राजकीय पॉलीटेक्निक हरदोई में आवास निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु अवशेष धनराशि 125.63 लाख रूपये स्वीकृत

Government Polytechnic Hardoi

प्रदेश सरकार ने प्राविधिक शिक्षा विभाग के तहत संचालित राजकीय पॉलीेटेक्निक हरदोई में विभिन्न कार्यों हेतु अवशेष धनराशि 125.63 लाख रूपये स्वीकृत किये हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष हेतु स्वीकृत की गई अवशेष धनराशि 125.63 लाख रूपये से राजकीय पॉलीटेक्निक, हरदोई में आन्तरिक सड़क, चहारदीवारी, नाली, प्रधानाचार्य आवास एवं टाइप-4 के आवास के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण से सम्बन्धित कार्य किये जायेंगे।

प्रदेश के विधायी एवं न्याय व ग्रामीण अभियन्त्रण मंत्री ब्रजेश पाठक द्वारा कल दिनांक 26 अगस्त 2021 मध्याह्न 12ः00 बजे मार्स आडिटोरियम, इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान गोमती नगर में ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग द्वारा विभिन्न योजनान्तर्गत कराये जा रहे कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया जायेगा। कृपया कार्यक्रम के कवरेज हेतु सम्मानित समाचार पत्र/न्यूज चैनल के प्रेस प्रतिनिधि एवं फोटोग्राफर सादर आमंत्रित हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पशु चिकित्सा सेवायें तथा पशु स्वास्थ्य के लिए जनपद फिरोजाबाद के विकासखण्ड-टूण्डला की ग्रामसभा मदावली में निर्माणाधीन पशु चिकित्सा पालीक्लीनिक हेतु अवशेष 32.45 लाख रुपये की धनराशि वर्तमान वित्तीय वर्ष में स्वीकृत की है। पशु चिकित्सा पालीक्लीनिक के माध्यम से स्थानीय स्तर पर पशुचिकित्सा सेवाओं हेतु आवश्यक औषधि एवं उपकरण की व्यवस्था सुनिश्चित हो सकेगी। पशुधन विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में शासनादेश जारी करते हुए जनपद फिरोजाबाद के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गयें हैं। शासनादेश में कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि का आहरण व व्यय अनुमोदित कार्ययोजना एवं मदों में योजना हेतु निर्धारित गाइडलाइन का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करते हुए किया जाये।

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नैनी में नाली की शिकायत पर मंत्री नन्दी ने जेई को दी हिदायत

विधानसभा का मानसून सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने के बाद मंगलवार को प्रयागराज पहुंचे उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन, अल्पसंख्यक कल्याण, राजनैतिक पेंशन, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री व प्रयागराज शहर दक्षिणी विधायक नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के नैनी एरिया में भ्रमण किया। मंत्री नन्दी ने लोगों से मुलाकात की और सभी का कुशलक्षेम जाना। नैनी के आनन्द नगर व अन्य इलाकों में लोगों ने नाली न होने और जलभराव की शिकायत की तो मंत्री नन्दी ने नगर निगम के जेई और कर्मचारियों को तत्काल व्यवस्था दुरूस्त करने की हिदायत दी।

श्री नंदी ने स्वर्गीय रामजी विश्वकर्मा एवं मक्खन लाल पटेल की पिछले दिनों हुई निधन की सूचना पर उनके आवास पर जाकर शोक संवेदना व्यक्त किया। रवि मिश्रा जी के आवास पर मंत्री नन्दी ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। मंत्री नन्दी ने नैनी एरिया में भ्रमण करते हुए सेक्टर संयोजक श्याम कुमार मिश्रा नैनी बाजार, अरविंद राय, सुनील कुमार वर्मा, दिनेश सिंह, विनय सिंह, रजत कुमार दुबे, आलोक जायसवाल, अजय कुमार चौबे, मंगला प्रसाद गौड़, शशांक शेखर पांडेय, मक्खन लाल पटेल, रामजी विश्वकर्मा काजीपुर, रवि मिश्रा, सत्यम मिश्रा, ऋषभ मिश्रा, अजय कुमार के घर जाकर परिजनों एवं अन्य लोगों से मुलाकात की। उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनी और तत्काल सम्बंधित अधिकारियों से मोबाइल से वार्ता कर निराकरण के निर्देश दिए। इस अवसर पर दिलीप केसरवानी, रवि मिश्रा, सुनील जायसवाल, राम जी मिश्रा, रजनीकांत सोनकर, अनूप पासी, योगेंद्र मिश्रा, प्रिंस अकबर, तौसीफ अहमद, शिवम सक्सेना, विशाल श्रीवास्तव, पंकज गुप्ता, अनूप दास, राजकुमार अग्रवाल, रामचंद्र गौतम के साथ ही नगर निगम और जलकल विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

