Govardhan Puja 2025: 21 या 22 अक्टूबर कब है गोवर्धन पूजा? दूर करें भ्रम, जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त

Govardhan Puja 2025
ANI

गोवर्धन पूजा 2025 की सही तिथि को लेकर चल रहे भ्रम को दूर करते हुए, हिंदू पंचांग के विश्लेषण से यह स्पष्ट है कि उदया तिथि 22 अक्टूबर को होने से पर्व इसी दिन मनाया जाएगा। शुभ मुहूर्त 22 अक्टूबर को सुबह 6:25 से 8:40 और शाम 3:29 से 5:45 तक है, जिसमें अन्नकूट बनाकर श्री कृष्ण को अर्पित किया जाएगा।

दिवाली पर्व के अगले दिन गोवर्धन की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा को देश भर में मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस खास अवसर पर हर घर में अन्नकूट बनाया जाता है और श्री कृष्ण को अर्पित किया जाता है। इस त्योहार को देशभर में अलग-अलग तरीका से मनाया जाता है। हालांकि, ब्रज भूमि के क्षेत्र जैसे कि- वृंदावन, भरतपुर, गोकुल, नंद गांव, मथुरा, बरसाना आदि स्थानों में इस त्योहार को भव्य तरीके से मनाया जाता है। इस दिन लोग गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा भी करते हैं। दिवाली का पर्व इस बार 20 अक्टूबर को मनाया जा रहा है और गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर का दोनों पर्व के दौरान एक दिन का विराम है, जिसको लेकर कई लोगों के मम तिथि को लेकर तरह-तरह के भ्रम है। आइए आपको गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त बताते हैं।

 

गोवर्धन पूजा कब है 

 

गोवर्धन पूजा का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की परेवा को मनाया जाता है। इस बार अमावस्या की तिथि काफी लंबी पड़ रही है इसलिए दिवाली भी 2 दिन की मनाई जा रही है। लक्ष्मी पूजन 20 को ही होगा। ज्योतिष के अनुसार, इस त्योहार की उदया तिथि 22 अक्टूबर को है। चंद्रमा के उदय से पूर्व यह पर्व 21 को मनाया जा सकता है, लेकिन गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 22 अक्टूबर को ही है।

 

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, 22 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 25 मिनट से शुरु होकर सुबह 8 बजकर 40 मिनट तक आप पूजा कर सकते हैं। इसके अलावा, शाम को 3 बजकर 29 मिनट से शुरु होकर 5 बजकर 45 मिनट तक इस पूजा को करने का शुभ मुहूर्त रहेगा।

गोवर्धन पूजा के  जरुरी नियम

- मान्यता है कि गोवर्धन पूजा हर बार परेवा के दिन ही मनाई जाती है। यह पर्व दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। यदि सूर्यास्त के बाद प्रतिपदा पड़ रही है, तो पर्व को एक दिन पहले मनाया जाता है। वहीं, प्रतिवदा सूर्योदय के समय पड़ रही है, तो गोवर्धन पूजा उसी दिन होती है।

- इस दिन को पूरे देश में गोबर से श्री कृष्ण के गोवर्धन स्वरुप को बनाया जाता है। भगवान को फूलों से सजाया जाता है और इनकी पूजा की जाती है। भगवान को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। 

- इसी दिन भगवान विश्वकर्मा की भी पूजा की जाती है। इस दिन औजारों और वर्कप्लेस व अन्य चीजों की पूजा की जाती है। 

All the updates here:

अन्य न्यूज़