जब आइसक्रीम खाई (बाल कहानी)

ice cream
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संतोष उत्सुक । May 29 2025 4:59PM

उधर से मुदित भी आ गया बोला, ‘वाह! आइसक्रीम! चलो चलो, खाते हैं’। आभास ने मना किया तो दोनों बोले आइसक्रीम से कुछ नहीं होता। तीनों मित्रों ने आइसक्रीम खूब मज़े से खाई। आभास को मज़ा तो आया लेकिन घर पहुँचते पहुँचते उसके गले में खराश शुरू हो गई, लगा इंफेक्शन शुरू होने लगा था।

आइसक्रीम तो सभी को अच्छी लगती है। गर्मियों की तो बात ही क्या शिमला में तो सर्दियों के मौसम में भी पर्यटक आइसक्रीम खाते हैं। अब तो आइसक्रीम में नए नए स्वाद आने लगे हैं। 

आभास को भी आइसक्रीम बहुत पसंद है। एक दिन स्कूल की छुट्टी के बाद जब वह स्कूल के मुख्य द्वार से बाहर निकला तो सामने आइसक्रीम वाला खड़ा दिखा। उसने खुद से कहा, ‘चलो यार आइसक्रीम खाते हैं’, लेकिन अगले ही क्षण उसे मम्मी की सलाह याद आ गई कि आइसक्रीम हमेशा साफ़ सुथरी जगह से अच्छी क्वालिटी की खानी चाहिए। पर्यावरण दूषित होने के कारण आजकल संक्रमण फैलते देर नहीं लगती। वह रुक गया । इतने में प्रखर ने आकर उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा, ‘चल यार आइसक्रीम हो जाए’। 

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उधर से मुदित भी आ गया बोला, ‘वाह! आइसक्रीम! चलो चलो, खाते हैं’। आभास ने मना किया तो दोनों बोले आइसक्रीम से कुछ नहीं होता। तीनों मित्रों ने आइसक्रीम खूब मज़े से खाई। आभास को मज़ा तो आया लेकिन घर पहुँचते पहुँचते उसके गले में खराश शुरू हो गई, लगा इंफेक्शन शुरू होने लगा था। मम्मी ने भांपते हुए कहा, ‘ज़रूर तुमने बाहर का कुछ खाया होगा’। पहले तो वो चुप रहा फिर उसने बता ही दिया कि तीनों ने मिलकर आइसक्रीम खाई।

मम्मी ने तुरंत उसे गरम पानी में नमक और हल्दी डालकर दिया और गरारे करने को कहा जिससे उसे थोडा आराम मिला। उसने पूछा, क्या सबको इन्फेशन हो गया होगा। मम्मी ने समझाया, ‘क्या पता, हो भी सकता है। हर खाने की चीज़ का अलग अलग शरीर पर अलग अलग असर होता है। सबकी इम्युनिटी एक जैसी नहीं होती बेटा’।

‘मुझे आशंका है आइसक्रीम बढ़िया क्वालिटी की नहीं थी, आपको समझना चाहिए कि सभी आइसक्रीम बनाने वाले ग्राहकों के स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रखते । इनसे हमें खुद ही बचना चाहिए और खाना नहीं चाहिए।  अच्छी क्वालिटी की कोई भी चीज़ थोड़ी महंगी ज़रूर होती है लेकिन उसके बनाने में सामान की क्वालिटी, प्रयोग किए जा रहे प्रिज़र्वेटिव व हाईजीन का पूरा ख्याल रखा जाता है। सामान पर लिखा जाता है कि उसे कब तक प्रयोग कर सकते हैं। आप जानते ही हो आपके पापा हम सबके लिए हमेशा अच्छी क्वालिटी की आइसक्रीम ही लाते हैं’।   

आभास ने कहा, ‘मम्मी पहले मैंने आपके समझाए अनुसार आइसक्रीम नहीं खाने का मन बना लिया था लेकिन फिर मुदित और प्रखर के कहने पर खा ही ली’।

मम्मी ने ज़ोर देकर कहा, ‘ऐसी स्थिति में अपने दोस्तों को भी समझाना चाहिए। खाने का बहुत मन हो तो चाहे थोड़ा दूर जाना पड़े, अच्छी ही खानी चाहिए। जल्दबाजी, खाने के लालच में या सस्ती होने के कारण बिल्कुल मत खाओ क्यूंकि हमारा स्वास्थ्य सबसे ज़रूरी है’। आभास को मम्मी की बात समझ आ गई थी। 

एक बार फिर गरारे करने से अगली सुबह तक उसका गला काफी ठीक हो गया था। अगले दिन उसने अपने दोस्तों को भी समझाया तो सभी ने निश्चय किया कि वे भी ऐसे आइसक्रीम नहीं खाएंगे। यदि खाएंगे तो ऐसी दुकान से खरीदेंगे जहां अच्छी मिलती हो।  

आभास जब स्कूल से घर लौटा तो उसकी नटखट बहन अनुभूति ने उसे छेड़ते हुए कहा कि आज उनके पापा आइसक्रीम का नया टेस्ट लाए हैं। आभास ने कहा, ‘हां यार मैंने भी कई दिन से बढ़िया आइसक्रीम नहीं खाई है’। अनुभूति बोली, लेकिन तुमको सिर्फ एक बार ही मिलेगी।

- संतोष उत्सुक

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