Army Day 2021: : सेना दिवस पर जानिए भारतीय सेना के बारे में 10 अनसुनी बातें और इतिहास
15 जनवरी का दिन देश के बहादुरों को सलाम करने का दिन है। ये एक ऐसा दिन है जब हमारी सेना अपनी आजादी का जश्न मनाती है। 1949 में ब्रिटिश जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदभार संभाला था।
देश में हर साल 15 जनवरी का दिन बेहद खास होता है। भारतीय सेना के लिहाज से ये दिन वीर और शौर्यता के लिहाज से बेहद खास माना जाता है। भारतीय 15 जनवरी को सेना दिवस के रूप में मनाते हैं क्योंकि ये 1949 का दिन था जब दिवंगत फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करियप्पा ने 1949 में ब्रिटिश जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदभार संभाला था। भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ बने थे। उसी समय से 15 जनवरी को आर्मी डे मनाया जाता है।
1947 भारत-पाक युद्ध
स्वतंत्रता के तुरंत बाद 1947 में पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष में भारतीय सेना के सैनिकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जनरल थिमैया ने मोर्चे के सैनिकों का नेतृत्व किया और पाकिस्तानी सेना को धूल चटाई। थिमैया बाद में 1957 में सेनाध्यक्ष बने।
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विजय दिवस
भारत 16 दिसंबर को "विजय दिवस" के रूप में मनाता है, जो भारतीय सेना को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर शानदार जीत की याद दिलाता है, जिसके कारण बांग्लादेश का निर्माण हुआ। पाकिस्तानी सेना ने बिना शर्त भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। पाक जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाज़ी ने 93,000 सैनिकों के साथ भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह युद्ध 4 से 16 दिसंबर तक सिर्फ 13 दिनों तक चला था। इसे बांग्लादेश मुक्ति संग्राम, 1971 के नाम से भी जाना जाता है।
भारत पाकिस्तान युद्ध
भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान के 8,000 सैनिक मारे गए और 25,000 घायल होने के साथ सबसे अधिक नुकसान हुआ, जबकि भारत 3,000 जांबाजों को खो गया और 12,000 घायल हो गए। बख्तरबंद वाहनों का नुकसान भी इसी तरह असंतुलित था। यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ी हार थी।
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दुनिया में दूसरा सबसे बड़ी सेना
चीनी पीएलए के बाद 1.2 मिलियन सैनिकों के साथ भारतीय सेना दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी है, जिसमें कथित तौर पर 1.6 मिलियन सैनिक हैं।
मनोज मुकुंद नरवणे
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने 31 दिसंबर, 2019 को सेना प्रमुख का पदभार संभाला, भारतीय सेना के 27वें प्रमुख हैं।
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