परमबीर सिंह: 26/11, ड्रग्स प्लांट, कस्टडी में टॉर्चर से सलमान संग कनेक्शन तक, आरोपों की फेहरिस्त लंबी है

Parambir Singh
अभिनय आकाश । Mar 20 2021 3:45PM

मुंबई पुलिस का जिक्र होता है तो इसके साथ ही जिक्र इसकी बहादुरी, चपलता और साहस की भी होती है। मुंबई पुलिस की तुलना स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) से की जाती है। लेकिन कुछ दिनों से मुबंई पुलिस पर मुकेश अंबानी के घर विस्फोटक मिलने, मनसुख हिरेन की रहस्मयी मौत के बाद कई सवाल उठ रहे हैं।

मुझे बेल्टों से पीटा जा रहा था। जब वो मारते तो पूरे हाथ उभरे चले आते, सूज जाते। जब हाथ टाइट हो जाते और उन्हें लगता कि कहीं फट न जाए हाथ तो फिर गर्म पानी में नमक डालकर हमारे हाथों को इसमें डलवाते। फिर पीटना शुरू कर देते। इतनी भयानक टॉर्चर की कोई स्त्री तो दूर की बात है कोई पुरुष भी सहन नहीं कर सकते। उन्होंने लगातार   मुझे इतनी बुरी तरह से मारा कि मेरे हाथ-पैर नीले पड़ गए और ऊंगलियां काली पड़ गई। मैं पानी का ग्लास भी नहीं पकड़ पाती थी। फिर परमबीर सिंह आए और उन्होंने एक इंस्पेक्टर से बेल्ट लेकर कहा- तुममें ताकत नहीं है, कैसे तुम पुलिस वाले हो, खाते पीते नहीं हो क्या? लाओ इसको तो मैं देखता हूं और फिर उन्होंने पूरी ताकत हमारे ऊपर बरसाई। ये बातें साध्वी प्रज्ञा ने खुद पर हुए टॉर्चर की कहानी बयां करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने मुंबई पुलिस के कुछ अफसरों पर गंभीर आरोप भी लगाए। जिसमें उन्होंने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह का नाम भी लिया। मुंबई पुलिस का जिक्र होता है तो इसके साथ ही जिक्र उसकी बहादुरी, चपलता और साहस की भी होती है। मुंबई पुलिस की तुलना स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) से की जाती है। लेकिन कुछ दिनों से मुबंई पुलिस पर मुकेश अंबानी के घर विस्फोटक मिलने, मनसुख हिरेन की रहस्मयी मौत के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस की किरकिरी भी खूब हुई। लेकिन इसके साथ ही गाज मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमबीर सिंह पर भी गिरी। उनका तबादला होमगार्ड में कर दिया गया। मुंबई पुलिस का जिक्र होता है तो इसके साथ ही जिक्र परमबीर सिंह का भी अक्सर होता है। लेकिन मुंबई पुलिस कमिश्नर बनाये जाने से पहले भी परमबीर सिंह विवादों में खूब रहे और उनपर आरोप भी कई सारे लगे। चाहे वो अजित पवार को एरिगेशन स्कैम से बचाए जाने के आरोप हों, साध्वी प्रज्ञा को कस्टडी में टॉर्चर करने से लेकर 26/11 के दौरान लापरवाही बरतने तक के तमाम आरोप। हालांकि ये तमाम आरोप हैं जो कि विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स, व्यक्ति विशेष द्वारा उन पर समय-समय पर लगाए गए हैं। जिसके आधार पर हमने एक विश्लेषण तैयार किया है। हमारी मंशा किसी भी तरह से किसी व्यक्ति या मुंबई पुलिस की छवि पर सवाल उठाना या उसे धूमिल करना नहीं है। हम केवल पूरे मामले से जुड़ी जानकारियां जो मीडिया और विभिन्न मंचों पर सार्वजनिक हैं उससे आपको रूबरू करवा रहे हैं।  

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परमबीर सिंह का जन्म 20 जून 1962 रो फरीदाबाद में हुआ। परमबीर सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी से एमए किया और वो अपने बैच के टॉपर रहे थे। इसके साथ ही वो मुंबई आईपीएस क्रिकेट टीम के कैप्टन भी रह चुके हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 1988 में आईपीएस की परीक्षा दी और सफल होकर पुलिस में आए। उन्हें मुंबई का डीसीपी क्राइम ब्रांच बनाया गया। फिर ठाणे के कमिश्नर बनाए गए। उस वक्त दाउद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को उनके नेतृत्व में गिरफ्तार किया गया था। इसके साथ ही उन्होंने पुणे में नक्सली समर्थकों के नेटवर्क का भी खुलासा किया था। फर्जी कॉल सेंटर का भी भांडा फोड़ उनके ही कार्यकाल के दौरान हुआ था। फिर डीजी ऑफ एंटी करप्शन ब्यूरो बना दिया गया। परमवीर सिंह ने ड्रग्स रैकेट मामले में अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को आरोपी बनाया था। उनके पति भी आरोपी थे। परमबीर सिंह की पत्नी सविता एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस में डॉयरेक्टर रह चुकी हैं और 2020 में उन्हें निजी कारणों से इस्तीफा दिया। उनके पुत्र की शादी राजनेता और सागर मेघे की बेटी से हुआ है। सागर मेघे बीजेपी के नेता दत्ता मेघे के बेटे हैं। 36 सालों तक कांग्रेस में रहने के बाद मेघे परिवार ने 2014 में बीजेपी का दामन थामा।   

