'शब्दभाव की लहरें' काव्य संकलन (पुस्तक समीक्षा)

book review
शेखर शुक्ला । May 11 2020 4:17PM

तीसरे लॉक डाउन से पहले ही काव्य संकलन शब्दभाव की लहरें को पाठकों को समर्पित कर दिया। इस काव्य संकलन में भारत के 32 युवा व अनुभवी रचनाकारों की रचनाएं शामिल हैं। काव्य संकलन में, शब्दों के माध्यम से भाव की लहरों को समाहित करने का प्रयास किया गया है।

वर्तमान में युवाओं का रुझान काव्य की तरफ़ तेज़ी से बढ़ा है। ग़ज़ल, कविता जैसी विधाओं में वह ख़ुद को पारंगत करने के लिए लेखन का सतत् अभ्यास करते रहते हैं। हाल ही में कोरोना का प्रकोप पूरे विश्व में तेज़ी से फैला और उसके इस घातक प्रकोप से भारत भी अछूता नहीं रहा। भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने तेज़ी दिखाते हुए इस संक्रमण को रोकने के प्रयास में लॉकडाउन घोषित कर दिया। 

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सुश्री पूर्वी गोलछा (19 वर्ष) जी ने इस समय का सदुपयोग करने के इरादे से अपने साथी रचनाकारों के साथ मिल कर एक काव्य संकलन के प्रकाशन का विचार करा और उस पर तत्काल कार्य  आरंभ कर के तीसरे लॉक डाउन से पहले ही काव्य संकलन "शब्दभाव की लहरें" को पाठकों को समर्पित कर दिया। इस काव्य संकलन में भारत के 32 युवा व अनुभवी रचनाकारों की रचनाएं शामिल हैं। जैसा कि नाम से विदित है कि इस काव्य संकलन में, शब्दों के माध्यम से भाव की लहरों को समाहित करने का प्रयास किया गया है। 

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यह संकलन अनेक भावों को एक साथ ले कर प्रकाशित हुआ है जैसे, देशभक्ति, सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करती कविताएँ, माँ-पिता के प्रति समर्पित कविताओं के साथ साथ प्रेम, तथा बचपन और कॉलेज के दिनों की यादों पर केंद्रित कविताएँ। यह काव्य संकलन GOOGLE PLAY STORE, GOOGLE BOOKS, AMAZON KINDLE और PAYHIP जैसे e-book स्टोर पर उपलब्ध है तथा लॉकडाउन ख़त्म होने के उपरांत जब देश में हालात सामान्य होंगे तो इसका पेपर बैक प्रारूप भी पाठकों के लिए उपलब्ध होगा। 

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इस पुस्तक का संपादन कुशल कवयित्री सुश्री सौम्या गर्ग जी ने किया है तथा विशेष योगदान श्री अनुज शुक्ल 'अक्स' जी ने दिया है। पुस्तक का प्रकाशन जयपुर, राजस्थान के TRUE DREAMSTER PUBLICATION ने करा है तथा e-book का मूल्य मात्र 99 रुपए है।

शेखर शुक्ला

हिंदी काव्य संगम

कानपुर नगर उत्तरप्रदेश

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