने में मदद मिल सके।
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