Manglik Dosh: कुंडली में मंगल ने मचा रखा है दंगल तो करें ये आसान उपाय, जल्द दिखाई देगा असर

Manglik Dosh
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कभी-कभी जातक की कुंडली में एक ग्रह की दशा खराब होने पर जातक को कई तरह की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक 28 साल की उम्र तक मांगलिक दोष का प्रभाव अधिक होता है।

ज्योतिष शास्त्र में किसी भी जातक के जीवन में होने वाले उतार-चढ़ाव की वजह कुंडली में मौजूद ग्रह-नक्षत्रों की स्थितियों पर निर्भर करता है। कुंडली में मौजूद हर एक ग्रह का अपना स्थान और लाभ होता है। कभी-कभी जातक की कुंडली में एक ग्रह की दशा खराब होने पर जातक को कई तरह की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक 28 साल की उम्र तक मांगलिक दोष का प्रभाव अधिक होता है। वहीं कई लोगों की राशि और कुंडली में 28 साल की उम्र के बाद मंगल दोष खत्म हो जाता है। वहीं कुछ लोगों के लिए इसका असर पूरे जीवन रहता है।

मंगल दोष के लक्षण

जब कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या फिर 12वें भाव में मंगल ग्रह विराजमान होता है। तो मंगल दोष का निर्माण होता है। कुंडली का प्रथम भाव जातक के स्वास्थ्य, चतुर्थ भाव मां का, सप्तम भाव जीवनसाथी का, अष्टम भाव मृत्यु तुल्य कष्ट और द्वादश भाव जेल और अस्पताल के खर्चों का होता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुंडली के द्वादश भाव में मंगल दोष होने से वैवाहिक जीवन के अलावा शारीरिक क्षमताओं में कमी, रोग द्वेष, कलह-क्लेश और क्षीण आयु को जन्म देता है।

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मंगल दोष होने पर जातक का स्वभाव क्रोधी, गुस्सैल और अहंकारी हो जाता है। वहीं मंगल दोष की वजह से ससुराल पक्ष से रिश्ते खराब या बिगड़ सकते हैं। बता दें कि मंगल दोष की स्थिति वैवाहिक जीवन के लिए खराब होती है। यदि मंगल पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि पड़ती है, तो मंगल दोष का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाता है।

मांगलिक दोष के उपाय

मंगल दोष के प्रभावों को खत्म करने के लिए मंगल ग्रह की शांति पूजा करनी चाहिए।

मंगलवार के दिन गुड़, लाल रंग के कपड़े, लाल मिर्च, लाल रंग की मिठाई, शहद और मसूर दाल का दान करना चाहिए।

मंगलवार को स्नान-ध्यान के बाद लाल कपड़े पहनकर हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए और उनको सिंदूर अर्पित करना चाहिए।

मंगलवार को व्रत रखें और हनुमान मंदिर जाकर बूंदी का प्रसाद बांटे।

मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा या फिर सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।

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