Rang Panchmi 2025: रंग पंचमी का पर्व आज मनाया जा रहा? जानें क्यों उड़ाया जाता है हवा में गुलाल

रंग पंचमी का त्योहार होली के बाद पंचमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन सभी देवी-देवता धरती पर होली खेलने आते हैं और इसलिए इसे देव पंचमी भी कहते हैं। कहा जाता है कि इस दिन रंगों प्रयोग करने से दुनिया में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस दिन एक-दूसरे रंग लगाया जाता है।
रंग पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में बेहद महत्व रखता है। रंग पंचमी एक हिंदू त्यौहार है जो होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। रंग पंचमी का त्योहार मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और भारत के अन्य क्षेत्रों में। यह चैत्र माह में कृष्ण पक्ष के पांचवें दिन (पंचमी) को पड़ता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन श्रीकृष्ण ने गोपियों संग रासलीला की थी और दूसरे दिन रंग खेलने का उत्सव मनाया था। रंग पंचमी का दिन देवी-देवताओं को समर्पित माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन रंगों प्रयोग करने से दुनिया में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस दिन एक-दूसरे रंग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा बनीं रहती है।
क्यों खास होती है रंग पंचमी?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन रंग पंचमी के दिन सभी देवी-देवता भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के साथ होली के लिए धरती पर आते हैं। इसलिए इसे देव पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।
हवा में उड़ाया जाता गुलाल
आज यानी के 19 मार्च को रंग पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन मंदिरों में देवताओं को गुलाल लगाया जाता है। देवताओं को गुलाल लगाने के बाद ही उसे हवा में उड़ाया जाता है, जिससे प्रसाद के तौर पर सभी को गुलाल लग जाए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रंग पंचमी के हवा में गुलाल उडाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचरण होता है और पॉजिटिविटी आती है। माना जाता है कि इस दिन देवी-देवता आपस में एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं और फिर मंदिर का वह गुलाल लोगों पर बरसाते हैं।
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