आत्मनिर्भर भारत अभियान विश्व कल्याण का मार्ग, देश को कर रहा सशक्त: PM मोदी
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Dec 24 2020 12:41PM
उन्होंने कहा कि भारत आज ‘अंतरराष्ट्रीय सौर अलायंस’ के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में विश्व का नेतृत्व कर रहा है तो वह आज इकलौता बड़ा देश है जो पेरिस समझौते के पर्यावरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के सही मार्ग पर है।
शांतिनिकेतन (कोलकाता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को विश्व कल्याण का मार्ग बताया और कहा कि यह भारत को सशक्त करने के साथ विश्व में समृद्धि लाने का भी अभियान है। पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम सेसंबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी विश्वविद्यालय से निकला संदेश आज पूरे विश्व तक पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत आज ‘अंतरराष्ट्रीय सौर अलायंस’ के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में विश्व का नेतृत्व कर रहा है तो वह आज इकलौता बड़ा देश है जो पेरिस समझौते के पर्यावरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के सही मार्ग पर है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी इस समारोह के दौरान उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वेद से विवेकानंद तक भारत के चिंतन की धारा गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के ‘राष्ट्रवाद’ के चिंतन में मुखर थी। उन्होंने कहा, ‘‘उनका विजन था कि जो भारत में सर्वश्रेष्ठ है, उससे विश्व को लाभ हो और जो दुनिया में अच्छा है, भारत उससे भी सीखे। आपके विश्वविद्यालय का नाम ही देखिए, विश्व-भारती। मां भारती और विश्व के साथ समन्वय।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विश्व भारती के लिए गुरुदेव का विजन आत्मनिर्भर भारत का भी सार है। आत्मनिर्भर भारत अभियान भी विश्व कल्याण के लिए भारत के कल्याण का मार्ग है। ये अभियान, भारत को सशक्त करने का अभियान है, भारत की समृद्धि से विश्व में समृद्धि लाने का अभियान है।’’PM Narendra Modi attends centenary celebrations of Visva-Bharati University in Shantiniketan, West Bengal, via video conferencing. pic.twitter.com/iYfqnHjMYa
— ANI (@ANI) December 24, 2020
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रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा 1921 में स्थापित विश्व भारती, देश का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। नोबेल पुरस्कार विजेता टैगोर पश्चिम बंगाल की प्रमुख हस्तियों में गिने जाते हैं। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। वर्ष 1951 में विश्व भारती को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था और उसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में शुमार किया गया था। प्रधानमंत्री इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होते हैं।
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