5 बार के विधायक रहे श्रवण कुमार ने गहलोत के सलाहकारों पर कसा तंज, जानिए क्या कहा
श्रवण कुमार सीएम के सलाहकार डॉ जितेंद्र सिंह और विधायक राजकुमार शर्मा पर तंज कसते हुए कहा कि दोनों विधायक सीएम गहलोत को क्या सलाह देंगे। सरकार का बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि गहलोत कैबिनेट में ऐसे लोगों को मंत्री बना दिया गया जिन्हें पयजामे का नारा बांधना तक नहीं आता है।
कांग्रेस नेता श्रवण कुमार राजस्थान के झुंझुनू जिले के कद्दावर नेता माने जाते हैं। समर सिंह पांच बार के विधायक रह चुके हैं। पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। जिसके बाद से लगातार उनकी अनदेखी की जा रही है। वह अपनी अनदेखी सह नहीं पाए और उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। श्रवण सिंह ने कहा जिन्हें अपने पयजामे का नाडा बांधना नहीं आता है, उन्हें मंत्री बना दिया गया। पूर्व विधायक श्रवण कुमार बुहाना में कांग्रेस के डिजिटल अभियान की मीटिंग में बोल रहे थे। यहां उन्होंने राजस्थान कांग्रेस के बड़े नेताओं पर भी जमकर निशाना साधा।
श्रवण कुमार सीएम के सलाहकार डॉ जितेंद्र सिंह और विधायक राजकुमार शर्मा पर तंज कसते हुए कहा कि दोनों विधायक सीएम गहलोत को क्या सलाह देंगे। सरकार का बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि गहलोत कैबिनेट में ऐसे लोगों को मंत्री बना दिया गया जिन्हें पयजामे का नारा बांधना तक नहीं आता है। जिंदगी में हमेशा ही उन्होंने इलास्टिक के नारे का पजामा पहना है।
श्रवण सिंह अपनी अनदेखी से नाराज
श्रवण सिंह ने कहा कांग्रेस में जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं की मेहनत को अनदेखा किया जा रहा है। मंत्री पद और अन्य तरीके के जिम्मेदारियां देकर संतुलन बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कार्यकर्ताओं का ध्यान रखा जाना चाहिए। कांग्रेस फिर खड़ी होगी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आगे लाना चाहिए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सम्मान करना चाहिए।
आपको बता दें श्रवण कुमार कांग्रेस के झुंझुनू जिले के वरिष्ठ नेता है। उन्होंने पहली बार 1993 में पिलानी विधानसभा से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था। वो पहली बार निर्दलीय के रूप में जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। उसके बाद वह कांग्रेस में शामिल होकर पांच बार विधायक बने। पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला से कई बार टक्कर लेने वाले श्रवण कुमार को अपने पिछले विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। उन्हें इस बात का मलाल है कि पार्टी का वरिष्ठ नेता होने के नाते पार्टी में उन्हें कोई पद नहीं दिया गया है।
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