Prabhasakshi Exclusive: रक्षा संबंधों को बढ़ाने पर अचानक क्यों जोर दे रहे हैं India और Bangladesh?

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में बताया है कि बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच चल रही रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की गई और दोनों पक्षों ने बढ़ती रक्षा सहयोग गतिविधियों पर संतोष व्यक्त किया।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में हमने इस सप्ताह ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि भारत और बांग्लादेश ने रक्षा संबंधों की समीक्षा की है। इसे कैसे देखते हैं आप? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि भारत लगातार अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करने पर जोर देता है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने ढाका में हुई पांचवीं वार्षिक रक्षा वार्ता में रक्षा संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने किया, जबकि बांग्लादेशी दल का नेतृत्व बांग्लादेश के सशस्त्र बल डिवीजन के ‘प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर’ लेफ्टिनेंट जनरल वाकर-उज-जमां ने किया। इस बातचीत में दोनों पक्षों ने दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच संबंधों की भावी दिशा के महत्व पर विचार-विमर्श किया।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में बताया है कि बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच चल रही रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की गई और दोनों पक्षों ने बढ़ती रक्षा सहयोग गतिविधियों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बयान के मुताबिक बातचीत में मौजूदा द्विपक्षीय अभ्यासों पर चर्चा हुई और दोनों पक्ष इन अभ्यासों की जटिलता बढ़ाने पर सहमत हुए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने स्वीकार किया है कि "सार्थक बातचीत" हुई और इस बात पर जोर दिया गया कि दोनों देश बातचीत में बनी साझा समझ के आधार पर संबंधों को बनाये रखने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सशस्त्र सेनाएं कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को लेकर उत्सुक हैं और सम्पर्क में बढ़ोतरी दोनों देशों के संबंधों के भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा भारत और बांग्लादेश की सैन्य सेवाओं ने अधिकारी स्तर की तीसरी त्रि-सेवा अधिकारी वार्ता (टीएसएसटी) आयोजित की, जिसमें बांग्लादेश ने अपने सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण में भारत के निरंतर सहयोग को स्वीकार किया। टीएसएसटी की सह-अध्यक्षता बांग्लादेश सशस्त्र बल डिवीजन के संचालन और योजना निदेशालय के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल हुसैन मुहम्मद मशीउर रहमान तथा भारत के एयर वाइस मार्शल आशीष वोहरा ने की। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में बांग्लादेश के रक्षा मंत्रालय के बयान को देखना चाहिए जिसने कहा है कि बांग्लादेश के सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण के लिए निरंतर भारतीय सहयोग बिल्कुल स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि बयान में कहा गया कि बांग्लादेश की सेना, नौसेना और वायु सेना के कई कर्मियों को विभिन्न भारतीय संस्थानों में प्रशिक्षित किया जाता है और बांग्लादेश भी हर साल भारत के सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए प्रशिक्षण की मेजबानी करता है। वहीं, दोनों सशस्त्र बल संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में विभिन्न स्तरों पर एक साथ काम करते हैं। उन्होंने कहा कि बयान में कहा गया है कि हाल के वर्षों में बांग्लादेश के भारत के साथ सैन्य और सुरक्षा संबंधी संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है, जिससे द्विपक्षीय सहयोग और दोस्ती एक नई ऊंचाई पर पहुंच गई है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि तीसरी टीएसएसटी दोनों देशों द्वारा बांग्लादेश की राजधानी में पांचवीं रक्षा वार्ता आयोजित करने के दो दिन बाद आयोजित की गई। बांग्लादेश ने 2021 में पहली टीएसएसटी की मेजबानी की थी, जबकि दूसरी 2022 में भारत में आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा कि यह बातचीत मुख्य रूप से सैन्य सहयोग, प्रशिक्षण और द्विपक्षीय रक्षा मुद्दों पर केंद्रित थी।

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