अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था हो रही तबाह, आधी आबादी के पास खाने के लिए पर्याप्त मात्रा में नहीं है खाना

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अफगानिस्तान में व्यापक भुखमरी को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सहायता प्रमुख ने जी20 से अपील की।डब्ल्यूएफपी (विश्व खाद्य कार्यक्रम) ने इस सप्ताह इस साल अंत तक अपने अभियानों के लिए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर के वित्तपोषण की अपील की है।

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता मामलों के प्रमुख ने दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के नेताओं के बीच कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की चिंता की जानी चाहिए क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था तबाह हो रही है और आधी आबादी के पास खाने के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्य पदार्थ नहीं होने का खतरा है तथा हिमपात भी शुरू हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने शुक्रवार को द एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को एक साक्षात्कार में बताया, ‘‘अफगानिस्तान में जरूरतें बढ़ रही हैं।’’ उन्होंने कहा कि पांच साल से कम उम्र के आधे अफगान बच्चे गंभीर कुपोषण के खतरे का सामना कर रहे हैं और हर प्रांत में खसरा का प्रकोप है।

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ग्रिफिथ्स ने चेतावनी दी कि खाद्य संकट पैदा होने से कुपोषण होता है और फिर बीमारी और मौत होती है और इस संबंध में उचित कदम नहीं उठाया गया तो दुनिया अफगानिस्तान में मौत देखेगी। डब्ल्यूएफपी (विश्व खाद्य कार्यक्रम) ने इस सप्ताह इस साल अंत तक अपने अभियानों के लिए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर के वित्तपोषण की अपील की है। ग्रिफिथ्स ने अमेरिका और उन यूरोपीय देशों से वित्तपोषण का आग्रह किया है, जिन्होंने 15 अगस्त को अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद इस देश को विकास सहायता बंद कर दी। उन्होंने कहा कि इस देश में मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए तत्काल कोष की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ 10 करोड़ यूरो की मदद मानवीय कार्य के लिए दे चुका है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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