राजन की एनपीए टिप्पणी के बाद कांग्रेस, भाजपा में वाकयुद्ध
पूर्व आरबीआई गर्वनर रघुराम राजन की बढ़ते एनपीए (गैर निष्पादित संपत्तियां) पर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस और भाजपा के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। विपक्षी दल का कहना है
नयी दिल्ली। पूर्व आरबीआई गर्वनर रघुराम राजन की बढ़ते एनपीए (गैर निष्पादित संपत्तियां) पर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस और भाजपा के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। विपक्षी दल का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘‘पलक झपकते’’ ऋण देने की नीति को एनपीए में बढ़ोतरी का कारण बताया है। वहीं भाजपा का कहना है कि राजन की टिप्पणी कांग्रेस द्वारा किए भ्रष्टाचार का ढिंढोरा पीटती है।
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि बैंक अधिकारियों के अति उत्साह, सरकार की निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुस्ती तथा आर्थिक वृद्धि दर में नरमी डूबे कर्ज के बढ़ने की प्रमुख वजह है। राजन ने एक संसदीय समिति को दिए नोट में यह राय व्यक्त की है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ‘‘यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक ऐसी सरकार का नेतृत्व किया, जिसने भारतीय बैंकिंग प्रणाली के मूल पर हमला किया।
रघुराम राजन ने कहा था कि 2006-2008 के बीच संप्रग कामकाज से भारतीय बैंकिंग संरचना में एनपीए में बढ़ोतरी हुई। ईरानी ने कहा कि राजन की टिप्पणी कांग्रेस द्वारा किए भ्रष्टाचारों का ढिंढोरा पीटती है। इससे पहले, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘रघुराम राजन ने कहा है कि 2016 में उन्होंने बकायदा एक ‘फ्रॉड रिपोर्टिंग और मॉनीटरिंग अथॉरिटी’ बनाई थी। प्रधानमंत्री कार्यालय को सब भगोड़ों के नाम भेजे थे, पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने कुछ नहीं किया।’’
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