नीरव मोदी प्रत्यर्पण: क्या है अब तक की कहानी, भारत वापसी में क्या रोड़ा?

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अभिनय आकाश । Feb 27 2021 6:30PM

भारत के भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को लंदन की अदालत से तगड़ा झटका लगा है।वेस्ट विंसर की कोर्टने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने भारत में न्याय नहीं मिलने और सेहत के आधार पर नीरव मोदी की दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया।

25 फरवरी को वो तारीख जब लंदन की कोर्ट ने वो बात कह दिया जो हम कोहिनूर के लिए बरसों से सुनना चाहते थे। मतलब, इसे भारत को लौटा दो। नीरव मोदी और माल्या के लिए भी हम ऐसा ही कुछ सुनना चाहते थे। हमारे देश का भगौड़ा नीरव मोदी कब आएगा? कितने किंतु-परंतु हैं उसके आने में लेकिन 25 फरवरी 2021 ब्रिटेन से खबर आई नीरव मोदी से जुड़ी की कोर्ट ने कह दिया है अपनी इसे ले जाओ। उसके बाद तो ऐसा हल्ला मचा कि मानों रात होते-होते नीरव मोदी को कॉलर पकड़कर भारत की जेल में ठूस दिया जाएगा। लेकिन जानकारों ने बताया इतना उत्तेजित होने की आवश्यकता नहीं है। अभी बहुत समय लगने वाला है। तो आइए मामला समझते हैं। 

पहला सवाल- लेटेस्ट क्या हुआ जो विपक्षी दलों की धराधड़ प्रतिक्रिया आने लगी?

कांग्रेस के नेता और पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने सवाल किया कि यह भारतीय एजेंसियों की सफलता है या ब्रिटेन के कानून की। उन्होंने कहा कि हम इसका स्वागत करते हैं। यूके कानून बधाई का पात्र है। वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि खबर के अनुसार ऐसा लग रहा है कि जैसे बहुत बड़ी कामयाबी भारत सरकार को मिल गई है और वो बहुत जल्द उसको वापस ले आएंगे। लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि ये खबर ठीक नहीं है। 

जवाब- नीरव मोदी भाग गया भारत से 2018 में तब से बातें चल रही थी सरकार वापस लाएगी। नीरव मोदी वापस आएगा। किसरे नीरव मोदी की करीबी हैं नीरव मोदी ने किसके राज में पैसा बनाया है आदि इत्यादि। फिर मोदी जी ने नया नियम बनाया। दिवालिया कानूननका बहुत ही शानदार नियम और इसी के तहत नीरव मोदी भगोड़ा घोषित किया गया। फिर हमारी सरकार ने अंग्रेजों की सरकार से कहा नीरव मोदी हमारा मुजरिम है, हमें सौंप दो। मामला ब्रिटेन की कोर्ट पहुंचा। वहां भारत के भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को लंदन की अदालत से तगड़ा झटका लगा है।वेस्ट विंसर की कोर्टने नीरव मोदी के भारत प्रतर्पण को मंजूरी दे  दी है। कोर्ट ने भारत में न्याय नहीं मिलने और सेहत के आधार पर नीरव मोदी की दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया। अदालत ने माना की भारत में नीरव मोदी की कई मामलों में जवाबदेही है। 

फैसला सुनाते हुए लंदन की कोर्ट ने कहा कि हम इस बात से संतृष्ट हैं कि नीरव मोदी को दोषी ठहराए जाने के लिए पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं। 

