पश्चिम को सोवियत संघ का हिस्सा रहे राष्ट्रों में सैन्य केंद्र स्थापित नहीं करने चाहिए: रूस

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी देशों को सोवियत संघ से टूट कर अस्तित्व में आए राष्ट्रों के क्षेत्र में सैन्य केंद्र स्थापित नहीं करने चाहिए जो नाटो के सदस्य नहीं हैं। इससे कुछ दिन पहले रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया है।
मॉस्को। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी देशों को सोवियत संघ से टूट कर अस्तित्व में आए राष्ट्रों के क्षेत्र में सैन्य केंद्र स्थापित नहीं करने चाहिए जो नाटो के सदस्य नहीं हैं। इससे कुछ दिन पहले रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया है। जिनेवा में हो रहे निरस्त्रीकरण सम्मेलन को वीडियो के माध्यम से संबोधित करते हुए रूस के शीर्ष राजनयिक ने इस बात पर जोर दिया कि मॉस्को का मानना है कि उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्यों से कानूनी तौर पर बाध्यकारी सुरक्षा गारंटी हासिल करना अहम है। लावरोव ने कहा, “ हमारे पश्चिमी सहयोगियों ने अब तक रूस को दीर्घकालिक कानूनी रूप से बाध्यकारी सुरक्षा गारंटी देने की कोई इच्छा नहीं दिखाई है।
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हमारे लिए इन उद्देश्यों को प्राप्त करने का मौलिक महत्व है।” सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ की खबर के मुताबिक, लावरोव ने कहा, “पश्चिमी देशों को सोवियत संघ का हिस्सा रहे राष्ट्रों के क्षेत्र में सैन्य केंद्र स्थापित करने से बचना चाहिए जो गठबंधन के सदस्य नहीं हैं, जिनमें किसी भी तरह की सैन्य गतिविधि करने के लिए उनकी अवसंरचना का इस्तेमाल भी शामिल है।” रूस लंबे समय से यूक्रेन के यूरोपीय संघ और नाटो की ओर बढ़ने का विरोध करता रहा है। अपने संबोधन में रूसी विदेश मंत्री ने ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका (ऑकस) के बीच त्रिपक्षीय साझेदारी पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि तीन देशों के बीच सैन्य गठबंधन परमाणु हथियार अप्रसार व्यवस्था को प्रभावित करता है, तनाव को भड़काता है और हथियारों की प्रतिस्पर्धा की ओर ले जाता है।
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