चिकित्सक की आत्महत्या मामले में AAP विधायक प्रकाश जरवाल को HC ने दी जमानत
न्यायमूर्ति कैत ने कहा, ‘‘उपरोक्त चर्चा और तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता (जरवाल) नौ मई से न्यायिक हिरासत में है, याचिकाकर्ता से और पूछताछ की जरूरत नहीं है और सुनवाई में कुछ समय लगेगा, मेरा मानना है कि याचिकाकर्ता जमानत के हकदार हैं।’’
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दक्षिण दिल्ली में एक चिकित्सक की कथित आत्महत्या से जुड़े मामले में आम आदमी पार्टी (आप) विधायक प्रकाश जरवाल को बुधवार को जमानत दे दी। अदालत ने कहा कि उनसे और पूछताछ की जरूरत नहीं है और सुनवाई में पर्याप्त समय लगेगा। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने 25 हजार रुपये के एक मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर विधायक की जमानत मंजूर की। अदालत ने जरवाल को गवाहों को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करने को कहा। न्यायमूर्ति कैत ने कहा, ‘‘उपरोक्त चर्चा और तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता (जरवाल) नौ मई से न्यायिक हिरासत में है, याचिकाकर्ता से और पूछताछ की जरूरत नहीं है और सुनवाई में कुछ समय लगेगा, मेरा मानना है कि याचिकाकर्ता जमानत के हकदार हैं।’’
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दक्षिण दिल्ली के दुर्गा विहार में 18 अप्रैल को राजेंद्र सिंह (52) ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। अपने सुसाइड नोट में चिकित्सक ने अपनी मौत के लिए जरवाल को जिम्मेदार ठहराया था। जरवाल की तरह, सिंह 2007 से दिल्ली जल बोर्ड के साथ पानी आपूर्ति के काम में भी शामिल थे और पुलिस ने आरोप लगाया कि विधायक और उनके साथी चिकित्सक समेत अन्य पानी-टैंकर मालिकों से उगाही कर रहे थे। चिकित्सक के बेटे हेमंत की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जरवाल और अन्य के खिलाफ जबरन वसूली और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था। इसके बाद देवली विधानसभा क्षेत्र से विधायक जरवाल को नौ मई को गिरफ्तार किया गया था।
उच्च न्यायालय ने अपने 16 पृष्ठ के जमानत आदेश में कहा कि तथ्य यह है कि सिंह ने 18 अप्रैल को आत्महत्या कर ली थी, लेकिन उस तारीख से तुरंत पहले, पुलिस द्वारा बरामद ‘सुसाइड नोट’ और ‘डायरी’ में जरवाल के खिलाफ कोई आरोप नहीं थे। गवाहों को धमकी देने और प्रभावित करने के आरोपों के संबंध में अदालत ने कहा कि पुलिस इस पर पहले ही संज्ञान ले चुकी है और भविष्य में यदि इस तरह की कोई घटना होती है तो पुलिस कानून के अनुसार ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। अदालत ने कहा कि विधायक के भाई अनिल जरवाल का नाम भी सुसाइड नोट में है और उन्हें एक निचली अदालत द्वारा पहले ही अग्रिम जमानत मिल चुकी है।
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विधायक जरवाल ने कहा था कि यह कथित सुसाइड नोट मनगढ़ंत है और यह अलग-अलग कलमों के साथ दो अलग-अलग लिखावट में था। जरवाल के करीबी सहयोगी और मामले में सह-आरोपी कपिल नागर को 22 जून को एक निचली अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी थी। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि सिंह को जरवाल और अन्य लोगों द्वारा धमकी दी गई और भयभीत किया गया। पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि पानी-टैंकर मालिकों और आरोपी लोगों के बीच एक बड़ी सांठगांठ है।
Delhi High Court grants bail to AAP MLA Prakash Jarwal (in file pic) in connection with a doctor’s alleged suicide case. He will be released on bail on furnishing a personal bond of Rs 25,000 before Jail Superintendent. pic.twitter.com/nGBW4pgA5N
— ANI (@ANI) June 24, 2020
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