काश! हैरी पॉटर हमारा नेता होता (व्यंग्य)
काश, हैरी पॉटर हमारे देश का नेता होता। तब, सरकार यह तो नहीं कह पाती कि उसके पास जादू की छड़ी नहीं है। आप देख लेना, जिस दिन जादू की छड़ी मिल जाएगी, उस दिन देश की सारी समस्याएं हल हो जाएंगी।
सरकार देश की सारी समस्याएं हल करना चाहती है। लेकिन, उसके पास कोई जादू की छड़ी नहीं है। जादू की छड़ी होती तो सारी समस्याएं फटाफट हल हो जातीं। समस्याओं का फटाफट हल होना अच्छा होता है। समस्याएं हल नहीं होतीं तो लोग आंदोलन करते हैं। धरना, भूख−हड़ताल वगैरा करते हैं। उससे देश में अविश्वास पैदा होता है। आंदोलनकारी सरकार को भरोसेमंद नहीं मानते। सरकार आंदोलनकारियों को जि़म्मेदार नहीं मानती। इस सब का कारण केवल एक है− सरकार के पास जादू की छड़ी नहीं है।
जिन लोगों ने हैरी पॉटर की फि़ल्में देखी हैं, वे जानते हैं कि जादू की छड़ी में कितना दम होता है। और, जादू की छड़ी हैरी पॉटर के पास तो है, सरकार के पास नहीं है। काश, हैरी पॉटर हमारे देश का नेता होता। तब, सरकार यह तो नहीं कह पाती कि उसके पास जादू की छड़ी नहीं है। आप देख लेना, जिस दिन जादू की छड़ी मिल जाएगी, उस दिन देश की सारी समस्याएं हल हो जाएंगी। छड़ी ले कर सरकार संसद की छत पर जाएगी और छड़ी हिला कर कहेगी − ''ह्रीं, कीं, फट्, स्वाहा− 'भ्रष्टाचार समाप्तम्!'' छड़ी से रोशनी की एक ज़ोरदार चमक निकलेगी। सारे देश की आंखें चुंधिया जाएंगी। जो लोग रिश्वत ले रहे होंगे, वे रिश्वत नहीं लेंगे। जिन्होंने ले ली होगी, वे वापस कर देंगे। 'टू−जी घोटाला', ज़ीरो−घोटाला हो जाएगा। 'कॉमन वैल्थ गेम्स घोटाले' में से वैल्थ गायब हो जाएगी। सारे घोटाला करने वाले शरीफ़ हो जाएंगे। उनके चेहरे शराफ़त से ऐसे चमकने लगेंगे, जैसे अभी−अभी फ़ेशियल करवा कर आए हों।
सरकार को जादू की छड़ी मिल जाएगी तो आंध्र और विदर्भ के किसान आत्महत्या करना बंद कर देंगे। इधर सरकार छड़ी हिलायेगी, उधर किसानों का आत्महत्या करना बंद हो जाएगा। क्योंकि सरकार के छड़ी हिलाते ही, किसानों को खाने को जहर और लटकने को रस्सी मिलना बंद हो जाएगी। छड़ी हिलाने के बाद, किसान भूख से ले ही मर जाएं, आत्महत्या नहीं कर पाएंगे। सरकार को जादू की छड़ी मिल गयी तो देश से आतंकवाद का खतरा भी मिट जाएगा। सरकार छड़ी घुमाएगी तो इंटेलिजेंस वाले वाकई इंटेलिजेंट हो जाएंगे। आतंकवादियों के बमों की बारूद बुरादे में बदल जाएगी। उनकी बंदूकों से लेमनचूस की गोलियां निकलेंगी। लोग उन गोलियों को चूस कर खुश होंगे। उन गोलियों के जैसा स्वाद दुनिया की किसी गोली में नहीं होगा।
आज दुनिया के जो हालात हैं, उन्हें देख कर लगता है दुनिया की तमाम सरकारों को जादू की छड़ी की ज़रूरत है। अमरीका के पास होती, तो डॉलर की हालत इतनी पतली नहीं होती। पाकिस्तान के पास होती, तो पाकिस्तानी आतंकवादी पाकिस्तान में बम नहीं फोड़ते। ईजिप्त, लीबिया, सीरिया के पास होती तो वहां के लोग अपने तानाशाहों को अपने पिता के बराबर मानते। पर क्या करें, किसी के पास जादू की छड़ी है ही नहीं। ये जादू की छड़ी, बड़ी बदतमीज़ किस्म की छड़ी लगती है। सारी दुनिया परेशान है, पर मिलती ही नहीं। अरे ओ छड़ी, मिलती क्यों नहीं? अगर संसार की समस्याएं हल हो जाएंगी, तो तेरे बाप का क्या जाएगा?!
सरकार कहती है कि उसके पास जादू की छड़ी नहीं है। पता नहीं किसके पास है? जिसने भी छिपा कर रखी है, वह बड़ा बेशरम है। देशद्रोही है। दुष्ट है। पापी है। अरे ओ महानुभाव, जिसके पास भी जादू की छड़ी है, कृपया सरकार को दे दो। सरकार उसे संभाल कर इस्तेमाल करेगी और देश की समस्याएं हल करके आपकी छड़ी आपको लौटा देगी। जब तक आप सरकार को जादू की छड़ी नहीं देंगे, सरकार देश की समस्याएं हल नहीं कर पाएगी। इसलिए, जिसने भी जादू की छड़ी छिपायी है, उससे हाथ जोड़ कर निवेदन है, छड़ी सरकार को दे दो। प्लीज़! प्लीज़!! प्लीज़!!!
दुनिया में जादू की सबसे बड़ी छड़ी होती है− ईमानदारी। इस छड़ी की खासियत यह है कि जिनके पास यह होती है, उनकी खोती नहीं और जिनके पास नहीं होती, उनको मिलती नहीं।
स्व. यज्ञ शर्मा
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