इधर बांग्लादेश में बवाल, उधर जयशंकर ने बढ़ा दी अपनी चाल, PM मोदी के दूत बनकर अचानक क्यों पहुं श्रीलंका

Jaishankar
ANI

पीएम मोदी के विशेष दूत बनकर विदेश मंत्री एस जयशंकर श्रीलंका पहुंच हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री से मुलाकात की, दोनों देशों के बीच संबंधों की सराहना की।

एक तरफ भारत का एक पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश हिंसा की आग में झुलस रहा है। हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। युनूस सरकार से हालात संभाले नहीं संभल रहा है। वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी ने पड़ोसी देश श्रीलंका में अपना विशेष दूत भेजा है। पीएम मोदी के विशेष दूत बनकर विदेश मंत्री एस जयशंकर श्रीलंका पहुंच हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री से मुलाकात की, दोनों देशों के बीच संबंधों की सराहना की। 

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45 करोड़ अमेरिकी डॉलर का राहत पैकेज

भारत ने 45 करोड़ अमेरिकी डॉलर के सहायता पैकेज का प्रस्ताव दिया है। पैकेज में 35 करोड़ अमेरिकी डॉलर का रियायती ऋण और 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की अनुदान सहायता शामिल होगी। उन्होंने कहा कि श्रीलंका सरकार के साथ परामर्श करके इस पैकेज को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हमारी सहायता उन क्षेत्रों को कवर करेगी जो चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, जिनमें पहला क्षेत्र- सड़क, रेल और पुल संपर्क की पुन: बहाली है। उन्होंने कहा कि दूसरा- जो घर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं और जिन्हें आंशिक नुकसान हुआ है, उनके निर्माण में मदद करना। तीसरा- स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणालियों के लिए सहयोग, खासकर वे जो चक्रवात से क्षतिग्रस्त हुई हैं। चौथा- कृषि क्षेत्र, जिसमें अल्पावधि और मध्यम अवधि में संभावित कमी से निपटने के उपाय शामिल हैं तथा पांचवां क्षेत्र- बेहतर आपदा प्रतिक्रिया और तैयारियों की दिशा में काम करना है।

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श्रीलंका में भारत का ऑपरेशन सागर बंधु

जयशंकर ने कहा कि नुकसान के पैमाने को देखते हुए भारत का श्रीलंका की मदद के लिए आगे आना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि ‘दित्वा’ के श्रीलंका पहुंचने के पहले ही दिन भारत का ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ शुरू हो गया था। उन्होंने कहा हमारे विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरि कोलंबो में मौजूद थे और उन्होंने राहत सामग्री पहुंचाई, जिसके बाद हेलीकॉप्टर तैनात किए गए। भारतीय वायु सेना के कई ‘एमआई-17’ हेलीकॉप्टर ने श्रीलंका में दो सप्ताह से अधिक समय तक मदद पहुंचाई जबकि 80 सदस्यीय राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम ने बचाव और राहत कार्य किया। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत कुल मिलाकर 1,100 टन से अधिक राहत सामग्री पहुंचाई गई, जिसमें सूखा राशन, तंबू, तिरपाल, स्वच्छता किट, आवश्यक वस्त्र और जल शोधन किट शामिल थीं। 

60 टन अतिरिक्त उपकरण श्रीलंका लाए गए

जयशंकर ने कहा कि करीब 14.5 टन दवाइयां और चिकित्सकीय उपकरण भी उपलब्ध कराए गए तथा राहत कार्यों में सहायता के लिए 60 टन अतिरिक्त उपकरण श्रीलंका लाए गए। विदेश मंत्री ने कहा कि सेना के इंजीनियरों ने किलिनोच्ची में सी-17 विमानों से लाए गए बेली पुल का निर्माण किया। चिल्लाल में एक और बेली पुल का निर्माण फिलहाल जारी है। जयशंकर ने श्रीलंका की सहायता के अन्य तरीकों का जिक्र करते हुए कहा कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर काफी निर्भर है, इसलिए भारत श्रीलंका में भारतीय पर्यटन को प्रोत्साहित करेगा। विदेश मंत्री ने कहा कि इसी तरह, भारत से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि इस महत्वपूर्ण समय में आपकी अर्थव्यवस्था को बल दे सकती है। हमने अतीत में श्रीलंका का मजबूत संकल्प देखा है। भारत पहले से कहीं अधिक दृढ़ता से श्रीलंका के साथ खड़ा है।

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