अजित पवार को एरिगेशन स्कैम मामले में मिली क्लीन चिट

मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय बर्वे फरवरी में रिटायर होने वाले थे। 2018 में एसीबी प्रमुख के रूप में 70,000 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले मामले में अजीत पवार के नाम से पहला हलफनामा दायर किया। बर्बे को रिप्लेस करने के दावेदारों में से एक परमबीर सिंह ने सिंचाई घोटाले में अजीत पवार को क्लीन चिट देते हुए हाई कोर्ट के समक्ष हलफनामा दायर किया। मुंबई मिरर ने इस पर एक रिपोर्ट साल 2019 में प्रकाशित की जिसमें उन्होंने कहा कि एंटी करप्शन ब्यूरो की तरफ से अजीत पवार को सिंचाई घोटाले मामले में क्लीन चिट दी गई जब कि मुंबई पुलिस नए कमिश्नर के जैसे बड़े बदलाव की प्रक्रिया से गुजरने वाला है। इत्तेफाक से दोनों पुलिस अधिकारी जो 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले में एसीबी की जांच के अभिन्न अंग हैं, इस बदलाव के केंद्र में हैं। मुंबई मिरर की रिपोर्ट के अनुसार मुंबई पुलिस के तत्कालीन   कमिश्नर संजय बर्वे ने नवंबर 2018 में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के समक्ष अजित पवार का शामिल करते हुए पहला हलफनामा दायर किया था। वे तब एसीबी के प्रमुख थे। एसीबी के वर्तमान प्रमुख, परमबीर सिंह ने पवार के घोटाले से जोड़ने के सबूत नहीं होने की बात कहते हुए नया हलफनामा दायर किया। मुंबई मिरर की रिपोर्ट के अनुसार परमबीर सिंह का हलफनामा बर्वे के हलफनामे से 180 डिग्री अलग था।  

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 सलिल चतुर्वेदी के घर ड्रग्स प्लांट करने का मामला

अधिकारियों ने 2 अगस्त, 2005 को सलील चतुर्वेदी के अंधेरी स्थित आवास पर छापा मारा और कथित तौर पर कोकीन वाली तीन बोतले जब्त की। जिसके बाद इस मामले में चतुर्वेदी की गिरफ्तारी हुई और उन्हें एक महीने जेल में भी रहना पड़ा। लेकिन उन्हें 3 अप्रैल 2009 को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। उस वक्त परमबीर सिंह  आतंकवाद-रोधी दस्ते के अतिरिक्त आयुक्त भी थे। रिहा होने के बाद सलिल ने दावा किया कि पुलिस ने उनके खिलाफ एक फर्जी मामला दर्ज किया था और उन्हें फ्रेम करने के लिए शीशियों को प्लांट किया गया था। चतुर्वेदी की रिहाई के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुणे स्थित सीआईडी को मामले में पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच करने के निर्देश दिए। 

मुंबई मिरर कि रिपोर्ट के अनुसार 2 सितंबर 2009 को सीआईडी की पांच पन्नों की अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि सलिल चतुर्वेदी के घर रेड करने वाले कॉन्स्टेबल अशोक भोसले के बयान के अनुसार उसने अपने सिनियर ऑफिसर के ऑर्डर पर ड्रग्स प्लांट किया था। हालाँकि, 14 सितंबर को, भोसले ने अपने बयान को वापस ले लिया। मुंबई मिरर की रिपोर्ट के अनुसार CID ने आरोप लगाया कि परमबीर सिंह के दबाव में भोसले अपने बयान से पटल गया। 

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26/11 हमला और परम बीर सिंह के खिलाफ याचिका

26 नवंबर 2008 की वो स्याह तारीख को भला कौन भुला सकता है। जब लश्कर ए तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई को बम और गोलियों की आवाजों से दहला दिया था। इस आतंकी हमले में 160 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए।  26/11 आतंकी हमलों के दौरान कथित रूप से कर्तव्य की लापरवाही के आरोप में परमबीर सिंह समेत तीन अन्य अतिरिक्त पुलिस कमिश्नरों के खिलाफ याचिका दायर की गई। हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पूर्व पुलिस आयुक्त हसन गफूर के एक साक्षात्कार के आधार पर, जुहू स्थित व्यवसायी गोल्डी सूद ने एक जनहित याचिका (PIL) दायर की, जिसमें इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और उनके निलंबन की मांग की गई। याचिका में आरोप लगाया गया था कि परमबीर सिंह समेत ये आईपीएस अधिकारी तत्कालीन पुलिस आयुक्त के आदेशों का पालन करने में विफल रहे थे।

हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार याचिका में कहा गया कि वरिष्ठ अधिकारियों ने आदेशों का पालन किया होता तो स्थिति को नियंत्रण में बहुत पहले ही लाया जा सकता था और कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी। याचिका में कहा गया है कि इन अधिकारियों ने उआदेशों की अवहेलना की, अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे, उन्होंने आतंकवादियों से मुकाबला करने से इनकार कर दिया और परेशानी वाले क्षेत्रों से दूर रहना पसंद किया।

पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त ने बताया बुरा पुलिस

जुलाई 2018 में, रिबेरो ने ‘मुंबई पुलिस आयुक्त के पद के लिए लड़ रहे दो पुलिस’ पर एक लेख लिखा था। परम बीर सिंह का नाम लिए बिना, रिबेरो ने ‘अच्छे पुलिस-बुरे पुलिस’ वाले सादृश्य को तैयार किया था, जहाँ परम बीर सिंह को ‘बुरा पुलिस’ कहा गया। उसी को अपराध मानते हुए, सिंह ने रिबेरो से माफी माँगने के लिए कहा था। इतना ही नहीं, उन्होंने उन पर मुकदमा चलाने की भी धमकी दी थी।

सलमान, समन और क्रिसमस पार्टी

स्थानीय पुलिस ने 30 नवंबर को 2002 के हिट-एंड-रन मामले में अभिनेता को समन करने में विफल रही और दावा किया गया कि वह मुंबई में नहीं हैं। लेकिन वास्तविक सच्चाई इससे उलट नजर आई जब सलमान खान बांद्रा में एक हाई प्रोफाइल क्रिसमस पार्टी में शामिल होने के साथ-साथ महबूब स्टूडियो में शूटिंग करते हुए कैमरे में कैप्चर हो गए। जिसके बाद दावा किया गया कि सलमान खान के साथ पार्टी में आईजीपी परमबीर सिंह भी शामिल थे।

मिड डे की रिपोर्ट के अनुसार सलमान खान और परमबीर सिंह दोनों को मुंबई में सनी दीवान और उनकी पत्नी अनु दीवान द्वारा आयोजित एक क्रिसमस पार्टी में शामिल हुए थे। जबकि बांद्रा पुलिस ने सलमान खान के शहर में नहीं होने का दावा किया था। मिडे डे के अनुसार पार्टी अगली सुबह 7 बजे तक चली। परमबीर सिंह अपनी पत्नी सविता के साथ लगभग 3:15 मिनट यूनियन पार्क एवन्यू से बाहर जाते दिखे। उस पार्टी में तत्कालीन गृह मंत्री और कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे की बेटियां प्रीति और प्रणति भी शामिल थीं।

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साध्वी प्रज्ञा ने लगाए बेल्ट से पीटने के आरोप

परम बीर सिंह पर भोपाल की वर्तमान सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह साध्वी ने गंभीर अत्याचार का आरोप लगाया गया था। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया था कि कथित ‘भगवा आतंक मामले’ में उनकी भूमिका को जबरदस्ती कबूल करने के लिए मुंबई एटीएस द्वारा उन पर काफी अत्याचार किया गया था।

सुशांत सिंह राजपूत केस

फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह की मौत के मामले में भी परमबीर सिंह और मुंबई पुलिस की भूमिका पर कई सवाल उठे थे। अंतिम संस्कार जल्दी कराए जाने से लेकर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर परिवार वालों की तरफ से सवाल उठाए गए। बिहार पुलिस के अधिकारी को क्वारंटीन करने की बात हो या बिहार पुलिस के साथ सूचना साधा करने की जिसको लेकर उस वक्त के बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कई सवाल उठाए थे। 

टीआरपी स्कैम

टीआरपी स्कैमपरमवीर सिंह ने दावा किया था कि टीआरपी स्कैम में रिपब्लिक मीडिया शामिल है। कुछ और चैनलों के नाम लिए गए थे। इस मामले में जांच अब भी जारी है। रिपब्लिक मीडिया ने दावा किया है कि राजनीतिक इशारे पर उन पर आरोप लगाए गए हैं. इससे जुड़ा एक मामला सीबीआई के पास है।

बहरहाल, ये तमाम आरोप हैं और इन आरोपों से इतर ताजा मामले में मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से परमबीर सिंह को हटाए जाने के कारण जो भी हो लेकिन महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने साफ किया कि ये रूटीन ट्रांसफर नहीं है।  मुंबई पुलिस विभाग के प्रमुख होने के नाते उनके सहयोगी (सचिन वाजे) अधिकारी ने कुछ गंभीर गलतियां की है। ऐसी गलतियां की है जिसके लिए माफी नहीं दी जा सकती है। इस कारण उनका तबादला किया है। इस मामले में अब जांच में जो सामने आएगा उस अनुसार कार्रवाई होगी।- अभिनय आकाश

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