 नन्दी प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को आवास की चाभी सौंपेंगे

उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन, अल्पसंख्यक कल्याण, राजनैतिक पेंशन, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री व प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से विधायक श्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी दिनांक 26 अगस्त को दोपहर 12.00 बजे सर्किट हाउस सभागार प्रयागराज में प्रधानमंत्री आवास योजना, सबके लिए आवास (शहरी) के लाभार्थियों को उनके आवास की चाभी सौंपेंगे। इस दौरान नैनी क्षेत्र के करीब 100 से अधिक लाभार्थी मौजूद रहेंगे। प्रयागराज नगर निगम एवं नगर पंचायत क्षेत्र में 14,000 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माण के लिए प्रथम किस्त दी जा चुकी हैं। वहीं बड़ी संख्या में ऐसे भी लाभार्थी हैं, जिन्हें आवास निर्माण की सभी किस्त दी जा चुकी है।

किसान किसी भी सहायता के लिए टोल फ्री नम्बर 1800-1800-150 पर सम्पर्क करें

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा धान खरीद वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत आगामी एक अक्टूबर से 31 जनवरी, 2022 तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं बुन्देलखण्ड में तथा एक नवम्बर से 28 फरवरी, 2022 तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में किसानांे से सीधे धान की खरीद की जायेगी। कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के तहत पारदर्शी धान खरीद की व्यवस्था के लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है। किसानों को खाद्य विभाग के पोर्टल ूूूण्बिेण्नचण्हवअण्पद पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। यह जानकारी अपर आयुक्त (विपणन) श्री अरूण कुमार सिंह ने देते हुए बताया कि किसानों का इस वर्ष धान खरीद के लिए ‘कृषक पंजीकरण‘ आधार नम्बर एवं आधार में अंकित मोबाइल नम्बर पर भेजे गये ओ0टी0पी को भरने के उपरांत होगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष किसानों को धान के मूल्य का भुगतान उनके आधार से लिंक बैंक खाते में किया जायेगा, इसलिए किसान अपने जिस बैंक खाते में भुगतान प्राप्त करना चाहते हैं, उसे आधार से लिंक कराना होगा। अपर आयुक्त ने बताया कि किसान किसी भी सहायता के लिए टोल फ्री नम्बर 1800-1800-150 या सम्बन्धित जनपद के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन निरीक्षक से सम्पर्क कर सकते हैं।

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कानपुर के हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के लिए सृजित 04 अस्थाई पदों का स्थायीकरण

प्रदेश सरकार ने प्राविधिक शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर के अन्तर्गत सृजित कुलपति, कुलसचिव, वित्त नियंत्रक तथा परीक्षा नियंत्रक के एक-एक अस्थाई पदों को स्थाई पदों में परिवर्तित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है। इस सम्बंध में प्राविधिक शिक्षा विभाग के सचिव, श्री आलोक कुमार ने आदेश जारी कर दिये हैं। स्थाई किये गये पदों में से कुलपति का एक पद रूपये 75000 नियत, विशेष भत्ता रूपये 5000, कुलसचिव का एक पद रूपये 37400-67000, ग्रेड पे रूपये 8900, वित्त नियंत्रक का एक पद रूपये 37400-67000, ग्रेड पे रूपये 8900 तथा परीक्षा नियंत्रक का एक पद रूपये 37400-67000, ए0जी0पी0 रूपये 10,000 वेतनमान में स्वीकृत किये गये हैं। स्थाई किये गये पदधारकों को शासन द्वारा समय-समय पर जारी किये गये आदेशों के अनुसार महंगाई भत्ता एवं अन्य भत्ते, जो उन्हें अनुमन्य हों, देय होंगे।

