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WHO की टीम पहुंची चीन के शहर वुहान, कोरोना की उत्पत्ति का लगाएगी पता
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 14, 2021 12:06
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कोविड-19 महामारी के केंद्र का पता लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ की टीम वुहान पहुंची है।चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) के मुताबिक डब्ल्यूएचओ की टीम काम शुरू करने के पहले महामारी नियंत्रण के लिए देश के दिशा-निर्देशों के तहत पृथक-वास प्रक्रिया को पूरा करेगी।
बीजिंग/वुहान। कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम बृहस्पतिवार को चीन के वुहान पहुंची। वुहान शहर में ही सबसे पहले दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस संक्रमण सामने आया था और उसके बाद इसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। चीन की आधिकारिक मीडिया ने खबर दी है कि डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों की टीम कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए वुहान पहुंची है। यह टीम सिंगापुर से आयी है और इसमें 10 विशेषज्ञ हैं। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) के मुताबिक डब्ल्यूएचओ की टीम काम शुरू करने के पहले महामारी नियंत्रण के लिए देश के दिशा-निर्देशों के तहत पृथक-वास प्रक्रिया को पूरा करेगी। विशेषज्ञों के 14 दिनों तक पृथक-वास में रहने और कोविड-19 की जरूरी जांच कराए जाने की संभावना है।
A World Health Organization (WHO) team of 10 international experts that will investigate the origins of #COVID19 pandemic, arrives in Wuhan, China.
— ANI (@ANI) January 14, 2021
(Source: Reuters) pic.twitter.com/Rm0Yc77I0p
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एनएचसी के अधिकारियों ने बुधवार को बीजिंग में मीडिया को बताया कि वायरस की शुरुआत कहां से हुई, यह एक वैज्ञानिक सवाल है और उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए विशेषज्ञों को दूसरे देशों का भी दौरा करना चाहिए। एनएचसी के एक अधिकारी ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ पृथक-वास की अवधि के दौरान चीन के चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत करेंगे। डब्ल्यूएचओ की टीम को दौरे के लिए देरी से अनुमति देने पर भी सवाल उठे। चीन वुहान में वायरस की शुरुआत संबंधी दावों को लगातार चुनौती देता रहा है। वुहान में जानवरों के बाजार से कोरोना वायरस की शुरुआत होने की धारणा को चीन लगातार खारिज करता आ रहा है।
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पिछले साल के आरंभ से ही वुहान में जानवरों के मांस का यह बाजार बंद है। चीनी के सीडीसी उपनिदेशक फेंग जिजियान ने कहा कि कोरोना वायरस के वाहक या कैसे यह वायरस जानवरों से इंसानों में पहुंचा, इन सवालों के जवाब उनके पास नहीं है। उन्होंने कहा कि चीन के चिकित्सा विशेषज्ञ वायरस के स्रोत का पता लगाने के प्रयास में डब्लयूएचओ के विशेषज्ञों की मदद करेंगे। फेंग ने कहा, ‘‘चीन वायरस के संबंध में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समन्वित अनुसंधान का आह्वान करता रहा है। डब्ल्यूएचओ की टीम के वुहान आने पर चीनी विशेषज्ञ उनके साथ मिलकर काम करेंगे।
मंगल अभियान को लेकर नासा के भारतीय मूल के इंजीनियर विष्णु श्रीधर ने कही ये बात
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 1, 2021 18:18
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नासा के भारतीय मूल के इंजीनियर आने वाले हफ्तों में ‘परसिवरेंस’ रोवर के रोमांचक कार्य सामने आएंगे।सुपर कैम एक सुदूर संवेदन (रिपोट सेंसिंग) उपकरण है जो मंगल की सतह पर चट्टानों के रसायनिक तत्वोंका विश्लेषण करने के लिए लेजर तकनीक का इस्तेमाल करेगा।
ह्यूस्टन (अमेरिका)। नासा के ‘परसिवरेंस’ रोवर के भारतीय मूल के अमेरिकी इंजीनियर विष्णु श्रीधर ने कहा है कि मंगल अभियान पर सर्वाधिक रोमांचक कार्य आने वाले हफ्तों में होने वाला है। न्यूयार्क के रहने वाले श्रीधर (27) कैलीफोर्निया स्थित अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के जेट प्रोपल्शन लैबोरेट्री (जेपीएल) मेंमार्स 2020‘परसिवरेंस’ रोवर के सुपरकैम के लिए एक लीड सिस्टम इंजीनियर हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले हफ्तों में इस रोवर के कुछ सर्वाधिक रोमांचक कार्य होने वाले हैं। श्रीधर ने एबीसी 7 चैनल से कहा, ‘‘हम मंगल से और अधिक तस्वीरें प्राप्त करने जा रहे हैं, हम सुपरकैम उपकरण से तस्वीरें लेने जा रहे हैं, हम अपने माइक्रोफोन के जरिए ऑडियो रिकार्डिंग करने जा रहे हैं और निकट भविष्य में बहुत जल्द हम अपने हेलिकॉप्टर (ड्रोन) को तैनात करने जा रहे हैं...। ’’
