डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा- 2022 हो सकता है कोरोना महामारी का आख़िरी साल

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हाई इनकम वाले देशों में आंकड़ा देखा जाए तो 70% से अधिक लोग वैक्सीनेट हो चुके हैं। लेकिन ताजा आंकड़े बताते हैं कि दुनिया के कई हिस्से वैक्सीनेशन के मामले में पिछड़ रहे हैं। बरुंडी, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोंगो, चाड और हैटी जैसे देशों में पूरी तरह वैक्सीनेशन वाले लोगों की आबादी 1% से भी कम है।

ओमिक्रॉन के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉक्टर ट्रेडस अधनोम ने उम्मीद जताई है कि 2022 कोरोना वायरस महामारी के लिए आखिरी साल हो सकता है। लेकिन साथ में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने यह भी जोड़ा कि इसके लिए विकसित देशों को दूसरे देशों से वैक्सीन साझा करनी होगी। डब्ल्यूएचओ के निदेशक ने यकीन जताया कि कोरोना महामारी 2022 के अंत तक खत्म हो जाएगी।

 बीबीसी की खबर के अनुसार, डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने संकीर्ण राष्ट्रवाद और वैक्सीन के जमाखोरों को लेकर सावधानी बरतने को भी कहा। उन्होंने माना कि, साल 2022 महामारी के अंत का साल हो सकता है लेकिन संकीर्ण राष्ट्रवाद और वैक्सीन के जमाखोर इसमें बाधा बन सकते हैं। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि,ओमिक्रॉन जैसा वैरियंट पनपा लेकिन वैक्सीन की असमानता ने इसके लिए हालात पैदा किए। उन्होंने बताया कि, जितनी ज्यादा वैक्सीन की असमानता रहती है वायरस के फैलने का खतरा उतना ज्यादा होता है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा हम इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं।

 हाई इनकम वाले देशों में आंकड़ा देखा जाए तो 70% से अधिक लोग वैक्सीनेट हो चुके हैं। लेकिन ताजा आंकड़े बताते हैं कि दुनिया के कई हिस्से वैक्सीनेशन के मामले में पिछड़ रहे हैं। बरुंडी, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोंगो, चाड और हैटी जैसे देशों में पूरी तरह वैक्सीनेशन वाले लोगों की आबादी 1% से भी कम है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि हम सामान्य जीवन में लौटने की कल्पना वैक्सीन की इस असमानता से पार पाने के बाद ही कर सकते हैं।

 डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने अपने बयान में कहा कि, ग्लोबल वैक्सीन फैसिलिटी coxex, डब्ल्यूएचओ और हमारे सहयोगी दुनिया भर में जिन लोगों को जरूरत है उन लोगों के लिए वैक्सीन, टेस्ट और इलाज को आसान बनाने के लिए काम कर रहे हैं। अगर हम वैक्सीन की असमानता को खत्म करते हैं तो महामारी का भी अंत हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि, वैक्सीन से अब तक लाखों जाने बचाई गई हैं। अब चिकित्सकों के पास कोविड-19 से बचाव और इलाज के लिए मेडिकल टूल्स भी उपलब्ध हैं।

ओमिक्रॉन के पूरी दुनिया में तेज होते प्रसार पर डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा ताजा आंकड़े बताते हैं कि अस्पतालों में दाखिल कोविड-19 के 80 फ़ीसदी से ज्यादा मामले वो हैं जिन्हें बूस्टर डोज नहीं दिया गया है। गौरतलब है कि, पूरी दुनिया के साथ साथ भारत में भी कोविड- 19 के मामलों में वृद्धि देखी गई है। सोमवार को देशभर में कोरोना के 33, 750 नई मामले दर्ज किए गए। बात अगर ओमिक्रोन वैरियंट मामलों की संख्या की करें तो यह 1700 पहुंच गई है।

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