क्या है 2014 का बर्धमान बम ब्लास्ट मामला, जिसको लेकर ममता बनर्जी ने RAW पर उठाये थे सवाल

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अभिनय आकाश । Feb 11 2021 6:03PM

ममता बनर्जी का मोदी सरकार से बैर तो पुराना है ही और अदावत की कोई सीमा नहीं होती। जिसका उदाहरण आपको इस घटनाक्रम में पता चल जाएगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय खुफिया एजेंसी पर ही ब्लास्ट की साजिश रचने का आरोप लगा दिया।

पूर्वी हिमालय और बंगाल की खाड़ी के बीच बसे पश्चिम बंगाल में खूबसूरत घाटियों से लेकर चाय के बागानों की ताजगी है तो कहीं सुंदरवन की विविधता। धार्मिक और सांस्कृतिक तौर पर जितना ही ये राज्य समृद्ध है उतना ही राजनीतिक तौर पर ये राज्य जागरूक है। साथ ही बंगाल का राजनीति के एक खास उग्र रूप से वास्ता रहा है। क्रांति और जुनून राज्य के राजनीतिक मानस में शामिल है। इसके साथ ही बंगाल में राजनीतिक हिंसा का भी पुराना इतिहास रहा है। बात आज से छह साल पहले की है। बम के धमाकों से बंगाल का बर्धमान जिला दहल उठा था। जांच एजेंसियां हमले को लेकर तफतीश में लगी थी। लेकिन सूबे की मुख्यमंत्री अलग ही राग अलाप रही थी और देश की खुफिया एजेंसी पर सवाल उठा रही थी। अब बर्धमान बम धमाके से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। कोलकाता में एनआईए की विशेष अदालत ने बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमीयत उल मुजाहिदीन के भारत में सरगना को 2014 के वर्द्धमान बम विस्फोट मामले में संलिप्त रहने को लेकर 29 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 35 हजार का जुर्माना भी लगाया है। अब आपको पूरे मामले के बारे में बताते हैं। दरअसल, पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में 2 अक्टूबर 2014 को बम धमाका हुआ था। बर्धमान इलाके के स्वगरागढ़ में एक भवन में जोरदार विस्फोट में 2 लोगों की मौत हुई थी और कुछ लोग घायल हुए थे। जिसके बाद मामले को लेकर तफ्तीस शुरू हुई और पुलिस व अन्य जांच एजेंसियों ने पाया कि किराये के मकान की पहली मंजिल पर यह धमाका हुआ था। यहां जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के आतंकियों द्वारा बम बनाया जा रहा था। बम बनाते समय ही किसी गलती से विस्फोट हो गया था। जिसके कारण 2 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। ब्लास्ट में एक आतंकी घायल भी हुआ। इस मामले में कुल 33 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ। इनमें शेख कौसर को मिली सजा के साथ 31 दोषी करार दिए जा चुके हैं। 2 आरोपित अभी तक फरार है। 

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राॅ पर ममता ने लगाए बड़े आरोप

ममता बनर्जी का मोदी सरकार से बैर तो पुराना है ही और अदावत की कोई सीमा नहीं होती।  जिसका उदाहरण आपको इस घटनाक्रम में पता चल जाएगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय खुफिया एजेंसी पर ही ब्लास्ट की साजिश रचने का आरोप लगा दिया। ममता ने कहा कि केंद्र ने बर्दमान में बम प्लांट करने के लिए भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का इस्तेमाल किया होगा। ममता का आरोप था कि उन्होंने (केंद्र) पहले कहा कि अवैध प्रवासियों को बाहर निकाला जाना चाहिए। अब बर्दमान की घटना इससे संबंधित है। बर्धमान ब्लास्ट के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विस्फोट के पीछे भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) को दोषी ठहराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि वह 23 साल से केंद्र में मंत्री रही हैं। वह जानती है कि कौन क्या करता है, उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ ही महीने पहले केंद्र की सत्ता पर काबिज मोदी सरकार ने दोनों आतंकवादियों को विस्फोटक बनाने के लिए एक घर भी मुहैया कराया। तब विशेषज्ञों का मानना ​​था कि ममता बनर्जी के बयान को आरोपी ढाल की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। 

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सीआईडी से लेकर एनआईए तक

इस मामले की शुरुआती जांच राज्य सीआईडी ने की थी। सीाईडी ने शेख मोनोहर हुसैन के स्वामित्व वाले मकान पर छापा मारा। सीआईडी दल ने पूछताछ के बाद मकान को सील कर दिया। बताया जाता है कि हुसैन ने स्वीकार किया था कि मकान तालेख शेख और 3 अन्य ने किराए पर लिया था। जिसमें 2 महिलाएं भी थीं। वे महिलाएं फरार हो गई। इन सब के बीच केंद्र ने बर्धमान विस्फोट मामले की जांच एनआईए को सौंप दी। मार्च 2015 में एनआईए ने इस मामले में प्रारंभिक आरोप पत्र दाखिल किया। एजेंसी की ओर से कहा गया कि प्रतिबंधित संगठन जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश की साजिश वहां की चुनी हुई बांग्लादेश की सरकार को हिंसा के जरिये सत्ता से बेदखल करने की है। एनआईए की जांच में यह खुलासा हुआ था कि जेएमबी ने भारत एवं बांग्लादेश की सरकारों के खिलाफ युद्ध छेड़ने को लेकर साजिश रची थी और अपने सदस्यों को हथियार एवं विस्फोटकों का प्रशिक्षण मुहैया कराया था। 

एनएसए डोभाल ने किया बंगाल दौरा

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत देश के शीर्ष सुरक्षा और खुफिया प्रमुखों ने बर्दमान में विस्फोट मामले को लेकर घटना के कुछ ही दिनों बाद 28 अक्टूबर 2014 को बंगाल का दौरा किया। इस दौरान ममता बनर्जी से साथ चर्चा की वहीं ममता दीदी ने आतंकवाद से लड़ने में केंद्र को पूरे सहयोग का भरोसा दिया और मिलकर काम करने का वादा भी किया। 

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33 में 31 दोषी करार, दो अब भी फरार

बांग्लादेशी नागरिक शेख कौसर को अदालत ने भारतीय दंड संहिता, गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून और विदेशी (नागरिक) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया। उसके खिलाफ बिहार के गया में जनवरी 2018 में हुए विस्फोट के मामले में भी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के एक अन्य मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया था। 

ममता के दावे साबित हुए झूठे

कोलकाता में एक विशेष एनआईए अदालत ने बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमीयत उल मुजाहिदीन (जेएमबी) के भारत में सरगना को 2014 के बर्धमान बम विस्फोट मामले में संलिप्त रहने को लेकर बुधवार को 29 साल कैद की सजा सुनाई। साथ ही, उस पर 35,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। कौसर को मिली सजा के साथ मामले के 33 आरोपियों में से 31 दोषी करार दिए जा चुके हैं, जबकि दो आरोपी अब भी फरार हैं।- अभिनय आकाश

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