शानो-शौकत वाले हीरा व्यापारी से लेकर भगोड़े तक का सफर

 25 फरवरी को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को जब निर्णय सुनाया तो वह अपने विरोधाभासों से भरे जीवन के 50 साल पूरे करने से महज दो दिन दूर था। गुजरात के एक हीरा कारोबारी का सदस्य नीरव मोदी यूरोप के आभूषणों के केंद्र बेल्जियम के एंटवर्प में बड़ा हुआ था पहले उसकी बड़ी बड़ी हस्तियों के साथ जान पहचान थी और उसके हीरों के डिजायन संबंधी कार्यक्रम में बड़े बड़े सितारे शामिल होते थे। पिछले साल प्रत्यर्पण सुनवाई के दौरान बड़े फ्रांसीसी ज्वैलरी विशेषज्ञ थीरी फ्रिटस्क ने कहा, ‘‘ मैं (भारत में) कार्यशाला में शिल्पकारिता से बहुत प्रभावित था।..’’ अदालत में सुनवाई के दौरान नीरव मोदी के वकीलों ने उसके अवसाद और मानसिक स्थिति को लेकर भी तमाम दलीलें दीं।

क्या-क्या आरोप हैं

हीरा व्यापारी नीरव मोदी पर आरोप  है कि उसने पंजाब नेशनल बैंक के साथ लगभग 11 हजार 345 करोड़ रुपये का घोटाला किया। इसके अलावा उसके खिलाफ भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के भी केस पेंडिंग हैं। भारत लगभग दो साल से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है। नीरव मोदी इस प्रत्यर्पण के खिलाफ ब्रिटेन में कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। 2018 में भारत से भागने के बाद नीरव कई अज्ञात स्थानों पर रहा है। बाद में पता चला कि वो ब्रिटेन में है। उसे मार्च 2019 में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया। ब्रिटेन में निचली अदालत या उच्च न्यायालय से जमानत प्राप्त करने के उसके प्रयास विफल रहे। इस वक्त वो लंदन की एक जेल में है। लंदन की कोर्ट ने नीरव मोदी की सभी दलीलें खारिज कर दी।  नीरव मोदी ने बैंक पीएनबी के साथ इस तरह के लेन-देन किए।

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कोर्ट यहां तो कोर्ट कचहरी वहां क्यों?

साल 2018 में भारत से भागने के बाद नीरव मोदी के ब्रिटेन में होने की खबर आई। ब्रिटेन की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने 13 मार्च 2019 को लंदन से उसे गिरफ्तार किया। मध्य लंदन में एक बैंक की शाखा से 19 मार्च 2019 को एक प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया था। वह उस समय बैंक शाखा में नया खाता खुलवाने का प्रयास कर रहा था। वह लंदन में सेंटर प्वाइंट के पेंटहाउस इलाके में रह रहा था। वह नियमित रूप से अपने कुत्ते के साथ समीप की एक नयी ज्वैलरी दुकान में जाता था। बाद में सामने आया कि लंदन में वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में हिरासत सुनवाई के दौरान उसने बुटिक लॉ एलएलपी की सेवा ली थी। तब से वह साउथ वेस्ट लंदन की वैंड्यवर्थ जेल में बंद है। नीरव ने अपने खिलाफ आए प्रत्यर्पण आदेश को अदालत में चुनौती दी थी। हमारे यहां से एक आदमी बैंकों का इतना पैसा लेकर भागा है इसे पकड़कर हमें दे दीजिए। टेक्निकल शब्दों में इसे ही प्रत्यर्पण कहा जाता है। दो साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद डिस्टि्किट जज सैम्यूल गूजी ने फैसला सुनाया कि नीरव के खिलाफ कानूनी मामला है, जिसमें उसे भारतीय अदालत में पेश होना होगा। 