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सुपर कैम एक सुदूर संवेदन (रिपोट सेंसिंग) उपकरण है जो मंगल की सतह पर चट्टानों के रसायनिक तत्वोंका विश्लेषण करने के लिए लेजर तकनीक का इस्तेमाल करेगा। यह उस क्षेत्र का विश्लेषण करेगा, जहां तक रोवर नहीं पहुंच सकता है। नासा का यह रोवर इस साल 18 फरवरी को मंगल की सतह पर उतरा। रोवर, सुपरकैम और इसके अन्य उपकरणों की मदद से वैज्ञानिकों को लाल ग्रह पर अतीत में जीवन की मौजूदगी का सुराग हासिल करने में मदद मिलेगी। श्रीधर ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि कोविड-19 महामारी के बावजूद यह अभियान हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘नासा के अभियानों में स्पष्ट रूप से एक मूलभूत सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश की जा रही है कि क्या मंगल पर कभी जीवन मौजूद था? क्या पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रह पर भी जीवन था ? ’’ जेपीएल में पिछले पांच साल का श्रीधर का समय मंगल के लिए समर्पित रहा है और वह फिलहाल मार्स 2020 रोवर पर सुपरकैम के इंस्ट्रूमेंट इंजीनियर हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने सोमवार को मंगल ग्रह से पहला ऑडियो जारी किया, जो रोवर द्वारा रिकार्ड की गई हवा की आवाज है।
बॉर्डर पर तनाव के बीच चीनी हैकरों ने भारत के पावरग्रिड सिस्टम को बनाया निशाना
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 1, 2021 17:37
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अमेरिका की एक कंपनी ने अपने हालिया अध्ययन में दावा किया है कि भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव के दौरान चीन सरकार से जुड़े हैकरों के एक समूह ने ‘‘मालवेयर’’ के जरिए भारत के पावरग्रिड सिस्टम को निशाना बनाया।
वाशिंगटन। अमेरिका की एक कंपनी ने अपने हालिया अध्ययन में दावा किया है कि भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव के दौरान चीन सरकार से जुड़े हैकरों के एक समूह ने ‘‘मालवेयर’’ के जरिए भारत के पावरग्रिड सिस्टम को निशाना बनाया। आशंका है कि पिछले साल मुंबई में बड़े स्तर पर बिजली आपूर्ति ठप होने के पीछे शायद यही मुख्य कारण था। अमेरिका में मैसाचुसेट्स की कंपनी ‘रिकॉर्डेड फ्यूचर’ ने अपनी हालिया रिपोर्ट में चीन के समूह ‘रेड इको’ द्वारा भारतीय ऊर्जा क्षेत्र को निशाना बनाए जाने का जिक्र किया है। पिछले साल 12 अक्टूबर को मुंबई में एक ग्रिड ठप होने से बिजली गुल हो गयी थी।
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इससे ट्रेनें भी रास्तें में ही रूक गयी और महामारी के कारण घर से काम रहे लोगों का कार्य भी प्रभावित हुआ और आर्थिक गतिविधियों पर भारी असर पड़ा। आवश्यक सेवाओं के लिए बिजली आपूर्ति बहाल में दो घंटे लग गए थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना की जांच का आदेश दिया था। ‘रिकॉर्डेड फ्यूचर’ ने ऑनलाइन सेंधमारी संबंधित रिपोर्ट के प्रकाशन के पूर्व भारत सरकार के संबंधित विभागों को इस बारे में अवगत कराया। अमेरिकी कंपनी के अध्ययन पर भारत सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी है।
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‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने एक खबर में कहा कि इस खुलासे से सवाल उठा है कि मुंबई में बिजली गुल के पीछे कहीं बीजिंग यह संदेश तो नहीं देना चाहता था कि अगर भारत ने सीमा पर आक्रामक व्यवहार जारी रखा तो क्या हो सकता है। ‘रिकॉर्डेड फ्यूचर’ की रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि कथित रूप से भारत प्रायोजित समूह ‘साइडविंडर’ ने 2020 में चीनी सेना और सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बताया। कंपनी की यह रिपोर्ट ऐसे समय आयी है जब चीन और भारत की सेना पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले स्थानों से अपने सैनिकों को पीछे हटा रही है।
चीन ने PLA के पूर्व जनरल को शीर्ष संसदीय समिति का उपाध्यक्ष नियुक्त किया
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 1, 2021 17:26
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चीन ने पीएलए के पूर्व जनरल को शीर्ष संसदीय समिति का उपाध्यक्ष नियुक्त किया।एनपीसी की पांच मार्च से शुरू हो रही वार्षिक बैठक से पहले यह नियुक्ति की गई है।
बीजिंग। चीन ने जनरल झाओ जोंगकी को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) की प्रभावशाली विदेश मामलों की समिति का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। वह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के पूर्व शीर्ष अधिकारी हैं जो भारत के साथ लगती सीमा पर तैनात थे। जनरल झाओ 2017 में डोकलाम गतिरोध और 2020 में लद्दाख गतिरोध के दौरान पश्चिम कमान के प्रमुख थे। पीएलए के नियमों के मुताबिक चीन में शीर्ष जनरल के लिए सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष है।
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एनपीसी की तरफ से जारी आधिकारिक घोषणा के मुताबिक जनरल झाओ को एनपीसी के प्रभावशाली विदेश मामलों की समिति का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। एनपीसी की पांच मार्च से शुरू हो रही वार्षिक बैठक से पहले यह नियुक्ति की गई है।

