Sai Baba Aarti: हर गुरुवार की शाम करें साईं बाबा की चालीसा, दूर होंगे सभी दुख और संताप

Sai Baba Aarti
Instagram

साईं बाबा एक फकीर थे और सभी धर्मों और जाति के लोग उनकी पूजा करते हैं। गुरुवार के दिन साईंबाबा का व्रत और पूजा-अर्चना करने से जातक के घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन साईं बाबा को समर्पित होता है। साईं बाबा एक फकीर थे और सभी धर्मों और जाति के लोग उनकी पूजा करते हैं। गुरुवार के दिन साईंबाबा का व्रत और पूजा-अर्चना करने से जातक के घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

वहीं साईं बाबा की पूजा करने से जातक की हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साईं बाबा की पूजा के साथ उनकी चालीसा जरूर करनी चाहिए। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको साईं बाबा की चालीसा के बारे में बताने जा रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: Sai Baba Mantra: साईं बाबा की पूजा के समय जरूर करें इन मंत्रों का जाप, बरसेगी बाबा की कृपा

साईं चालीसा

पहले साईं के चरणों में, अपना शीश नमाऊं मैं।

कैसे शिरडी साईं आए, सारा हाल सुनाऊं मैं॥

कौन है माता, पिता कौन है, ये न किसी ने भी जाना।

कहां जन्म साईं ने धारा, प्रश्न पहेली रहा बना॥

कोई कहे अयोध्या के, ये रामचंद्र भगवान हैं।

कोई कहता साईं बाबा, पवन पुत्र हनुमान हैं॥

कोई कहता मंगल मूर्ति, श्री गजानंद हैं साईं।

कोई कहता गोकुल मोहन, देवकी नंदन हैं साईं॥

शंकर समझे भक्त कई तो, बाबा को भजते रहते।

कोई कह अवतार दत्त का, पूजा साईं की करते॥

कुछ भी मानो उनको तुम, पर साईं हैं सच्चे भगवान।

बड़े दयालु दीनबंधु, कितनों को दिया जीवन दान॥

कई वर्ष पहले की घटना, तुम्हें सुनाऊंगा मैं बात।

किसी भाग्यशाली की, शिरडी में आई थी बारात॥

आया साथ उसी के था, बालक एक बहुत सुंदर।

आया, आकर वहीं बस गया, पावन शिरडी किया नगर॥

कई दिनों तक भटकता, भिक्षा मांग उसने दर-दर।

और दिखाई ऐसी लीला, जग में जो हो गई अमर॥

जैसे-जैसे उमर बढ़ी, बढ़ती ही वैसे गई शान।

घर-घर होने लगा नगर में, साईं बाबा का गुणगान॥

दिग दिगंत में लगा गूंजने, फिर तो साईं जी का नाम।

दीन-दुखी की रक्षा करना, यही रहा बाबा का काम॥

बाबा के चरणों में जाकर, जो कहता मैं हूं निर्धन।

दया उसी पर होती उनकी, खुल जाते दुख के बंधन॥

कभी किसी ने मांगी भिक्षा, दो बाबा मुझको संतान।

एवमस्तु तब कहकर साईं, देते थे उसको वरदान॥

स्वयं दुखी बाबा हो जाते, दीन-दुखीजन का लख हाल।

अंत:करण श्री साईं का, सागर जैसा रहा विशाल॥

All the updates here:

अन्य न्यूज़