अब आगे क्या

यूके की कोर्ट के इस फैसले से ही नीरव मोदी को भारत वापस लाया जा सकेगा? जवाब है नहीं। कई कानूनी पेंचीदगियां अभी बाकी हैं। मजिस्ट्रेट कोर्ट का फैसला अंतिम फैसला नहीं होगा। वेस्ट मिनस्टर कोर्ट के फैसले के बाद प्रत्यर्पण की फाइल को अब ब्रिटेन की गृह मंत्री के पास भेजा जाएगा। प्रत्यर्पण के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी है। वहीं नीरव मोदी के पास प्रत्यर्पण के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने का अधिकारभी है। इन सब में कई महीने लग सकते हैं और हर जगह से हार चुकने के बाद भी वो विजय माल्या की तरह असायलम यानी शरण के लिए आवेदन कर सकता है ताकी उसे और समय मिल जाए। इन असायलम वाली याचिका पर निर्णय आने में कई महीने लग जाते हैं। इसका सीधा अर्थ है कि इस पूरी प्रक्रिया में अभी एक से दो साल और लग सकते हैंष अगर नीरव मोदी इस फैसले को चुनौती नहीं देता है को उसे एक महीने के भीतर ही भारत लाया जा सकेगा। 

सब हो जाएगा और नीरव मोदी को भारत लाया जाएगा तो क्या होगा। पंजीरी तो खिलाएंगे नहीं जेल भेजेंएंगे। मुंबई की प्रिवेंसन ऑफ मनी लॉऩ्ड्रिंग एक्ट के हिसाब से भगोड़ा नीरव मोदी, बैकों को 11 हजार कोरड़ का चूना लगाने वाला नीरव मोदी जिसके पीछे सीबीआई, ईडी जैसी देश की प्रमुख एजेंसियां पड़ी हैं। एक बार इनको भारत आने तो दीजिए इतने मुकदमें चलेंगे कि शानो शौकत में जिंदगी बिताने वाले हीरा कारोबारी को देश की बैंकों का पैसा लेकर फरार होने का इल्म हो जाएगा। 

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चलते-चलते आपको नीरव मोदी केस से जुड़ी और एक दिलचस्प जानकारी देते हैं। दरअसल, 

यूकी के जज ने भारत के सेवानिवृत जज अभय थिप्से और मार्केंडेय काटजू की तरफ से भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के समर्थन में एक्सपर्ट के रूप में राय को पूरी तरह से खारिज कर दिया। यूके जज ने मार्कडेय काटजू की गवाही पर भी सवाल खड़े किए। बता दें कि काटजू ने वेस्टमिंस्टर कोर्ट में एक्सपर्ट के रूप में नीरव मोदी के पक्ष में बाते कही थीं। उन्होंने कहा था कि भारत के जूडिशरी का अधिकांश हिस्सा भ्रष्ट है और जांच एजेंसिया सरकार की ओर झुकाव रखती हैं। लिहाजा नीरव मोदी को भारत में निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा। जिसके बाद बारी थी यूके के जज गूजी के बोलने की और उन्होंने न केवल काटजू की टिप्पणी को अनुचित और हैरान करने वाला बताया बल्कि कहा कि मेरी नजर में उनकी राय निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं थी। यूके जज ने कहा कि काटजू ने भारतीय जूडिशरी में इतने ऊंचे ओहदे पद पर काम किया है। इसके बावजूद उनकी पहचान ऐसे मुखर आलोचक के रूप में रही है जिनका अपना एजेंडा होता है। मुझे उनके सबूत के साथ ही उनका व्यवहार भी सवालों के घेरे में लगा। 

बहरहाल, नीरव मोदी को लेकर ब्रिटेन की कोर्ट का फैसला आ गया और इसको लेकर देश में राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई। लेकिन इन सब के बीच नीरव मोदी के लिए भारत में जेल भी तैयार रखा गया है। 

आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा

नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के पक्ष में एक ब्रिटिश अदालत का फैसला आ जाने के साथ ही मुम्बई की आर्थर रोड जेल ने उसे रखने के लिए एक विशेष कोठरी तैयार कर ली है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। जेल अधिकारी ने बताया कि नीरव मोदी को यहां लाये जाने के बाद उसे अतिसुरक्षा वाले बैरक नंबर 12 की तीन कोठरियों में से एक में रखा जाएगा। -अभिनय आकाश

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