Prabhasakshi Exclusive: France के बाद अब Britain भी इस्लामी आतंकवाद से क्यों चिंतित नजर आ रहा है?

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने ‘हाउस ऑफ कॉमंस’ में 'संघर्ष : आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए ब्रिटेन की रणनीति 2023' पेश की। उन्होंने विदेश में स्थित इस्लामी समूहों से देश के सामने मौजूद खतरे से संबंधित इस रिपोर्ट के निष्कर्षों पर प्रकाश डाला।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि ब्रिटेन में आयी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू आतंक को लेकर प्राथमिक चुनौती इस्लामी आतंकवाद से है। हाल में फ्रांस का उदाहरण सबके सामने है। इसे कैसे देखते हैं आप ? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की संसद में पेश नयी सरकारी रिपोर्ट के अनुसार देश में घरेलू आतंकवाद को लेकर प्राथमिक चुनौती इस्लामी आतंकवाद से है और अल कायदा एवं इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी समूहों से स्पष्ट जुड़ाव व्यापक ऑनलाइन चरमपंथी प्रभावों के लिए रास्ता बना रहा है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने ‘हाउस ऑफ कॉमंस’ में 'संघर्ष : आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए ब्रिटेन की रणनीति 2023' पेश की। उन्होंने विदेश में स्थित इस्लामी समूहों से देश के सामने मौजूद खतरे से संबंधित इस रिपोर्ट के निष्कर्षों पर प्रकाश डाला। भारतीय मूल की मंत्री ब्रेवरमैन ने कहा कि उनका विभाग आतंकवादी खतरे का मुकाबला करने की खातिर अधिक चुस्त और व्यापक दृष्टिकोण अपनाने के लिए रिपोर्ट के अद्यतन संस्करण का उपयोग करेगा। उन्होंने कहा, "2018 में रिपोर्ट का अंतिम संस्करण प्रकाशित होने के बाद से, ब्रिटेन में नौ आतंकवादी हमले हुए, जिनमें छह लोगों की मौत हुई और 20 लोग घायल हो गए। विदेश में हुए 11 आतंकवादी हमलों में ब्रिटेन के 24 नागरिक मारे गए हैं। इनमें से अधिकांश इस्लामी आतंकवादी हमले थे।”

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि मंत्री ने संसद को बताया कि नवीनतम रिपोर्ट में घरेलू आतंकवादी खतरे से निपटने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। इस खतरे के बारे में पूर्वानुमान लगाना, इनका पता लगाना और जांच करना थोड़ा मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि विदेश में इस्लामी समूहों की ओर से खतरा लगाातर उभर रहा है। उन्होंने कहा कि देश में घरेलू आतंक को लेकर प्राथमिक चुनौती इस्लामी आतंकवाद से है और अल कायदा व इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी समूहों से स्पष्ट जुड़ाव व्यापक ऑनलाइन आतंकी प्रभावों के लिए रास्ता बना रहा है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि फ्रांस में जो कुछ हुआ उसे पूरी दुनिया ने देखा इसलिए अब हर जगह इस्लामी आतंकवाद को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। खासकर ऐसे लोगों पर शिकंजा कसा जा रहा है जोकि लोगों को कट्टरपंथी बनाते हैं।

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