केजरीवाल के घर के बाहर तोड़फोड़ मामले में आरोपियों को नहीं मिली जमानत, HC ने कहा- प्रदर्शनकारियों ने नहीं किया निर्देशों का सम्मान

Kejriwal
अभिनय आकाश । Apr 6 2022 1:59PM

तिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन कुमार कश्यप ने कहा कि किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता पूर्ण नहीं है यदि यह समाज को नुकसान पहुंचाता है और कहा, 'प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट है कि शांतिपूर्ण विरोध करने का उनका मौलिक अधिकार जानबूझकर उनके द्वारा पार किया गया है।

दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर 29 मार्च को हुई तोड़फोड़ के एक मामले में गिरफ्तार भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीवाईजेएम) के आठ कार्यकर्ताओं को जमानत देने से इनकार कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन कुमार कश्यप ने कहा कि किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता पूर्ण नहीं है यदि यह समाज को नुकसान पहुंचाता है और कहा, "प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट है कि शांतिपूर्ण विरोध करने का उनका मौलिक अधिकार जानबूझकर उनके द्वारा पार किया गया है। आदेश में कहा गया है कि इकट्ठा होने और विरोध करने का अधिकार एक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है, हालांकि, "ऐसा अधिकार कुछ प्रतिबंधों के अधीन है और अनियंत्रित नहीं है।

कोर्ट ने क्या कहा

जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह शांतिपूर्वक विरोध करने के मौलिक अधिकार से कहीं ज्यादा है। इस टिप्पणी के साथ ही कोर्ट ने चंद्र कांत भारद्वाज, नवीन कुमार, नीरज दीक्षित, सनी, जितेंद्र सिंह बिष्ट, प्रदीप कुमार तिवारी, राजू कुमार सिंह और बबलू कुमार को राहत देने से इनकार कर दिया। न्यायाधीश ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि किसी राजनीतिक दल से जुड़े लोगों को इकट्ठा होने और विरोध करने का मौलिक अधिकार है, लेकिन इस अधिकार का इस्तेमाल करने की कुछ सीमाएं होती हैं और अनियंत्रित तरीके से इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है।

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क्या है पूरा मामला

फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर केजरीवाल की टिप्पणी के विरोध में युवा मोर्चा अध्यक्ष और लोकसभा सांसद तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प के बाद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के बाहर हिंसा और तोड़फोड़ का दृश्य सामने आया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1 अप्रैल को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के बाहर हुई हिंसा के संबंध में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने टिप्पणी की कि यह स्पष्ट है कि डर पैदा करने के प्रयास किए गए। इसके साथ ही कोर्ट ने पूरे मामले पर दिल्ली पुलिस को घटना के बारे में स्पष्टीकरण देने की बात कही। हंगामे के बीच आप नेता के घर को लाल रंग से रंगा गया। हिंसा भड़कने के बाद पुलिस ने करीब 70 लोगों को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया था। पुलिस ने बाद में दिन में मामले में दर्ज व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के लिए टीमों को भेजा।

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