पर्यावरण की रक्षा के काम में दिन-रात जुटा है ''रक्षक इको'' संगठन

नई दिल्ली। पर्यावरण ही जीवन है। जितनी रक्षा हम पर्यावरण की करेंगे उतना ज्यादा स्वच्छ जीवन हमें प्राप्त होगा। 'रक्षक इको' एक माध्यम है आप को पर्यावरण से जोड़ने का। हम 'रक्षक इको' फाउंडेशन की तरफ से आप लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं। हमारा मानना है कि आज के मिलावटी दौर में भी मनुष्य स्वस्थ रहे, साथ ही उसे जो संसाधन प्राप्त हुए हैं उनका उपयोग आने वाली पीढ़ियां भी कर सकें। जैसे कि टॉयलेट जाने के बाद हम फ्लश का इस्तेमाल करते हैं लेकिन हमें इस बात का ज्ञान नहीं होता है कि हमें कौन-सा बटन को दबाना है। फ्लश में तो छोटा और बड़ा दोनों तरह के बटन होते हैं, ऐसे में हमारा हाथ जिस बटन में रख गया उसी को दबा देते हैं जबकि कम पानी के इस्तेमाल के लिए छोटा बटन और ज्यादा के इस्तेमाल के लिए बड़ा बटन होता है। लेकिन इस बात की जानकारी नहीं होने की वजह से हम रोजाना कई लीटर पानी को बर्बाद कर देते हैं।
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ठीक इसी प्रकार दौड़ते-भागते हमारे जीवन से हरियाली गायब-सी हो गई है। ट्रैफिक में घंटों फंसे होने के बाद हमें शुद्ध हवा भी नहीं मिलती है। ऐसे में अगर आस-पास पेड़-पौधे न हों तो हवा कितनी ज्यादा प्रदूषित हो जाएगी इसके बारे में विचार मात्र से मन परेशान हो उठता है। 'रक्षक इको' फाउंडेशन का मानना है कि आप अपने आस-पास पेड़-पौधे लगाएं क्योंकि एक सामान्य पेड़ भी हर साल करीब 700 किलोग्राम ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है। गर्मी के समय में बढ़े हुए तापमान के बीच में भी पेड़-पौधे ठंडक देते हैं और इनके आस-पास तापमान औसतन 4 डिग्री तक कम रहता है।
कई रिसर्च में इस बात का दावा किया जा चुका है कि पीपल जीवन देने वाला वृक्ष होता है और आज के समय में जीवन का मतलब शुद्ध हवा से है। पेड़ों में पीपल ही एक मात्र ऐसा पेड़ है जो चौबीसों घंटे ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है। जबकि दूसरे पेड़ रात में कार्बन डाईआक्साइड छोड़ते हैं। हमें अगर हमारे आस-पास की हवा को शुद्ध करना है तो अधिक-से-अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए साथ ही लोगों को ऐसा करने के लिए जागरूक भी करना चाहिए।
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हम सिर्फ पानी, पेड़, मिट्टी की ही बात नहीं करते हैं हम तमाम संसाधनों का जिक्र कर रहे हैं जिनकी आज के समय में रक्षा करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी इनका लाभ मिल सके और प्रकृति भी सुरक्षित रहे। रक्षक इको फाउंडेशन “Spread Green Save Blue” विचार पर काम करता है। जिसका मतलब है- पेड़ों को बढ़ाओ पानी को बचाओ। वैसे ‘रक्षक इको’ फाउंडेशन गैर सरकारी संस्था (NGO) है, जिसमें कॉलेज के स्कूल, आईटी क्षेत्र के लोग और सरकारी कर्मचारी मिलकर काम कर रहे हैं। सबका उद्देश्य यही है कि हमें और हमारे बच्चों को स्वस्थ जीवन मिल सकें और सबसे बड़ी बात कि यह लोग सारा काम अपनी पॉकिट मनी से करते हैं।
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