राजस्थान घटनाक्रम के बाद पहली बार अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से की बात, कहा- कभी आलाकमान को चुनौती नहीं दी

राजस्थान में गहलोत खेमे के विधायकों द्वारा दिखाई गई 'अनुशासनहीनता' से कांग्रेस आलाकमान 'नाराज' बताया जा रहा है। बीते दिनों गहलोत खेमे के 80 से ज्यादा विधायकों ने सचिन पायलट को अगले मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने से रोकने के लिए दबाव की रणनीति के तहत इस्तीफा देने की धमकी दी थी। पार्टी ने अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने तक यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है और पार्टी के शीर्ष पद के लिए सबसे आगे चल रहे अशोक गहलोत अब इस दौड़ से बाहर बताए जा रहे हैं। वहीं अशोक गहलोत ने पार्टी विधायकों की कोई बैठक नहीं बुलाई है। उनके कार्यालय ने स्पष्ट करते हुए कहा कि वो अपने नियमित कार्य रोजाना की तरह कर रहे हैं।
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अशोक गहलोत ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की है। लेकिन कहा जा रहा है कि अभी तक गतिरोध में कोई सफलता नहीं मिली है। रविवार को जयपुर में देर रात हुए ड्रामे के बाद दोनों ने पहली बार बात की है। अशोक गहलोत ने कथित तौर पर सोनिया गांधी से कहा कि वह कांग्रेस आलाकमान को कभी चुनौती नहीं देंगे। आगामी अध्यक्ष चुनावों के बारे में अंतिम निर्णय लेने से पहले सोनिया गांधी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मिलना और परामर्श करना जारी रखेंगी।
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राजस्थान के मंत्री प्रताप खचरियावास ने कहा कि बीजेपी जो कहती या करती है उससे कांग्रेस कमजोर नहीं होगी। बीजेपी को लगता है राजस्थान में सब खत्म हो गया है मामला राजस्थान के कांग्रेस परिवार का अंदरूनी मामला है। अगर नाराज हुए विधायकों ने गुस्से में अपना इस्तीफा दे दिया है, तो यह हमारा पारिवारिक मामला है। सोनिया गांधी या राहुल गांधी के खिलाफ एक भी विधायक नहीं है।
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