राजकीय पॉलीटेक्निक हरदोई में आवास निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु अवशेष धनराशि 125..63 लाख रूपये स्वीकृत

प्रदेश सरकार ने प्राविधिक शिक्षा विभाग के तहत संचालित राजकीय पॉलीेटेक्निक हरदोई में विभिन्न कार्यों हेतु अवशेष धनराशि 125.63 लाख रूपये स्वीकृत किये हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष हेतु स्वीकृत की गई अवशेष धनराशि 125.63 लाख रूपये से राजकीय पॉलीटेक्निक, हरदोई में आन्तरिक सड़क, चहारदीवारी, नाली, ड्रेनेज, प्रधानाचार्य आवास एवं टाइप-4 के आवास के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण से सम्बन्धित कार्य किये जायेंगे। प्राविधिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव, श्री सुनील कुमार चौधरी की ओर से शासनादेश जारी कर दिया गया हैैै।

पशु प्रजनन सुविधाओं के सुधार एवं विस्तार के लिए 08 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने गायों एवं भैंसो में कृत्रिम गर्भाधान द्वारा पशु प्रजनन सुविधाओं के सुधार एवं विस्तार तथा बैफ के माध्यम से प्रजनन सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में आठ लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की है। यह धनराशि जनपद लखीमपुर खीरी, सिद्धार्थनगर, बिजनौर तथा सोनभद्र के लिए स्वीकृत की गई है। स्वीकृत धनराशि का व्यय जनजातीय क्षेत्र उपयोजना के तहत किया जायेगा। पशुधन विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में शासनादेश जारी करते हुए योजना के सुनियोजित क्रियान्वयन के आवश्यक दिशा-निर्देश सम्बन्धित जनपदों के मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों को दे दिए गए है।शासनादेश में कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि का आहरण एवं व्यय भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा एस0सी0एस0पी0/टी0एस0पी0 हेतु निर्धारित मानकों व दिशा-निर्देशों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करते हुए किया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य दुग्ध उत्पादन क्षमता में वृद्धि के साथ ही पशुपालकों की आय में वृद्धि कर उनके आर्थिक स्तर में सुधार लाना है। इस योजनान्तर्गत प्रदेश के पशुपालकों के पशुओं को कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध कराकर उन्नत प्रजाति के दुधारू पशुओं के प्रजनन को बढ़ावा दिया जा रहा है। कृत्रिम गर्भाधान से मादा पशुओं में होने वाली प्रजनन संबंधी बीमारियों की कमी आयेगी। कम समय में आनुवंाशिक उन्नति के लिये कृत्रिम गर्भाधान सरल व सशक्त माध्यम है तथा पशु प्रजनन कार्यक्रम की रीढ़ है। उच्च आनुवंाशिक वीर्य के माध्यम से वृह्द स्तर पर पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान कराते हुए पशुओं की नस्ल सुधार कर उनकी उत्पादकता में वृ़िद्ध की जाती है। योजना के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में निवास कर रहे पशुपालकों को उन्नत प्रजाति के पशु प्राप्त हो रहें हैं और दुग्ध उत्पादन की क्षमता में वृद्धि के साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है।

