हमारी पहचान है हिन्दी (कविता)
आज हिन्दी विश्व की सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली तीसरी भाषा है, विश्व में हिन्दी की प्रतिष्ठा एवं प्रयोग दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, लेकिन देश में उसकी उपेक्षा एक बड़ा प्रश्न है। सच्चाई तो यह है कि देश में हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं को जो सम्मान मिलना चाहिए, वह स्थान एवं सम्मान अंग्रेजी को मिल रहा है।
आज हिन्दी विश्व की सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली तीसरी भाषा है, विश्व में हिन्दी की प्रतिष्ठा एवं प्रयोग दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, लेकिन देश में उसकी उपेक्षा एक बड़ा प्रश्न है। सच्चाई तो यह है कि देश में हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं को जो सम्मान मिलना चाहिए, वह स्थान एवं सम्मान अंग्रेजी को मिल रहा है। कवि ने कविता में बहुत सुंदर ढंग से हिंदी को प्रस्तुत किया है।
मेरे भारत की आन बान शान,
हमारी मातृभाषा हिन्दी है महान।
देशभक्त देशवासियों का अभिमान,
हमारी दुनिया में पहचान है हिन्दी।
सभी देशवासियों को एक सूत्र में,
पिरोकर रखने वाला माध्यम है हिन्दी।
लेखकों कवियों की कल्पना को साकार,
करने का सबसे सशक्त माध्यम है हिन्दी।
गीता का उपदेश कवि की कविता,
लेखक की खुशी का इजहार है हिन्दी।
देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक,
एकजुट बांधकर रखने का सूत्र है हिन्दी।
देश में गंगा-जमुनी संस्कृति के दीप को,
प्रज्वलित रखने वाली पहचान है हिन्दी।
सैयद इब्राहिम खान को कृष्ण-भक्ति में,
रमाकर रसखान बनाने वाली है हिन्दी।
अपने जयघोषों से लोगों को जगाकर,
देश से अंग्रेजों को भगाने वाली है हिन्दी।
विदेशी आक्रांताओं की गुलामी की जंजीर,
तोड़ने वाली महावीर क्रांतिकारी है हिन्दी।
हिमालय की पर्वतमालाओं में नदियों की
लहरों पर स्वरों को गुनगुने वाली है हिन्दी।
माँ भारती के वीर सपूतों को देश पर,
प्राण न्यौछावर की प्रेरणा देने वाली है हिन्दी।
देश की सीमाओं के रक्षकों को विकट,
परिस्थितियों में हौसला देने वाली है हिन्दी।
गंगा-यमुना के दोआब में लहलहाती,
विभिन्न फसलों को शब्द देती है हिन्दी।
ईश्वर की पावन महान धरती भारत में,
राम-कृष्ण की मधुर मुस्कान है हिन्दी।
देश परिवार को एकजुट रखने के लिए,
धरती एक परिवार है का ज्ञान देती है हिन्दी।
सनातन धर्म के मूल संस्कार विचारधारा,
को सरल शब्दों में समझाती है प्यारी हिन्दी।
हल्दीघाटी की रणभूमि में योद्धाओं का ताज,
बनकर के दुश्मन का काल बनती है हिन्दी।
देश के लिए लड़े गये हर महासंग्राम में,
गद्दारों की मौत का हथियार है हिन्दी ।
हर व्यक्ति को अपनेपन का आभास,
कराने वाली दुनिया की श्रेष्ठ भाषा है हिन्दी।
युद्धभूमि में वीरता की प्रतिमूर्ति बनकर के,
जोश की ज्वाला उत्पन्न करती है हिन्दी।
करती है जो लोगों के दिलोदिमाग पर राज,
दुनिया में ऐसी एकमात्र सर्वश्रेष्ठ भाषा है हिन्दी।
- दीपक कुमार त्यागी
वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार, रचनाकार व राजनीतिक विश्लेषक
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