Shivling Par Jal Chadhane Ke Niyam । जलाभिषेक का नहीं मिल रहा फल? कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलतियां

देवों के देव महादेव के भक्त हर सोमवार को मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। कहते हैं शिवलिंग पर जल चढ़ाने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं। लेकिन कई बार भक्तों को शिवलिंग पर जल चढाने का फल नहीं मिलता है। ऐसा क्यों? दरअसल, हिंदू धर्म में शिवलिंग पर जल चढ़ाने के कुछ नियम बताए गए हैं। अगर भक्त इन नियमों के अनुसार शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाता है तो उसे इसका फल नहीं मिलता है। ऐसे में चलिए हम आपको बताते हैं कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने समय भक्तों को कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए और कौन से बर्तन का इस्तेमाल करना चाहिए।
किस मंत्र का करें जाप?
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय भक्तों को 'श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः । स्नानीयं जलं समर्पयामि।' मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से महादेव जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने प्रिय भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं।
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किस दिशा में मुंह होना चाहिए?
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय भक्तों को अपना मुँह उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। उत्तर दिशा को महादेव का बाया अंग माना जाता है, जहाँ माता पार्वती विराजमान होती है। इसलिए इस दिशा की तरफ मुँह कर के शिवलिंग पर जल चढ़ाने से शिव जी और माता पार्वती दोनों प्रसन्न होते हैं।
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किस बर्तन का इस्तेमाल करें?
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय हमेशा तांबे के कलश का इस्तेमाल करना चाहिए। इसलिए अलावा भक्त चाहें तो चांदी और कांसे के लोटे से भी शिवलिंग पर जल चढ़ा सकते हैं। ध्यान रहे जल चढ़ाते समय कभी भी स्टील के बर्तन का इस्तेमाल न करें। ऐसा करने से भगवान शिव क्रोधित हो जाते हैं। इसके अलावा ध्यान में रखने वाली बात ये हैं कि हमेशा बैठकर और दाएं हाथ से शिवलिंग पर जलाभिषेक करना चाहिए।
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