सहकारी चीनी मिलों की कार्य क्षमता में सुधार एवं आधुनिकीकरण के किये जा रहे कार्य

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की 06 सहकारी चीनी मिलों की कार्य क्षमता में सुधार और उनका आधुनिकीकरण किया है। इसमें अनूपशहर (बुलंदशहर), नानपारा (बहराइच), सरसावा (सहारनपुर) पुवायां (शाहजहांपुर), बेलरांय और सम्पूर्णानगर (लखीमपुर खीरी) सहकारी चीनी मिलों का तकनीकी आधुनिकीकरण किया गया है। इन चीनी मिलों की कार्य क्षमता में सुधार और आधुनिकीकरण कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा 100 करोड़ रूपये की धनराशि उपलब्ध करायी गई है। इस संबंध में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आधुनिकीकरण के उपरांत इन चीनी मिलों में जहां स्टीम की खपत कम हुई, वहीं ऊर्जा एवं बगास की भी बचत हुई है। चीनी मिलों का आधुनिकीकरण हो जाने से मिलों के संचालन के दौरान ब्रेकडाउन कम हो रहे हैं और चीनी की गुणवत्ता में भी सुधार हो रहा है। इस आधुनिकीकरण से तथा चीनी की गुणवत्ता में सुधार होने से  प्रत्येक मिल को लगभग 04-05 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष की अतिरिक्त बचत हुई है। इन 06 सहकारी चीनी मिलों में ‘जीरो लिक्विड डिस्चार्ज‘ आस्वनी संयंत्र लगाये गये हैं। इस संयंत्र की स्थापना से भूगर्भ जल दोहन में 25-30 प्रतिशत की कमीे होने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है और किसानों को प्रेसमड निर्मित बायोकम्पोस्ट खाद उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है।

यू0डी0आई0डी0 प्रोजेक्ट के प्रचार-प्रसार हेतु 19,56,525 रूपये निर्गत

प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित यूनीक डिवाइस आइडेन्टिफायर यू0डी0आई0डी0 प्रोजेक्ट के प्रचार-प्रसार के लिए भारत सरकार से प्राप्त धनराशि 19,56,525 रूपये निर्गत कर दिये हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष हेतु निर्गत की गई धनराशि व्यय की स्वीकृति सहित निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग को उपलब्ध करा दी गई है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के विशेष सचिव, श्री अजीत कुमार की ओर से जारी आदेश के अनुसार जिस कार्य/मद में वित्तीय स्वीकृति की जा रही है,  उसका उपयोग नियमानुसार उसी कार्य/मद हेतु किया जायेगा। यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि प्रश्नगत कार्य किसी अन्य कार्य योजना में सम्मिलित नहीं है तथा इस हेतु पूर्व में किसी अन्य योजना/स्रोत से धनराशि स्वीकृत नहीं की गई है।

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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए एक अरब पच्चासी करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि मंजूर

उत्तर प्रदेश शासन ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रथम किश्त की प्रथम टेंªच के रूप में अवमुक्त केन्द्रांश की धनराशि 1,85,95,00,000 रूपये (रूपये एक अरब पच्चासी करोड़ पंचानबे लाख मात्र) को अवमुक्त करते हुए मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के निवर्तन पर रखने के निर्देश दिये हैं। इस धनराशि का उपयोग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत सड़कों के निर्माण कार्य के लिए किया जायेगा। इस सम्बन्ध में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा आवश्यक आदेश जारी कर दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि के नियम संगत व्यय व स्वीकृत धनराशियों के निर्धारित प्रारूप पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त किये जाने का दायित्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण, लखनऊ को होगा।

वृन्दावन शोध संस्थान भवन के जीर्णोद्धार एवं नवनिर्माण हेतु रु0 01 करोड़ स्वीकृत

वृन्दावन शोध संस्थान, वृन्दावन मथुरा के भवन का जीर्णोद्धार एवं नवनिर्माण आदि कार्यों हेतु चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में रु0 01 करोड़ की धनराशि शासन द्वारा स्वीकृत की गई है। उक्त बजट प्राविधान के सापेक्ष धनराशि की उपलब्धता का दायित्व निदेशक, संस्कृति विभाग का होगा। कार्यदायी संस्था से कार्य पूर्ण के सम्प्रेक्षित लेखे प्राप्त किये जाने के निर्देश भी शासन द्वारा दिये गये है।

स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय, शाहजंहापुर के विद्युत संयोजन हेतु धनराशि की गई स्वीकृत

