अमेरिकी सरकार का शटडाउन तीसरा दिन, व्हाइट हाउस ने हजारों नौकरियों पर खतरे की चेतावनी दी

US Government Shutdown
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Ankit Jaiswal । Oct 3 2025 11:43PM

अमेरिकी सरकार का शटडाउन तीसरे दिन भी जारी है, जिस पर व्हाइट हाउस ने हजारों संघीय कर्मचारियों की नौकरियों पर खतरे की चेतावनी दी है। बजट विवाद और राजनीतिक गतिरोध के कारण डेमोक्रेट्स तथा रिपब्लिकन एक-दूसरे पर दोष मढ़ रहे हैं, जिससे सरकारी कामकाज व कर्मचारियों की आजीविका पर गंभीर असर पड़ रहा है।

वॉशिंगटन। अमेरिका में सरकारी शटडाउन तीसरे दिन में प्रवेश कर गया है और राजनीतिक गतिरोध गहराता जा रहा है। व्हाइट हाउस ने गुरुवार को चेतावनी दी कि यदि बजट विवाद लंबे समय तक बना रहा तो हजारों संघीय कर्मचारियों की नौकरियाँ खतरे में पड़ सकती हैं।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने कहा कि प्रशासन संभावित छंटनियों की तैयारी में जुटा हुआ है। उन्होंने बताया कि बजट कार्यालय (OMB) और अन्य एजेंसियाँ यह निर्धारित कर रही हैं कि किन विभागों पर सबसे अधिक असर पड़ेगा। लीविट ने डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “अगर डेमोक्रेट्स ने सरकार को खुला रखने के लिए समर्थन दिया होता तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डेमोक्रेट्स स्वास्थ्य लाभों को लेकर राजनीति कर रहे हैं, विशेषकर उन गैर-दस्तावेज़ी प्रवासियों के मामले में, जिनके लिए मेडिकेयर जैसी सुविधाएँ विवाद का विषय बनी हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वे OMB निदेशक रस वॉट से मुलाकात करेंगे और उन कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे जिन्हें कटौती की सिफारिश की गई है। सोशल मीडिया पर ट्रंप ने इस गतिरोध को “अभूतपूर्व अवसर” बताया और लिखा कि डेमोक्रेट्स ने उन्हें संघीय सरकार को नया रूप देने का मौका दिया है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “शायद यही उनका तरीका है अमेरिका को जल्दी और चुपचाप फिर से महान बनाने का।”

साथ ही, प्रशासन ने डेमोक्रेटिक राज्यों में चल रही अरबों डॉलर की परियोजनाओं की फंडिंग को रोकने या स्थगित करने का फैसला किया है।

कांग्रेस में बजट समयसीमा पार होने के बाद से कई विभागों का बजट रुका हुआ है, जबकि आवश्यक सेवाएँ फिलहाल जारी हैं। रिपब्लिकन चाहते हैं कि मौजूदा फंडिंग को अगले सात हफ्तों के लिए बढ़ा दिया जाए, वहीं डेमोक्रेट्स नए फंडिंग उपाय का समर्थन करने से पहले बड़े राजनीतिक समझौते की मांग कर रहे हैं।

दोनों पक्ष इस गतिरोध के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द समझौता नहीं हुआ तो न केवल सरकारी कामकाज प्रभावित होगा, बल्कि हजारों कर्मचारियों की आजीविका भी खतरे में पड़ सकती है।

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