देवगौड़ा के गृह जिला में विकास के मुद्दे पर लोगों में है गुस्सा

People in Devgoda''s home district have anger on the issue of development
[email protected] । May 8 2018 2:28PM

राज्य में 12 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही मतदाताओं ने अपने पसंद के प्रत्याशियों के बारे में चर्चा करनी शुरू कर दी है।

हासन (कर्नाटक)। कर्नाटक के हासन जिले में जहां एक ओर लोगों को इस बात का गर्व है कि भारत के एक पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा उनके जिले से आते हैं वहीं दूसरी ओर विकास कम होने, बढ़ती बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं के कारण लोगों में नाराजगी भी है। लोगों की मुख्य शिकायत है कि राजनीतिक दिग्गज देवगौड़ा के हासन से पांच बार सांसद रहने , जद ( एस ) का मजबूत गढ़ होने और उनके वोक्कालिगा समुदाय का दबदबा होने के बावजूद यहां शिवमोगा और बेंगलुरू जैसा विकास देखने को नहीं मिला। राज्य में 12 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही मतदाताओं ने अपने पसंद के प्रत्याशियों के बारे में चर्चा करनी शुरू कर दी है। जद (एस) ने 2013 के चुनाव में हासन जिले की सात में से पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि दो सीटें कांग्रेस के खाते में गयी थीं।

सक्लेशपुर विधानसभा क्षेत्र के सथिगाला इलाका निवासी वंजश्री गौड़ा ने बताया, ‘‘हम 10 साल से पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। कम बारिश के कारण भूजल स्तर नीचे चला गया है और 150 घर दो बोरवेल पर निर्भर है जो ठीक से काम नहीं कर रहा है।’’ इसके कारण एक कॉफी बगान में काम करने वाले गौड़ा को रोज पानी लाने के लिए दो किलोमीटर चलना पड़ता है। उन्होंने बताया, ‘‘जब देवगौड़ा पहली बार (1994) में मुख्यमंत्री बने थे तब हैंडपंपों के साथ ये बोरवेल लगाया गया था। इसके बाद यहां विकास नहीं हुआ।’’ उन्होंने कहा कि सड़क भी यहां इसी तरह खराब है। सक्लेशपुर में जद (एस), कांग्रेस और भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है और यहां के लोग बेरोजगारी और हाथियों की समस्या से जूझ रहे हैं। इसी तरह हासन विधानसभा में बेरोजगारी और पीने के पानी की समस्या एक बड़ा चुनावी मुद्दा है।

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