बाबू मोशाय, तुम नहीं समझोगे ! (व्यंग्य)

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सोचिए भारतीय टीम चाहती तो टेस्ट के अब तक न्यूनतम स्कोर 26 से कम पर भी ढेर हो सकती थी। फिर चाहे तो 37 पर भी। सोचिए 36 पर ही क्यों ढेर हुई? सोचिए-सोचिए। यह बताना इतना आसान नहीं कि 36 रनों के पीछे का गूढ़ रहस्य क्या है?

भारतीय क्रिकेट टीम छत्तीस रन बनाकर क्या ढेर हो गयी इन बदमाश समाचार पत्रों, टी.वी. चैनलों, सोशल मीडिया को मानो बैठे-बिठाए हाथ में बटेर लग गया। जिसे देखो उसे भारत की फजीहत करने में मज़ा आ रहा है। ताना तो ऐसे कस रहे हैं जैसे वे अगर होते तो आस्ट्रेलिया पर रनों का पहाड़ जमा देते। अब ससुरा वह भी सलाह देने लगा है जिसने कभी क्रिकेट की एबीसीडी भी नहीं जानी। सभी लगे हैं ज्ञान पेलने। विराट की चाल, रवि शास्त्री की नजर और भारतीय फैंस के हैशटैग पर कभी संदेह नहीं करते। ये कभी भी चकित कर सकते हैं। टीम के 36 रनों पर आलाऊट होने का जिस तरह से विश्लेषण किया जा रहा है, वह अक्षम्य अपराध और महापाप है। भारतीय टीम का इतने रनों पर आलाऊट होने का सबसे बड़ा कारण है– भारत और आस्ट्रेलिया के रिश्ते मजबूत बनाना। कभी सोचा है कि भारतीय टीम छत्तीस रनों पर ही क्यों ढेर हो गयी, नहीं न? फिर काहे को बेकार की बातें करते हो।

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सोचिए भारतीय टीम चाहती तो टेस्ट के अब तक न्यूनतम स्कोर 26 से कम पर भी ढेर हो सकती थी। फिर चाहे तो 37 पर भी। सोचिए 36 पर ही क्यों ढेर हुई? सोचिए-सोचिए। यह बताना इतना आसान नहीं कि 36 रनों के पीछे का गूढ़ रहस्य क्या है? मैं आपको भारतीय टीम के 36 रन पर आलाऊट होने के दो ऐसे कारण बताऊँगा कि आप हिमालय पर उल्टे लटकर तपस्या भी कर लें तो मेरे कारणों को काट नहीं सकते। पहला कारण है- दोनों देशों के संबंध मजबूत करना। जैसा कि आप सभी जानते हैं हमारा देश पिछले कुछ वर्षों से पड़ोसी देशों की ईर्ष्या का कोपभाजन बनता जा रहा है। ऐसे में ताकतवर देशों से संबंध स्थापित करना हमारी जरूरत और मजबूरी दोनों है। भारतीय प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में आस्ट्रेलिया का दौरा कर संबंध मजबूत करने की पहल की थी। अब भला भारतीय टीम की भी तो कुछ जिम्मेदारी बनती है। वे भी खेल के माध्यम से दोनों देशों के संबंध मजबूत कर सकते हैं। यही किया उन्होंने। कहते हैं एक सुंदर वर-वधू की जोड़ी बनने के लिए 36 गुण मिलने चाहिए। यह केवल भगवान राम-सीता के विषय में ही संभव हो पाया था। लेकिन इसे दोहराने का विराट कीर्तिमान किसी को जाता है तो वह है- भारतीय टीम। उन्होंने 36 रन नहीं 36 गुण गिनाए थे। अब आस्ट्रेलिया और भारत के संबंध इतने मजबूत हो गए हैं कि दुनिया की कोई भी ताकत इन्हें जुदा नहीं कर सकती।

दूसरा कारण– 36 का आंकड़ा। पहले टेस्ट मैच के बहाने भारतीय टीम ने आस्ट्रेलिया को यह संकेत देने का प्रयास किया है कि हम बच्चे नहीं हैं। हमारी टीम में सभी तोपदार और तीसमारखाँ टाईप खिलाड़ी हैं। इसीलिए हम तुमसे छत्तीस का आंकड़ा बनाने आए हैं। हमारा यह कारनामा भविष्य में भारतीय टीम के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा। हम दोस्ती और दुश्मनी बड़ी शिद्दत से करते हैं। हम जहाँ छत्तीस गुणों के बहाने संबंध मजबूत कर सकते हैं वहीं छत्तीस के आंकड़े के साथ टक्कर देने की पूरी ताकत भी रखते हैं। हम पर कोई संदेह करे यह हमें स्वीकार नहीं है। इसीलिए हमने 36 रन पर ढेर होकर हिंदी कहावत के बहाने तुम्हारे होश उड़ाने का काम किया है।

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कुल मिलाकर भारतीय टीम जहाँ आस्ट्रेलिया के साथ संबंध बनाने के प्रति गंभीर है, वहीं खेल भावना में अपने इरादों को अभिव्यक्त करने के प्रति आश्वस्त भी। वह छत्तीस गुणों व छत्तीस के आंकड़ों के साथ नए आयाम स्थापित करना चाहती है। ऐसी टीम के 36 रनों पर आलाऊट होने को लेकर जो बाबू मोशाय हायतौबा मचा रहे हैं, वे भारतीय टीम की अक्लमंदी, बहादुरी और त्याग को नहीं समझेंगे।

-डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा ‘उरतृप्त’

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