बुरे दौर से गुजर रहा बेरुत की मदद को आगे आया फ्रांस, राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने साबित की अपनी दोस्ती

 बेरुत

गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे लेबनान को वापस खड़े करने के लिए बड़ी अंतरराष्ट्रीय मदद की जरुरत होगी। विस्फोट में कम से कम 135 लोग मारे गए हैं, हजारों की संख्या में लोग घायल हैं और बेरुत का बंदरगाह बर्बाद हो गया है। गौरतलब है कि सरकार ने बुधवार को बंदरगाह के सभी अधिकारियों को नजरबंद कर दिया।

बेरुत। बेरुत के बंदरगाह पर हुए विस्फोट के बाद फ्रांस उनके साथ खड़ा है यह जताने के लिए राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों यहां आए हैं। फ्रांस और अन्य देशों ने आपात सहायता और खोज एवं बचाव दलों को यहां भेजा है। लेकिन पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे लेबनान को वापस खड़े करने के लिए बड़ी अंतरराष्ट्रीय मदद की जरुरत होगी। विस्फोट में कम से कम 135 लोग मारे गए हैं, हजारों की संख्या में लोग घायल हैं और बेरुत का बंदरगाह बर्बाद हो गया है। गौरतलब है कि सरकार ने बुधवार को बंदरगाह के सभी अधिकारियों को नजरबंद कर दिया और इस भीषण विस्फोट की जांच के आदेश दिए।

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वहीं बृहस्पतिवार को लेबनान की सेना ने अपने बुलडोजरों की मदद से मलबे को हटाया और बंदरगाह तबाह होने के कारण अवरुद्ध हो गई सड़कों को खोला। विस्फोट मंगलवार को हुआ था। ऐसा लग रहा है कि दुर्घटनावश लगी आग के कारण बंदरगाह पर रखे अमोनियम नाइट्रेट के जखीरे में विस्फोट हो गया और बंदरगाह पूरी तरह तबाह हो गया। दुर्घटना में कम से कम 135 लोग की मौत हुई है जबकि 5,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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