निदेशक, उ0प्र0 राजकीय अभिलेखागार लखनऊ के प्रस्तावानुसार स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय, शाहजहांपुर के 80 कि0वा0 विद्युत भार का विद्युत संयोजन हेतु रु0 29,23472.00 (उन्नतीस लाख तेईस हजार चार सौ बहत्तर) की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई है। उक्त स्वीकृत धनराशि का आहरण एवं व्यय आवश्यकतानुसार एवं नियमानुसार किये जाने एवं कार्यदायी संस्था से कार्य पूर्ण होने के सम्प्रेक्षित लेखे प्राप्त किये जाने के निर्देश शासन द्वारा दिये गये हैं। रिमोट सेन्सिंग तकनीक के माध्यम से उत्तर प्रदेश के उत्थान में तत्पर प्रदेश स्तर का अग्रणी, रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन्स वैज्ञानिक संस्थान

रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन्स सेंटर, लखनऊ में एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में स्थापित है। प्रारम्भ से ही वायुवीय तथा उपग्रहीय संवेदन तकनीक एवं पारम्परिक तकनीकों के समन्वय से इस केन्द्र द्वारा उत्तर प्रदेश के विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों सम्बन्धी अध्ययन किये जाते रहे हैं। प्रदेश के चहुँमुखी विकास में योगदान देने हेतु इस केन्द्र द्वारा भू-सम्पदा, जल संसाधन, वन एवं कृषि सम्पदा, मृदा भूमि उपयोगिता/भूमि आच्छादन तथा नगरीय संरचना सम्बन्धी कोष्ठांे में अनेक बहुमूल्य आँकड़े सृजित किये गये हैं। केन्द्र की कार्यप्रणाली प्रमुखतः दो प्रारूपों में सम्पादित की गयी। प्रदेश के विभिन्न उपयोगकर्ता विभागों के अनुरोध पर सम्पादित कार्यों के रूप में तथा केन्द्र द्वारा संचालित शोध परियोजनाओं के रूप में। प्रदेश सरकार के उपयोगकर्ता विभागों में शनैः-शनैः सुदूर संवेदन की क्षमता एवं उपयोगिता के प्रति जागरूकता बढ़ी है तथा विभिन्न विभागों द्वारा पोषित परियोजना कार्यों में दिन-प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है।

