Gujarat Election 2022 में कांग्रेस पार्टी की ये रही कमजोरी, हार के बाद रघु शर्मा ने भी दिया इस्तीफा

raghu sharma
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गुजरात में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। हार के बाद कांग्रेस पार्टी के गुजरात प्रभारी रघु शर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया है। हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने इस्तीफा दिया है। बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी मात्र 17 सीटों पर सिमट कर रह गई है।

विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद कांग्रेस के गुजरात प्रभारी रघु शर्मा ने इस्तीफा दिया है। गुजरात विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी रघु शर्मा ने हार की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस्तीफा हाथ से लिखकर दिया है। 

पार्टी पदाधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। शर्मा ने राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ तथाकथित ‘शांतिपूर्ण अभियान’ का नेतृत्व किया था। गुजरात में पार्टी इकाई के सूत्रों ने कहा कि इस अप्रत्याशित हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर के भी जल्द ही इस्तीफा देने की उम्मीद है। कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि पार्टी की कड़ी मेहनत के बावजूद हार अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि हम स्थिति का आकलन करेंगे। बता दें कि रघु शर्मा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद करीबी माने जाते है।

इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार के भी कई मुख्य कारण रहे है। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया है। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी एक तय तरीके से ही प्रचार करती रही थी। इस चुनाव में प्रचार का सारा दारोमदार स्थानीय नेताओं के कंधे पर डाला गया था जबकि बड़े नेताओं ने प्रचार से दूरी बनाई थी। इस रणनीति का कांग्रेस को फायदा नहीं हुआ बल्कि जनता ने इस तरीके को सिरे से नकार दिया है।

जानकारी के मुताबिक स्थानीय नेताओं में हाईकमान की अपेक्षा कम अनुभव था। ऐसे में उन्हें यहां जनता का अधिक सपोर्ट नहीं मिला। गुजरात में कांग्रेस पार्टी के सात कार्यकारी अध्यक्ष थे। इनमें से कई अध्यक्षों को चुनावों से कुछ समय पूर्व ही नियुक्त किया गया था। इनमें कई ऐसे नेता रहे जो हाल ही में कई बड़ी जिम्मेदारी निभाते दिखे। इस बार कांग्रेस पार्टी के साथ हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर भी युवाओं को साथ लाने में सफल नहीं हो सके। हार्दिक पटेल खुद ही चुनावों से कुछ समय पूर्व कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में जुड़ गए थे।

कांग्रेस पार्टी आम आदमी पार्टी की मौजूदगी के कारण भी चुनावों में परेशान रही। आमतौर पर गुजरात में भाजपा और कांग्रेस पार्टी के बीच चुनाव होता था मगर इस बार मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था। आम आदमी पार्टी के आने से भाजपा को अधिक नुकसान तो नहीं हुआ मगर कांग्रेस पार्टी की स्थिति काफी कमजोर हो गई। 

भारत जोड़ो यात्रा नहीं दिखा पाई कमाल

इस चुनाव में भारत जोड़ो यात्रा भी अधिक कमाल नहीं कर सकी। कांग्रेस पार्टी की इस भारत जोड़ो यात्रा का गुजरात चुनाव में कोई खास असर नहीं हुआ है। गुजरात चुनाव में कांग्रेस पार्टी कुछ खास फायदा नहीं हुआ। इससे ये साफ हुआ है कि भारत जोड़ो यात्रा पार्टी को चुनाव जीताने में कोई भूमिका नहीं निभा सकी है। 

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