इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने से आसमान में छाया काला धुंआ, 250 स्थानीय लोगों ने छोड़ा अपना घर

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इंडोनेशिया में मेरापीपर्वत में ज्वालामुखी फट गया है। इस बीच करीब 250 स्थानीय लोगों को निकाल सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है। राष्ट्रीय आपदा शमन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी ने एक बयान में बताया कि जावा के घनी आबादी वाले द्वीप में मध्यरात्रि से ठीक पहले और बाद में कम से कम सात बार गर्म राख के गोले निकले।

योग्याकार्ता (इंडोनेशिया)। इंडोनेशिया के मेरापी पर्वत में ज्वालामुखी फटने से आसमान में धुएं के घने बादल छा गए और आस-पास के गांवों तथा कस्बों में राख की चादर फैल गई। ज्वालामुखी फटने पर करीब 250 स्थानीय लोगों को आश्रय स्थलों में पहुंचाया गया है। इसमें अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। राष्ट्रीय आपदा शमन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी ने एक बयान में बताया कि जावा के घनी आबादी वाले द्वीप में मध्यरात्रि से ठीक पहले और बाद में कम से कम सात बार गर्म राख के गोले निकले और ‘पाइरोक्लास्टिक’ प्रवाह (चट्टान, लावा और गैस का मिश्रण)निकला,जो करीब पांच किलोमीटर तक फैल गया।

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गड़गड़ाहट की आवाजें कई किलोमीटर तक सुनाई दीं। उन्होंने बताया कि मेरापी पर्वत पर ज्वालामुखी के खतरे को देखते हुए योग्याकार्ता प्रांत के ग्लागहारजो और उम्बुलहारजो गांवों और मध्य जावा के क्लेटेन जिले में 253 लोगों को आश्रय स्थलों में पहुंचाया गया। मुहारी ने बताया कि ज्वालामुखी के फटने से उससे निकली राख आसपास के कई गांवों और कस्बों में फैल गई। हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की अभी तक कोई खबर नहीं है।

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