इस संस्थान के प्रमुख कार्य क्षेत्र में जल संसाधन सम्बन्धी अध्ययन किया जाता है जिसमें प्रदेश के बाढ़ एवं सूखा प्रभावित क्षेत्रों का सेटेलाइट चित्रों से मानटरिंग, प्रदेश के सभी जिलों में तालाबों, पोखरों, झीलों जलाशयों तथा नहरों के समीप जल भराव के क्षेत्रों का सेटेलाइट चित्रों से मानचित्रण, प्रदेश में बाढ़ एवं सूखा प्रबन्धन हेतु राज्य आपदा प्रबन्धन कार्य योजना का सृजन, बुंदेलखण्ड तथा प्रदेश के अन्य दक्षिण पठारी क्षेत्र में जहॉ पानी की कमी है, नये ट्यूबवेल तथा हैण्डपम्प के लिए उपयुक्त स्थलों का चयन, जल गुणवत्ता आंकलन, प्रदेश की विलुप्त होने वाली नदियों के पुनरूद्धार संबंधी अध्ययन, प्रदेश में जलीय क्षेत्रों का मानचित्रण, प्रदेश में समेकित जलसंग्रहण प्रबंधन कार्यक्रम, हिमालय के कतिपय क्षेत्रों में ग्लेशियर तथा हिमाच्छादित क्षेत्रों का अध्ययन आदि कार्य कराये जाते हैं। संस्थान द्वारा संसाधन सम्बन्धी अध्ययन के अन्तर्गत विकेन्द्रीकृत नियोजन हेतु अन्तरिक्ष आधारित सूचना सहायता प्रणाली (एस0आई0एस0डी0पी0) अपडेट परियोजना का प्रदेश में सम्पादन, हिमालय क्षेत्र में भूस्खलन संबंधी पाइलेट अध्ययन, भूस्खलन जोखिम प्रबंधन हेतु राष्ट्रीय रणनीति का सृजन, गंगा नदी बहाव में आये परिवर्तनों का अध्ययन, झांसी तथा ललितपुर जनपदों में खनिज सम्पदा का अध्ययन, ललितपुर एवं महोबा जनपदों में भूपर्यावरणीय अध्ययन, राप्ती नदी के जलग्रहण क्षेत्र का भूआकृतिक अध्ययन, प्रदेश में नये बैराज, पुल, सड़क एवं रेलमार्गों के लिए सुरक्षित स्थल चयन, सम्पूर्ण प्रदेश भूआकृतिकीय एवं स्थलानुरेख मानचित्रण, सम्पूर्ण प्रदेश के लिए प्राकृतिक संसाधन सूचना प्रणाली का सृजन एवं प्रदेश में भूकम्प आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए स्टेट डिजास्टर मैनेजमेन्ट प्लान  सृजन का अध्ययन किया जाता है। उसी तरह वन संसाधन सम्बन्धी अध्ययन के अन्तर्गत वन विभाग उ0प्र0 के वन प्रभागों की कार्य योजना का सृजन, वन बन्दोबस्त परियोजना में वन सीमाओं का डिजिटलीकरण एवं वनाच्छादन मानचित्रण, प्रदेश के विभिन्न भागों में जंगलों में आयी बढ़ोत्तरी या कमी का आंकलन तथा अलग-अलग प्रकार के जंगलों और पेड़ों की पहचान का कार्य, विभिन्न नेशनल पार्क में जंगलों, चारागाहों तथा पानी के श्रोतों का अध्ययन एवं सामाजिक-वानिकी के लिए वृक्षारोपण हेतु उचित स्थलों के चयन का अध्ययन किया जाता है। यह संस्थान प्रदेश के कृषि संसाधन संबंधी अध्ययन कार्य के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के लोअर, गंगा, हैदरगढ़ तथा बुन्दलेखण्ड नहरों के कमाण्ड क्षेत्र में वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना, गेहूँ, धान, गन्ना, सरसों, मक्का तथा बाजरा की फसल के क्षेत्रफल एवं उपज संबंधी पुर्वानुमान, सूखा प्रभावित क्षेत्रों का सेटेलाइट चित्रों से आंकलन, रेशम उद्योग के विकास के लिए सेटेलाइट चित्रों के द्वारा सर्वे तथा प्रदेश में बागानों के विकास का अध्ययन किया जाता है। मृृदा संसाधन संबंधी अध्ययन के अन्तर्गत प्रदेश में मरूस्थलीकरण तथा भूमि अपक्षय का अनुश्रवण, विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित ऊसर भूमि सुधार परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों की ऊसर तथा परती जमीन का सेटेलाइट चित्रों से खसरा स्तर तक सर्वे तथा ऊसर भूमि सुधार की मानिटरिंग का कार्य किया जाता है। प्रदेश में भूमि उपयोग एवं नगरीय सर्वेक्षण संबंधी अध्ययन के लिए प्रदेश के सभी जनपदों के भूमि उपयोग तथा भूअच्छादन का सेटेलाइट चित्रों से मानचित्रण, प्रदेश के मुख्य शहरों के फैलाव का सेटेलाइट चित्रों से मानचित्रण, प्रदेश के विभिन्न विकास प्राधिकरणों के अन्तर्गत अनाधिकृत कालोनियों का जी0आई0एस0 आधारित मानचित्रीकरण एवं इलेक्ट्रानिक बस रूट मानचित्रण का अध्ययन किया जाता है। रिमोट सेन्सिंग तकनीक के माध्यम से प्रदेश के चहुमुखी उत्थान के लिए भू-सम्पदा, जल सम्पदा, जल संसाधन, वन एवं कृषि सम्पदा, मृदा, भूमि उपयोगिता, भू-आच्छादन, नगरीय संरचना आदि क्षेत्रों में अनेक बहुमूल्य आंकडे़ एकत्रित कर विकास कार्यों में यह संस्थान सहयोगी रहा है।

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