Sawan 2023: सोमवार पर जलाभिषेक से जीवन में आती है खुशियां

Sawan 2023
Creative Commons licenses

पंडितों के अनुसार सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा आप प्रात:काल से ही कर सकते हैं। सावन के पहले सोमवार को अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 05 बजकर 30 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 14 मिनट तक है।

आज सावन का पहला सोमवार है, सावन का महीना शिव जी को समर्पित होता है। इस महीने में सोमवार को भगवान शिव -पार्वती की पूजा होती है। तो आइए इस पवित्र अवसर पर हम आपको सावन के सोमवार का महत्व तथा पूजा विधि के बारे में बताते हैं। 

जानें अधिकमास के बारे में 

अधिकमास हिंदू पंचांग के अनुसार, हर तीसरे साल के बाद लगता है। इसे मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। जिस चंद्र मास में सूर्य संक्रांति नहीं होती, उसे अधिकमास कहते हैं। मलमास में शुभ मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। इस साल सावन महीने में अधिकमास लगा है। इससे पहले 2004 में सावन में अधिकमास लगा था। ऐसे में इस बार 19 साल बाद सावन में अधिकमास लगने के कारण पूरे 2 महीने तक शिवजी की अराधना की जाएगी। इस साल सावन 59 दिनों का होगा। पंचांग के अनुसार 19 साल बाद सावन पर बहुत ही खास संयोग बन रहा है, जिसमें पूरे महीने शिव और माता पार्वती दोनों की असीम कृपा प्राप्त होगी।

इसे भी पढ़ें: Sawan Somwar 2023: सावन के पहले सोमवार पर करें राशि अनुसार शिव अभिषेक

सावन के पहले सोमवार का पूजा मुहूर्त

पंडितों के अनुसार सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा आप प्रात:काल से ही कर सकते हैं। सावन के पहले सोमवार को अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 05 बजकर 30 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 14 मिनट तक है। इसके अलावा शुभ-उत्तम मुहूर्त सुबह 08 बजकर 58 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक है।

सोमवार व्रत में ये न करें

पंडितों के अनुसार आप सावन सोमवार का व्रत रखते हैं तो आपको फलाहार में नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए। स्वास्थ्य कारणों से बहुत जरुरी है तो सेंधा नमक खा सकते हैं। सावन में शिवजी का कच्चे दूध से अभिषेक किया जाता है, इसलिए सावन का सोमवार रखने वाले को दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। इस व्रत में तामसिक वस्तुओं का उपयोग न करें। लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा, मसालेदार भोजन, बैंगन, मैदा, आटा, बेसन, सत्तू आदि से बनी खाद्य पदार्थों का उपयोग न करें। सावन के सोमवार व्रत में काम, क्रोध, लोभ जैसे दुर्गुणों से दूर रहें। कोई भी व्रत मन, कर्म और वचन की पवित्रता के साथ करने से ही फलित होता है। मन में द्वेष, क्रोध, चोरी, छल-कपट आदि की भावनाएं रखकर पूजा पाठ नहीं करना चाहिए। शिव पूजा में जिन वस्तुओं को वर्जित किया गया है, उनका उपयोग भूलवश भी न करें। शिव पूजा में तुलसी के पत्ते, सिंदूर, हल्दी, शंख, नारियल आदि जैसी वस्तुओं का उपयोग वर्जित है।

सावन के सोमवार का महत्व 

सावन का महीना शंकर जी को बहुत प्रिय होता है। पंडितों के अनुसार जो भी भक्त श्रद्धा से सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 

सोमवार व्रत से भोले बाबा होते हैं प्रसन्न  

शिव जी का एक नाम भोले बाबा भी है। भोले बाबा सभी देवताओं में सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले हैं। शास्त्रों के अनुसार सोमवार का दिन भगवान शिव की उपासना के लिए उत्तम होता है। सोमवार के दिन व्रत रखने से शंकर भगवान अपने भक्तों पर खास कृपा करते हैं। ऐसे में अगर सावन के महीने में पांच सोमवार आए तो भोले भंडारी की सबसे ज्यादा कृपा होगी। 

सोमवार व्रत से दाम्पत्य जीवन भी होता है मधुर 

घर में पति-पत्नी के बीच तनाव रहता है तो आप परेशान न हो। सावन के सोमवार को पति-पत्नी साथ में मिलकर पूरे सावन महीने में पंचामृत से भगवान शिव शंकर का अभिषेक करें। सावन के सोमवार के दिन विशेष पूजा करें। साथ ही ॐ पार्वती पतये नमः मंत्र का रुद्राक्ष की माला पर 108 बार जाप करें। इसके अलावा घर के पास भगवान शिव के मंदिर में शाम को गाय के घी का दीया जलाएं।

सावन पहले सोमवार पर रुद्राभिषेक का समय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कभी भी पंचक या भद्रा काल लगता है तो उस समय में पूजा पाठ करने पर कोई रोक नहीं होती है। भगवान शिव कालों के काल महाकाल हैं। सभी ग्रह नक्षत्र उनके अधीन काम करते हैं। इसलिए इस पूरे दिन आप निश्चिक होकर व्रत और शिव पूजा कर सकते हैं। इसलिए इस दिन पंचक लगने से कोई समस्या नहीं है।

सोमवार व्रत से शादी में आने वाली बाधा का होता है अंत 

सावन के पवित्र महीने में सोमवार का व्रत करने वालों को शुभ फल प्राप्त होते हैं। साथ ही जो अविवाहित भक्त सावन के सोमवार को पवित्र मन से शिव जी की पूजा करते हैं उनके विवाह में आने वाली बाधा खत्म हो जाती है। इसलिए शादी की प्रतीक्षा करने वाले भक्तों हेतु शिव जी को प्रसन्न करने का यह अच्छा अवसर है।  

सोमवार की पूजा में इन बातों का रखें ख्याल

सावन का महीना बहुत खास होता है और सोमवार का विशेष महत्व होता है, इसलिए इस दिन इन बातों का विशेष ध्यान दें। सावन के महीने में सोमवार का व्रत रखने वालों को पूजा करते समय तुलसी और केतकी के फूल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। साथ ही भक्तों को दूध का सेवन त्याग देना चाहिए। सावन में भगवान शिव को दूध चढ़ाकर पूजा की जाती है इसलिए दूध का सेवन करने से बचें। कभी भी शिवलिंग पर हल्दी तथा कुमकुम न चढ़ाएं और नारियल पानी से शिव जी को स्नान न कराएं। इसके अलावा शिव जी का जलाभिषेक करते समय कांस्य तथा पीतल के बर्तन का प्रयोग करना चाहिए। सावन में बैंगन खाना अच्छा नहीं माना जाता है इसलिए शिव जी की पूजा करने वालों को बैंगन खाने से बचना चाहिए।

- प्रज्ञा पाण्डेय

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़