Musk-Trump की फाइट के बाद अमेरिका में क्यों भड़क उठी हिंसा, लांस एंजलिस में 33 सालों बाद उतरी सेना, आखिर ऐसा क्या हुआ?

प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच जबरदस्त टकराव हो रहा है। आंसू गैस छोड़े जा रहे हैं। गाड़ियां जलाई जा रही हैं। जिसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीधे सीधे 2000 नेशनल गार्ड्स को शहर में तैनात करने का आदेश दे दिया है।
क्या अमेरिका में सिविल वॉर जैसी स्थिति बन रही है। लांस एजलिंस की सड़कों पर नेशनल गार्ड, आंसू गैस, प्रदर्शन, आगजनी और उस पर राष्ट्रपति ट्रंप की चेतावनी। ये सिर्फ इमीग्रेशन का मामला है या अमेरिका में कुछ बड़ा पक रहा है। अमेरिका में इन दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क के बीच टकराव देखने को मिल रहा है। कभी ट्रंप के हर दिल अजीज कहे जाने वाले एलन मस्क अब ट्रंप के प्रमुख आलोचक हो गए हैं। दोनों के बीच जुबानी जंग भी सोशल मीडिया में देखने को मिली। लगाातर एक दूसरे पर निशाना साधते भी नजर आए। लेकिन इन घटनाक्रमों के बीच अमेरिका के लांस एजेलिस में माहौल बेहद गर्म हो गया है। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच जबरदस्त टकराव हो रहा है। आंसू गैस छोड़े जा रहे हैं। गाड़ियां जलाई जा रही हैं। जिसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीधे सीधे 2000 नेशनल गार्ड्स को शहर में तैनात करने का आदेश दे दिया है।
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कैसे हुई हंगामे की शुरुआत?
अमेरिका की इमीग्रेशन एजेंसी यानी इमीग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट यानी आईसीई ने लांस एजेंलिस पर कई जगहों पर रेड डाली। इस रेड में 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया जो कथित तौर पर अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे। जैसे ही ये गिरफ्तारियां हुई लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने आईसीई के खिलाफ नारेबाजी की। कई लोगों ने मेक्सिको का झंडा लहराया और उनके चेहरे मास्क से ढके हुए थे। कुछ जगहों पर हिंसा भी देखने को मिली। पत्थरबाजी, बोतलें और आतिशबाजी तक फेंकी गई और यहां तक की कार को आग के हवाले भी कर दिया गया। जब दो दिन तक हालात काबू में नहीं आए तो ट्रंप ने व्हाइट हाउस से एक बयान जारी किया।
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लांस एजिल्स में 33 साल बाद उतरी सेना
अमेरिका के लॉस एंजिल्स शहर में अवैध प्रवासियों की धरपकड़ के लिए इमिग्रेशन (आईसीई) के छापों के खिलाफ दंगे के हालात बन गए हैं। कई जगह आगजनी, पथराव और नारेबाजी हुई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने लॉस एंजिल्स में सेना (नेशनल गार्ड्स) के दो हजार जवान उतारे हैं। बता दें कि इससे पहले 1992 के लॉस एंजिल्स दंगों से निपटने के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने सेना उतारी थी।
दंगाइयों को कुचल दूंगा
शनिवार रात ट्रंप ने सोशल साइट 'टूथ सोशल' पर पोस्ट कर नैशनल गार्ड को बेहतरीन काम के लिए बधाई दी और कहा कि दंगाइयों को हम कुचल देंगे। ट्रंप ने अपने पोस्ट में मेयर कैरेन बैस और गवर्नर न्यूसम पर तंज कसते हुए कहा कि वे हालात नहीं संभाल पा रहे, ठीक वैसे ही जैसे जनवरी में लगी जानलेवा आग के दौरान हुआ था। नैशनल गार्ड को आमतौर पर स्थानीय प्रशासन को विश्वास में लेकर बेहद कठिन समय में बुलाया जाता है। गवर्नर न्यूसम ने ट्रंप के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह कदम जानबूझकर माहौल को और तनावपूर्ण बनाने वाला है।
एक्टिव मरीन सैनिकों को भी बुला सकते हैं
ट्रंप के डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ ने चेतावनी दी है कि अगर हिंसा नहीं रुकी तो पास के कैंप पेंडलटन से एक्टिव ड्यूटी पर तैनात मरीन सैनिकों को भी बुलाया जा सकता है। हालांकि, कानून विशेषज्ञ जेसिका लेविंसन ने कहा कि घरेलू पुलिसिंग में सेना का इस्तेमाल तभी हो सकता है जब विद्रोह जैसी स्थिति हो, इसलिए यह सिर्फ धमकी लग रही है। उन्होंने कहा, 'नैशनल गार्ड सिर्फ लॉजिस्टिक और स्टाफ सपोर्ट ही दे सकता है।'
गवर्नर न्यूसम का पलटवार, ट्रम्प तानाशाही पर उतारू
कैलिफोर्निया के गवर्नर न्यूसम ने आरोप लगाया कि ट्रम्प सेना भेजकर तानाशाही कर रहे हैं। आईसीई की टीम ने लॉस एंजिल्स से अब तक 125 अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार किया। 44 लोगों को आगजनी के आरोप में पकड़ा है। एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा, नेशनल गार्ड्स पर हमला करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
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