UP में तीन सालों में हुई 6,126 मुठभेड़, मारे गए 122 अपराधी, 13 पुलिसकर्मी भी हुए शहीद

DGP Prashant Kumar

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि कुल 13, 361 अपराधी गिरफ्तार हुए जबकि 2,296 अपराधी मुठभेड़ों में जख्मी हुए। इन मुठभेड़ों में 909 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले करीब तीन साल के दौरान पुलिस मुठभेड़ में 122 अपराधी मारे गये हैं जबकि 13 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि 20 मार्च 2017 से दस जुलाई 2020 के बीच 6,126 मुठभेड़ों में पुलिस ने 122 अपराधियों को मार गिराया जबकि इनमें 13 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं। कुमार ने बताया कि कुल 13, 361 अपराधी गिरफ्तार हुए जबकि 2,296 अपराधी मुठभेड़ों में जख्मी हुए। इन मुठभेड़ों में 909 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। कानपुर में दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात कुख्यात अपराधी विकास दुबे के यहां दबिश देने गये पुलिस दल पर घात लगाकर किये गये हमले में आठ पुलिसकर्मी मारे गए गये थे। 

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कुमार ने बताया कि कानपुर हमले में 21 नामजद आरोपी थे, जिनमें से दुबे सहित छह को पुलिस ने मार गिराया जबकि चार को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि बाकी 11 आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। दुबे को पुलिस ने दस जुलाई को मार गिराया था। पुलिस दल उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन से कानपुर लेकर आ रहा था। पुलिस का दावा है कि कानपुर के निकट रास्ते में विकास दुबे को लेकर आ रही कार बारिश के बाद सड़क पर फिसलन के कारण अचानक पलट गयी। एसटीएफ का बयान कहता है कि कार चालक ने सड़क पर चल रहे मवेशियों को बचाने की कोशिश की थी। 

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कुमार ने बताया कि राज्य में एक जनवरी 2020 से 15 जून 2020 के बीच लूट की 579 वारदात हुईं जो 2019 की समान अवधि के मुकाबले 44.17 फीसदी कम है। समीक्षाधीन अवधि में डकैती की 33 वारदात हुई जो 2019 की समान अवधि के मुकाबले 37.74 फीसदी कम है। उन्होंने बताया कि इस साल दहेज हत्या के 1,019 और बलात्कार के 913 मामले सामने आये जो ऐसे मामलों में क्रमश: 6.34 प्रतिशत और 25.41 प्रतिशत की कमी दर्शाते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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