Astrology Tips: मां लक्ष्मी का व्रत शुरू करने से पहले जान लें ये नियम, जानिए शुभ पक्ष और मंत्र

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किसी भी व्रत को शुरू करने से पहले इससे जुड़ी कई अहम जानकारी होना जरूरी है। जिससे कि आप पूरी श्रद्धा और सही विधि से व्रत कर सकें। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि मां लक्ष्मी के व्रत कब से शुरू करें और शुभ पक्ष क्या है।

मां लक्ष्मी को धन-समृद्धि और सौभाग्य के देवी माना जाता है। मां लक्ष्मी की कृपा से जातक के जीवन में सुख-शांति और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में अगर आप भी मां लक्ष्मी का व्रत शुरू करने की सोच रही हैं, तो यह एक अच्छा विचार है। लेकिन किसी भी व्रत को शुरू करने से पहले इससे जुड़ी कई अहम जानकारी होना जरूरी है। जिससे कि आप पूरी श्रद्धा और सही विधि से व्रत कर सकें। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि मां लक्ष्मी के व्रत कब से शुरू करें और शुभ पक्ष क्या है। साथ ही मां लक्ष्मी के व्रत के दौरान किन मंत्रों का जाप करना चाहिए।

कब शुरू करें मां लक्ष्मी का व्रत

हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन, वैभव, सुख और समृद्धि की देवी माना जाता है। मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसे में अक्सर यह सवाल मन में आता है कि मां लक्ष्मी का व्रत कब से शुरू करना शुभ होता है। मुख्य रूप से शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। मान्यता है कि शुक्रवार को विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करने और व्रत करने से वह शीघ्र प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। ऐसे में अगर आप भी मां लक्ष्मी का व्रत शुरू करने का सोच रही हैं, तो शुक्रवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है।

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किस पक्ष में शुरू करें व्रत

कई लोग हर महीने की अंतिम पूर्णिमा से मां लक्ष्मी का व्रत शुरू करते हैं। क्योंकि पूर्णिमा के दिन देवी-देवताओं की पूजा के लिए पवित्र माना जाता है। बता दें कि शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से भी लक्ष्मी व्रत शुरू किया जा सकता है। इसलिए आप अपने हिसाब से यह व्रत शुरू कर सकती हैं।

पूजा का शुभ मुहूर्त

शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन आप सुबह और शाम दोनों समय मां लक्ष्मी की पूजा कर सकती हैं। शुभ मुहूर्त पंचांग के मुताबिक देखा जाता है। जिसमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण का ध्यान रखा जाता है।

सुबह का शुभ मुहूर्त- सूर्योदय के बाद और दोपहर से पहले।

शाम का शुभ मुहूर्त - प्रदोष काल के दौरान सूर्यास्त के बाद का समय

इन मंत्रों का करें जाप

ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्।

ऊँ चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह॥

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं श्रीं ह्रीं ॐ

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः॥

ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये समृद्धिम देहि देहि दापय दापय स्वाहा॥

पूजा का महत्व

सिर्फ धन ही नहीं बल्कि मां लक्ष्मी हमें सौभाग्य और ऐश्वर्य भी प्रदान करती हैं। जिसका अर्थ है कि मां लक्ष्मी का व्रत करने से जीवन में हर तरह की सुख-सुविधाएं, मान-सम्मान और भाग्योदय हो सकता है। मां लक्ष्मी की उपस्थिति निगेटिव एनर्जी और बाधाओं को दूर करती हैं। मां लक्ष्मी की पूजा से घर में सकारात्मकता का वास होता है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है और जीवन में स्पष्टता आती है। मां लक्ष्मी जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पत्नी हैं, ऐसे में जहां पर लक्ष्मी जी की पूजा होती है, वहां पर भगवान विष्णु का वास होता है। जिससे ज्ञान और बुद्धि का वास होती है। इसलिए मां लक्ष्मी की पूजा जरूर करनी चाहिए।

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