1984 सिख विरोधी दंगे: कांग्रेस नेता सज्जन कुमार दोषी करार, ताउम्र कैद की सजा
यह मामला 1984 दंगों के दौरान एक-दो नवम्बर को दक्षिण पश्चिम दिल्ली की पालम कॉलोनी में राज नगर पार्ट-1 क्षेत्र में सिख परिवार के पांच सदस्यों की हत्या करने और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारे में आगे लगाने से जुड़ा है।
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में दोषी ठहराते हुए उसे ताउम्र कैद की सजा सुनाते हुए कहा कि ये दंगे "राजनीतिक संरक्षण" का आनंद लेने वाले लोगों द्वारा "मानवता के खिलाफ अपराध" थे। उच्च न्यायालय ने कहा कि इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अरोपियों को सजा देने में तीन दशक लग गए लेकिन पीड़ितों को यह आश्वासन देना आवश्यक है कि अदालत के समक्ष पेश होने वाली चुनौतियों के बावजूद ‘‘सत्य की जीत होगी और न्याय होगा।’’
#WATCH: HS Phoolka and Manjinder Singh Sirsa celebrate outside Delhi High Court. The Court today sentenced Congress leader Sajjan Kumar to life imprisonment in 1984 anti-Sikh riots case. pic.twitter.com/tpPSgjvDjO
— ANI (@ANI) December 17, 2018
यह मामला 1984 दंगों के दौरान एक-दो नवम्बर को दक्षिण पश्चिम दिल्ली की पालम कॉलोनी में राज नगर पार्ट-1 क्षेत्र में सिख परिवार के पांच सदस्यों की हत्या करने और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारे में आगे लगाने से जुड़ा है। उच्च न्यायालय ने 73 वर्षीय कुमार और अन्य पांच को दोषी करार देते हुए 31 दिसम्बर तक आत्मसमर्पण करने और तक तब दिल्ली ना छोड़ने का निर्देश दिया है। पूर्व संसद सज्जन कुमार सहित छह आरोपियों के खिलाफ वर्ष 2010 में सुनवाई शुरू हुई थी और तीन वर्ष बाद निचली अदालत ने कांग्रेस नेता को बरी करते हुए पांच अन्य को दोषी ठहराया था। सिख विरोधी दंगों के समय सज्जन कुमार संसद सदस्य थे।
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न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की एक पीठ ने कांग्रेस नेता को आपराधिक साजिश रचने तथा हत्या के लिए उकसाने, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक सद्भाव तथा गुरुद्वारे को अपवित्र करने और उसको क्षतिग्रस्त करने के लिए प्रतिकूल कृत्य करने का दोषी ठहराया। पीठ ने कहा कि मुख्य रूप से तीन प्रत्यक्षदर्शियां जगदीश कौर, उनके रिश्तेदार जगशेर सिंह और निरप्रीत कौर के साहस एवं दृढ़ता के कारण आरोपियों को न्याय के दायरे में लाया जा सका। जगदीश कौर के पति और पुत्र के अलावा तीन अन्य रिश्तेदार केहर सिंह, गुरप्रीत सिंह, रघुवेन्दर सिंह, नरेन्द्र पाल सिंह और कुलदीप सिंह इस घटना में मारे गए थे।
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पीठ ने मामले में निचली अदालत के कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल, पूर्व विधायक महेंद्र यादव और कृष्ण खोखर को दोषी ठहराने के साथ ही उन्हें मिली सजा को भी बरकरार रखा। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे।
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